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नेशनल पीजी कॉलेज, लखनऊ के विशेष शिविर में बेस्ट जल दिवस मनाया गया

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नेशनल पीजी कॉलेज, लखनऊ में आज दिनांक 22 .03.2022 को महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेवा योजना के सप्त दिवसीय शिविर के  नेशनल पीजी कॉलेज, लखनऊ में  l स्वयंसेवकों/ स्वयंसेविकाओं ने *जल ही जीवन है*, *बिना पानी के जीवन संभव नहीं* l पर्यावरण संतुलित रहे इसलिए जल का संचय करें जैसे संदेश देने के लिए *रंगोली*, *प्लेकार्ड*, *मॉडल*, *पोस्टर* बनाकर तथा *स्लोगन* लिखकर एवं *नुक्कड़ नाटक* द्वारा अपने व्यक्तिगत भाव व्यक्त किए l *बौद्धिक सत्र* के समय महाविद्यालय के मैनेजर माननीय उज्जवल रमण सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अनर्थ पानी का दोहन बंद करें l अगर आप बेहतर एवं संतुलित समाज की कल्पना करते हैं तो व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में पानी का संचय करें तथा वर्षा जल का भी संचय करें l
कैंप का प्रारंभ *मां वंदना - हे शारदे मां*..से हुआ एवं समापन *राष्ट्रीय सेवा योजना लक्ष्य गीत* *उठे समाज के लिए उठे उठे*....से हुआ l छात्रों ने प्रथम दिवस का अनुभव साझा किया  तथा *जल नहीं तो कल नहीं* जैसे संदेश देकर अन्य छात्रों को जागरूक किया l
डॉ भानु जी ने जल का जीवन में क्या महत्व है के बारे में बताया l 

डॉक्टर ओ.पी मिश्रा, रिटायर्ड प्राचार्य, एम. एल.के. कॉलेज, बलरामपुर,गोंडा ने भूजल को सीमित मात्रा में उपयोग करने के लिए कहा और बताया कि क्षित,  जल ,पावक, गगन, समीरा में से पानी की ज्यादा उपयोगिता है l उसका संग्रह और संचयन करें l जिससे प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त मात्रा में बने रहे l जल को प्रदूषित होने से बचाएं l आर. ओ. के वेस्ट वाटर को रीयूज करें l गमले या पौधों को सिंचित करें l 

प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हमारे बुजुर्ग फल खाकर उनके बीज को आते -जाते खेत या जंगलों में डाल देते हैं तो पौधे अपने आप उग आते हैं , पेड़ और जल का संचयन करना अति आवश्यक है नहीं तो भविष्य में आने वाली पीढ़ी को ऑक्सीजन और जल दोनों नहीं मिल पाएंगे l किताबों का संरक्षण करें और उसका पुनः प्रयोग करें , तथा पानी की वेस्टेज को रोके l किताबों को दान कर अपने से छोटों को पढ़ने के लिए दें , क्योंकि किताब के एक पन्ने को बनाने के लिए पेड़ों को काटा जाता है l

डॉ पी.के.सिंह , विभागाध्यक्ष भूविज्ञान एवं राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी ने छात्रों से एनएसएस के स्वयंसेवकों  की जिम्मेदारियों को बताते हुए आज के दिवस में उनकी उपयोगिता कैसे हो सकती है,  के बारे में जागरूक किया तथा संबंधित प्रश्न पूछे l समस्त कार्यक्रम का आयोजन भूविज्ञान विभाग तथा राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में हुआ l कार्यक्रम  का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर श्वेता सिन्हा , डॉ अर्चना सिंह तथा महाविद्यालय के अन्य शिक्षकों  के मार्गदर्शन में हुआ l

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