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पुस्तक मेले में 65 लाख की किताबें खरीद चुके लखनवी लोग

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आज हो जायेगा मोती महल लॉन में पुस्तक मेले का समापन

लखनऊ (सं)। समापन से एक दिन पहले मोतीमहल लॉन में चल रहा पुस्तक मेला पुस्तकप्रेमियों से गुजलार रहा। राष्ट्रीय पुस्तक मेले की ये खासियत है कि यहां खास खास प्रकाशक अपने नयी पुरानी किताबों और उनके सवंर्धित संस्करणों के साथ मिलते हैं। वहीं महिलाओ और बच्चों ं को उनकी पसंद के हर तरह के विषयों की किताबें मिल जाती हैं। 
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित पुस्तक मेला बुधवार को सिमट जायेगा। कल अंतिम दिन कला वसुधा के विशेषांक व गीत गायें गुनगुनाएं श्रृंखला के विमोचन के साथ ही कार्यक्रमों का दौर चलेगा। पुस्तक मेला आज पढ़ो लखनऊ बढ़ो लखनऊ अभियान का हिस्सा बना। जिसके तहत मेले के अनेक प्रकाशकों, कर्मियों व पुस्तक प्रेमियों ने यहां प्रवेश द्वार के निकट पुस्तकें पढ़ीं। इस मेले में मंगलवार को भी पुस्तक प्रेमियों की आमद अच्छी रही। लोगों ने बड़ी तादाद में यहां लगे आई चेकअप कैम्प में आंखें टेस्ट करायीं। मेले में होली ट्रिनिटी पब्लिकेशन के स्टाल पर बच्चों की शुरुआती पढ़ाई की पाठ्य पुस्तकें अभिभावकों का ध्यान खींच रही हैं। मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि बिक्री की नजर से देखा जाये तो मंगलवार तक की बिक्री 65 लाख रुपये के करीब होगी। मंच पर तुलसी मीर फाउण्डेशन की ओर से कवि सम्मेलन में कविताओं और कलामों का दौर चला। गांधी जयंती की पूर्व वेला पर स्वराज, स्वदेशी और महात्मा गांधी विषय पर वसुंधरा फाउण्डेशन की ओर से रामकिशोर की अध्यक्षता में संगोष्ठी हुई। नवरात्र के तीसरे दिन मंच पर गुजरात के गरबा की धूम रत्ना अस्थाना के निर्देशन में भारतीयम के कलाकारों ने मचायी। शाम को प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद व शिवानी की कहानियों से गुलजार रही। कथाकथन की ओर से नूतन वशिष्ठ, पुनीता, अनुपमा, कनिका, मालविका, शालिनी और सोम आदि ने लाल हवेली, कर्ज, छोटा जादूगर व बूढ़ी काकी जैसी कहानियों का वाचन किया। डॉ.अमिता दुबे के कथा संग्रह सीढ़ी का विमोचन हुआ। वागीश्वरी प्रसाद की पुस्तक बहका हुआ हूं बार बार, का भी लोकार्पण किया गया।

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