वन्य जीवों से लगाव और जागरूकता की आवश्यकता
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वन्य प्राणि सप्ताह के राज्य स्तरीय समारोह का हुआ उद्घाटन
लखनऊ (सं)। पहली से सात अक्टूबर तक चलने वाले वन्य प्राणि सप्ताह के राज्य स्तरीय समारोह का उद्घाटन मंगलवार को मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद वन पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन विभाग दारा सिंह चौहान ने किया। समारोह का उद्घाटन नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान स्थित 3डी आडिटोरियम में किया गया। इस अवसर पर राज्य मंत्री वन पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन विभाग अनिल शर्मा और प्राणि उद्यान के निदेशक आरके सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
अपने उद्बोधन में दारा सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व में यह कार्यक्रम सिर्फ प्राणि उद्यानों में ही मनाया जाता था परन्तु अब यह प्रदेश के प्रत्येक जनपद में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणियों की रक्षा, संरक्षण तभी हो सकती है जब हमें उनसे लगाव हो और इसके लिए जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को सभी जनपदों की प्रभागीय वनाधिकारी के माध्यम से सभी स्कूलों में भी किया जाये। दारा सिंह चौहान ने एक दिन में 22 करोड़ पौधों के रोपण के लिए भी विभाग को बधाई दी। वन मंत्री ने सॉफ्ट ट्वायज, वायर आर्ट, फेस पेन्टिंग, बेस्ट आउट आफ वेस्ट, कार्ड मेकिंग, ज्वेलरी, कीरिंग बनाना, टैटू विद कलर, वाइल्ड लाइफ से सम्बन्धित टी-शर्ट प्रिन्टिंग बनाना और सिखाने का निरीक्षण किया। इसके बाद यहां लगी फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। राज्य मंत्री वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन अनिल शर्मा ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां पर पेड़-पौधे, नदी, वायु आदि का एक विषेश स्थान है। इस दौरान मत्स्य विषेशज्ञ इन्द्रमणि राजा की ओर से गम्बूसिया मछली का निशुुल्क वितरण किया गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव सुनील पाण्डेय ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए लोगों का ध्यान आकर्षित करना है। कल्पना अवस्थी प्रमुख सचिव वन पर्यावरण एंव जलवायु परिवर्तन ने कहा कि उनके संज्ञान में आता रहता है कि कहीं टाइगर को तो कहीं तेंदुओं को मार दिया जाता है। उन्होंने कहा टाइगर हमारा राष्ट्रीय पशु है और उसको मारने वाले के लिए दण्ड के कड़े प्राविधान हैं।
वन्य प्राणि सप्ताह के राज्य स्तरीय समारोह का हुआ उद्घाटन
लखनऊ (सं)। पहली से सात अक्टूबर तक चलने वाले वन्य प्राणि सप्ताह के राज्य स्तरीय समारोह का उद्घाटन मंगलवार को मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद वन पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन विभाग दारा सिंह चौहान ने किया। समारोह का उद्घाटन नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान स्थित 3डी आडिटोरियम में किया गया। इस अवसर पर राज्य मंत्री वन पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन विभाग अनिल शर्मा और प्राणि उद्यान के निदेशक आरके सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
अपने उद्बोधन में दारा सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व में यह कार्यक्रम सिर्फ प्राणि उद्यानों में ही मनाया जाता था परन्तु अब यह प्रदेश के प्रत्येक जनपद में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणियों की रक्षा, संरक्षण तभी हो सकती है जब हमें उनसे लगाव हो और इसके लिए जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को सभी जनपदों की प्रभागीय वनाधिकारी के माध्यम से सभी स्कूलों में भी किया जाये। दारा सिंह चौहान ने एक दिन में 22 करोड़ पौधों के रोपण के लिए भी विभाग को बधाई दी। वन मंत्री ने सॉफ्ट ट्वायज, वायर आर्ट, फेस पेन्टिंग, बेस्ट आउट आफ वेस्ट, कार्ड मेकिंग, ज्वेलरी, कीरिंग बनाना, टैटू विद कलर, वाइल्ड लाइफ से सम्बन्धित टी-शर्ट प्रिन्टिंग बनाना और सिखाने का निरीक्षण किया। इसके बाद यहां लगी फोटो प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। राज्य मंत्री वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन अनिल शर्मा ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां पर पेड़-पौधे, नदी, वायु आदि का एक विषेश स्थान है। इस दौरान मत्स्य विषेशज्ञ इन्द्रमणि राजा की ओर से गम्बूसिया मछली का निशुुल्क वितरण किया गया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव सुनील पाण्डेय ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए लोगों का ध्यान आकर्षित करना है। कल्पना अवस्थी प्रमुख सचिव वन पर्यावरण एंव जलवायु परिवर्तन ने कहा कि उनके संज्ञान में आता रहता है कि कहीं टाइगर को तो कहीं तेंदुओं को मार दिया जाता है। उन्होंने कहा टाइगर हमारा राष्ट्रीय पशु है और उसको मारने वाले के लिए दण्ड के कड़े प्राविधान हैं।
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