राष्ट्रीय सेवा योजना शिया पी जी कॉलेज के एक दिवसीय शिविर में लैंगिक असमानता विषय पर संगोष्ठी
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आज, दिनांक *17 फरवरी 2025* दिन *सोमवार* को *राष्ट्रीय सेवा योजना शिया पीजी कॉलेज* द्वारा वन डे कैंप के अन्तर्गत *लैंगिक असमानता: कारण और समाधान* विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे राष्ट्रीय सेवा योजना लखनऊ विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलरों ने हिस्सा लिया जिन्होंने लैंगिक असमानता: कारण और समाधान पर विचार व्यक्त किया और कहा कि समानता एक सुंदर और सुरक्षित समाज की वह नींव है जिस पर विकास रूपी इमारत बनाई जा सकती है।’
लैंगिक समानता क्या है? आखिर क्यों यह किसी भी समाज और राष्ट्र के लिये एक आवश्यक तत्त्व बन गया है? क्या बदलते समाज में यह प्रासंगिक है? लैंगिक समानता का अर्थ यह नहीं कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति एक लिंग का हो अपितु लैंगिक समानता का सीधा सा अर्थ समाज में महिला तथा पुरुष के समान अधिकार, दायित्व तथा रोजगार के अवसरों के परिप्रेक्ष्य में है। इसी तथ्य के मद्देनज़र सितंबर, 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में एजेंडा 2030 के अंतर्गत 17 सतत विकास लक्ष्यों को रखा गया, जिसे भारत सहित 193 देशों ने स्वीकार किया।
इन लक्ष्यों में सतत विकास लक्ष्य 5 के अंतर्गत लैंगिक समानता के विषय को भी शामिल किया गया है। स्पष्ट है कि हमारे समाज के विकास के लिये लैंगिक समानता अति आवश्यक है। महिला और पुरुष समाज के मूल आधार हैं। समाज में लैंगिक असमानता सोच-समझकर बनाई गई एक खाई है, जिससे समानता के स्तर को प्राप्त करने का सफर बहुत मुश्किल हो जाता है। स्कॉलरों ने लैंगिक असमानता के कारण और निवारण भी बताए। उक्त अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना, शिया पीजी कॉलेज सहायक *श्री अजीत सिंह* और भारी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
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