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अतिक्रमण का शिकार बना सा हैदरगंज-मिल एरिया ओवरब्रिज

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लखनऊ। पुराने शहर के हैदरगंज से मिल एरिया रोड होते हुए मीना बेकरी रोड को जोडऩे वाले ओवरब्रिज का निर्माण यहां बरकरार है। अतिक्रमण की वजह से निर्माण अधर में फंसा हुआ है। फ्लाईओवर निर्माण में विद्युत, सीवेज, जलापूर्ति व दूरसंचार की लाइनें भी आड़े आने और इनकी शिफ्टिंग तेसी जे संभव नहीं होने से 11 माह में महज 28 फीसद काम पूरा कराने में सेतु निगम को खासी मशक्कत करनी पड़ी है। स्थिति यह है कि हैदरगंज से बुलाकी अड्डा की ओर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य प्रारम्भ तक नहीं कराया जा सका है। अतिक्रमण नहीं हट पाने की से सेतु निगम को मौके पर काम कराने के लिए जरूरी मशीनें व क्रेन इत्यादि लाने तक की जगह नहीं मिल पा रही है। सम्बन्धित रूट पर ट्राफिक का दिनभर जारी रहने वाला संचालन भी इस ओवरब्रिज के निर्माण में दुश्वारियां पैदा कर रहा है। सेतु निगम ने अतिक्रमण हटाने व यूटिलिटी शिफ्टिंग तेजी से सुनिश्चित कराने के लिए पिछले दिनों कई पत्र लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, जल निगम, व दूसरसंचार विभाग को भेजे पर किसी भी विभाग ने इस ओर गंभीरता से ध्यान देना शुरू नहीं किया। यही नहीं इन विभागों की ओर से अतिक्रमण हटाने व अपनी लाइनों और केबिलों की शिफ्टिंग का काम अब मुहर्रम के बाद कराये जाने की बात कही जा रही है। ऐसं में तय है कि आने वाले पन्द्रह-बीस दिनों में भी ओरवरब्रिज का निर्माण कार्य बाधित ही रहेगा। फिलहाल यह ओरवरब्रिज जितनी जल्दी तैयार होगा उतनी ही जल्द पुराने लखनऊ के चौक से हैदरगंज, बुलाकी अड्डा मिल एरिया रोड, मीना बेकरी मोड़ व चौराहा के साथ ही राजाजीपुरम के विभिन्न क्षेत्रों और कानपुर रोड को जाने वाले लोगों को आवागमन में सुविधा मिलना शुरू होगी। लोग कम समय में अपनी दूरी तय कर सकेंगे। साथ ही उक्त क्षेत्रों को वर्षों से चली आ रही जाम की समस्या से भी छुटकारा मिल सकेगा। सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक संदीप गुप्ता की माने तो बुलाकी अड्डा से हैदरगंज तक दोनों ओर इस कदर अवैध कब्जे व अतिक्रमण हैं कि काम करने के लिए मशीनों को यहां लाना तक संभव नहीं हो पा रहा है। इसी रूट पर सात भूमिगत सर्विस लेन भी गुजर रही हैं। इनमें सीवेज व जलापूर्ति की भूमिगत लाइनों के साथ ही बिजली और दूरसंचार विभाग के उपरिगामी व भूमिगत केबिल शामिल हैं। जिन्हें दूसरे स्थल पर शिफ्ट कराने में सम्बन्धित महकमें तेजी नहीं दिखा रहे हैं। उप परियोजना प्रबंधक मानस श्रीवास्तव बताते हैं कि ओवरब्रिज निर्माण के लिए निर्धारित रूट का अतिक्रमण हटाने को कई पत्र लोक निर्माण विभाग को भेजे गये। इसके बावजूद अवैध कब्जे नहीं हट पाने से काम कराने के लिए पर्याप्त स्थल तक नहीं मिल पा रहा है। जिससे निर्माण कार्य कराने मे खासी दिक्कतें आ रही हैं। अतिक्रमणकारी अक्सर विरोध करते रहते हैं जबकि ट्रैफिक का आवागमन भी दिनभर जारी रहने में कई घंटों का काम बाधित हो रहा है। वह दावा करते हैं कि यदि अतिक्रमण हटने के साथ ही यूटिलिटी शिफ्टिंग का काम भी सम्न्धित महकमें तेजी से करवा दें तो ओवरब्रिज का निर्माण संशोधित लक्ष्य जून-2020 से एक माह पूर्व मई-2020 में पूरा करावाया जा सकता है।

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