Inspiring :चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से
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नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
चतुरी चाचा ने प्रपंच चबूतरे पर पहुंचते ही मुझे हाँक लगाई। उनकी गर्राबी आवाज सुनकर मुझे गुदगुदी हुई। मेरी प्रसन्नता का कारण यह था कि चाचा ने काफी दिनों बाद मुझे हाँक लगाई थी। मैं मॉस्क लगाकर तुरन्त प्रपंच चबूतरे पर पहुंच गया। चाचा बोले- रिपोर्टर, तुम मेरे अच्छे पड़ोसी हो। तुम बतकही में सबसे पहले आया करो। हमने कहा- हाँ, चाचा। मैं सबसे पहले हाजिर हो जाया करूँगा। तभी पच्छे हार से मुंशीजी, कासिम चचा और पूरब टोला से ककुवा, बड़के दद्दा भी आ गए।
चतुरी चाचा ने कहा- बड़ा खराब समय चल रहा है। एक तरफ दुनिया कोरोना से पीड़ित है। दूसरी तरफ बाढ़, तूफान, चक्रवात, अग्निकांड व आकाशीय बिजली जैसी दैवीय आपदाओं की मार पड़ रही है। लेकिन, कितनी अजीब बात है। ऐसे कठिन दौर में भी लोग मरने-मारने पर उतारू हैं। मैंने अपने जीवन में इतना मुश्किल दौर कभी नहीं देखा है। देखा जाए तो तमाम समस्याओं की जड़ चीन है। संसार को कोरोना जैसी महामारी चीन ने दी है। साथ ही, चीन अपनी विस्तारवादी कुनीति के चलते भारत सहित अन्य देशों से युध्द करने पर आमादा है।
ककुवा बोले- चतुरी भाई, तुमरी बाति सोलह आने साँच हय। यहू ससुरा चीनु पूरी दुनिया कहियाँ दिक्कत मा डारे हय। सब देसन का जुटियायक इहिका फनु कुचिलय देय चही। ड्रैगन पूरी दुनिया पय दादागिरी दिखावा चाहत हय। इ चिमिन्धी आँख वाले अपनक अमेरिकव ते उपर मानय लाग हयँ। हमरे भारत ते लड़यक दम नाहीं अउ ससुरा अमरीकक आँखि तरेरत हय। यतनी बड़ी दुनियम खाली पाकिस्तान अउ नेपाल इहिके पिछलग्गू बने हयँ। याउ दुनव दयास चीन केरे चक्कर महियाँ बर्बाद होई हयँ।
इसी बीच चंदू बिटिया खट्टा-मीठा आंवले का मुरब्बा, गुनगुना नींबू पानी व तुलसी-अदरक की कड़क चाय लेकर आ गई। वह चबूतरे के एक कोने पर ट्रे रख चली गई। हम सबने आंवले का मुरब्बा खाने के बाद गुनगुना नींबू पानी पीया। फिर सबने चाय का कुल्हड़ उठा लिया। ककुवा बोले- चतुरी भइय्या, मुरब्बा तौ बड़ा नीक बना हय। कहाँ ते मंगवाये हौ। चतुरी चाचा ने बताया कि बड़कऊ की ससुरारि से आया है। हमारे समधी गुड़, राब, सिरका, आचार व मुरब्बा समय-समय पर दे जाते हैं।
कासिम चचा ने ककुवा की बात आगे बढ़ाते हुए कहा- चीन गीदड़ भभकी मार रहा है। बाकी आज की तारीख में भारत से युद्ध करने में घबड़ा रहा है। उसे पता चल चुका है कि भारत 1962 वाला नहीं है। अब भारत राफेल वाला ताकतवर देश है। भारतीय सेना चीन को रौंदने के लिए मुस्तैद है। तभी रूस में एक सम्मेलन के दौरान हमारे रक्षामंत्री व विदेशमंत्री से उनके समकक्ष ने अनुरोध करके बातचीत की। चीन ने कल हमारे पाँच नागरिकों को भी वापस कर दिया। लेकिन, चालबाज चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
मुंशीजी बड़के दद्दा को खिझाते हुए बोले- का हो बड़के? तुम्हारी रिया तो ड्रग्स के धंधे में जेल चली गई। बड़के दद्दा भड़क कर बोले- हमारी रिया? यह कैसे कह दिया? उससे मेरी कोई सहानुभूति नहीं है। वही तो सुशांत सिंह राजपूत जैसे होनहार अभिनेता को खा गई। रिया मुझे नहीं, शिवसेना को प्यारी है। उसी के चक्कर में शिवसेना मुंबई में गुंडई पर उतरी। बॉलीवुड की सफल अभिनेत्री और सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहने वाली कंगना रनौत के ऑफिस को तोड़वा दिया गया। कंगना जैसी बहादुर बेटी को शिवसेना लगातार तंग कर रही है। मुंशीजी ने कहा- तुम तो मजाक में नाराज हो गए भइय्या। तुम सही कह रहे हो। इसी प्रकरण में शिव सैनिकों ने एक बुजुर्ग नेवी अफसर को उनके घर जाकर बुरी तरह से पीटा है।
चतुरी चाचा ने कहा- सुशांत-रिया प्रकरण में राजनीति घुस गई है। इस राजनीति से सरकारों को सुकून है। क्योंकि, मीडिया ही नहीं, बल्कि जनता का भी ध्यान कोरोना विस्फोट और प्राकृतिक आपदा से हट गया है। सब सुशांत-रिया और कंगना में मस्त है। वैसे उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र सम्भाल नहीं पा रहे हैं। लेकिन, हम लोग तो कोरोना महामारी पर चर्चा करनी ही है। रिपोर्टर, तुम्हारे आंकड़े क्या कह रहे हैं?
हमने बताया- चाचा, कोरोना की स्थिति बड़ी भयावह है। वैसे तो दुनिया के अनेक देशों में कोरोना का कोहराम है। परंतु, अपने भारत में इस समय कोरोना संक्रमण चरम पर पहुंच रहा है। विश्व में अबतक करीब तीन करोड़ लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। वहीं, कोरोना नौ लाख से अधिक लोगों की जान ले चुका है। भारत में भी अबतक 46 लाख से अधिक लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। जबकि 76 हजार से ज्यादा लोग बेमौत मारे जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश विशेषकर लखनऊ में भी कोरोना बुरी तरह से फैल रहा है। इसके बावजूद लोग घोर लापरवाही कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण को सिर्फ मॉस्क के प्रयोग और दो गज की दैहिक दूरी से रोका जा सकता है।
इसी के साथ आज की बतकही यहीं समाप्त हो गई। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली पंचायत लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!
- नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
13 सितंबर, 2020
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