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संघर्ष की जीत, परिक्षाएं स्थगित सभी छात्र होंगे प्रमोट

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 सभी शिक्षकों और छात्रों को बधाई की सही सवाल पर संघर्ष किया , और सरकार को सही फैसला लेने पर  बाध्य किया । 

यूपी/लखनऊ: अब होगी या नही होगी स्थगित परीक्षाएं 2 जुलाई की बैठक में होगा निर्णय


विश्वविद्यालयों की स्थगित परीक्षा पर समिति ने लिया निर्णय।

विश्वविद्यालयों की स्थगित परीक्षा अब नहीं होगी समिति का सुझाव

कुलपतियों के 4 सदस्यीय समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट।

मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति एके तनेजा की अध्यक्षता में बनाई गई थी कमेटी।
अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मनोज दीक्षित भी है सदस्य।

परीक्षार्थियों को प्रमोट करने के लिए अगले बैठक में होगा निर्णय।

प्रमोशन कैसा होगा इस समिति कर रहा हैं विचार

यूपी उच्च शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा बोले समिति  की रिपोर्ट 2 जुलाई को  खुलेगी, फिर होगा निर्णय।

छात्रों और शिक्षकों के आंदोलन  को मिली सफलता ।डॉ  मनीष हिंदवी , डॉसरताज शब्बर रिज़वी  को भी बधाई की साथ सभी छात्र और शिक्षक एक मंच पर आए ।
पुर्व एनसीसी व वर्तमान एनसीसी कैडेटों का संर्घष ने दिलाई जीत
 सामाजिक  संगठन हमराह एक्स कैडेट एन सी सी सेवा संस्थान के फ्रंटल संगठन हमराह छात्र सभा के अध्यक्ष रातेन्द्र विक्रम सिंह एवं हमराह एक्स कैडेट युवा मोर्चा के अध्यक्ष अभय शुक्ला के संयुक्त संर्घष ने दिलाई जीत
हमराह एक्स कैडेट एन सी सी सेवा संस्थान द्वारा सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा० दिनेश शर्मा के आवास पर धरना प्रर्दशन किया था।

साथ ही जी पी ओ पर धरना देकर माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपकर परिक्षा स्थगीत करने की मांग की थी ।

  वैश्विक महामारी के दौरान विभिन्न शिक्षण संस्थानों की संपूर्ण व्यवस्था बाधित रही है। लोगों का आर्थिक एवं सामाजिक जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। खासकर देश के मध्यम एवं निम्न वर्गों की आर्थिक व्यवस्था चौपट हुई है। कोरोना महामारी के कारण प्रारंभिक कक्षाओं से लेकर उच्चतर स्तर तक की कक्षाओं का संचालन पूर्णतयः बन्द है। करोड़ों छात्र-छात्राएं घरों के अंदर बंद है जिसका गंभीर दुष्प्रभाव उनके शैक्षणिक सत्र पर पड़ रहा है। ऑनलाइन शिक्षण कार्य भी तकनीकी कठिनाइयों के कारण उपयोगी नहीं साबित हो रहा है। अभी कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में करोड़ों छात्र-छात्राएं अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।कोरोनकाल में शिक्षण संस्थाओं के बंद होते हुए भी छात्र-छात्राओं से वर्तमान सत्र एवं छात्रावास की फीस का भुगतान संबंधी आदेश संवेदनहीन एवं अमानवीय है।

ऐसी विषम परिस्थितियों में हम छात्र-छात्राएं आपके माध्यम से सरकार से निम्न मांग करते हैं-

1- लविवि एवं सहयुक्त महाविद्यालयों में अध्ययनरत गरीब छात्र-छात्राओं की सत्र 2019-20 की सम्पूर्ण फीस माफ की जाए।

2- कोरोना महामारी से सुरक्षित रहने हेतु बिना परीक्षा के ही छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाए।

3- सत्र 2020-21 में प्रवेश लेने वाले गरीब छात्र-छात्राओं को शुल्क में विशेष छूट प्रदान की जाए।

4- गरीब छात्र-छात्राओं के छात्रावास एवं कमरे के किराए का भुगतान सरकार द्वारा किया जाए।

5- गरीब छात्रों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा कम से कम ₹2000 की मदद की जाए जिससे हम छात्र-छात्राएं मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग कर सकें।





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