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अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी द्वारा पीएसी की बाढ़ राहत कम्पनियों एवं एस0डी0आर0एफ0 की बाढ़ राहत की तैयारियों की समीक्षा बैठक

                                 HTN Live
 
प्रदेश में मानसून के आगमन एवं अतिवृष्टि की संभावना के दृष्टिगत अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी द्वारा पीएसी की बाढ़ राहत कम्पनियों एवं एस0डी0आर0एफ0 की बाढ़ राहत की तैयारियों की समीक्षा बैठक आहूत की गयी। बैठक में उपस्थित दलनायकों से बचाव एवं राहत सम्बन्धी उपकरणों की क्रियाशीलता पर फीडबैक लेते हुए उपकरणों की सम्यक मरम्मत एवं उपयोगी बनाने के लिए रू0-30,000/-प्रति दल अनुदान प्रदान करने की घोषणा की गयी।
पीएसी मुख्यालय सभागार में पीएसी वाहिनियों के 17 बाढ़ दलों के दलनायकों एवं सेनानायक एस0डी0आर0एफ0 सहित अनिल कुमार राय, पुलिस महानिरीक्षक पीएसी मुख्यालय तथा आकाश कुलहरि, पुलिस उप महानिरीक्षक, पीएसी मुख्यालय ने प्रतिभाग किया।
अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी ने बैठक का शुभारम्भ करते हुए इस बात पर जोर दिया गया कि समय रहते तैयारी करने से व्यवसायिक दक्षता में गुणात्मक सुधार होता है। उन्होने प्रदेश की नदियों के विन्यास पर प्रकाश डालते हुए मानसून के साथ-साथ नदियों के जल स्तर में क्रमागत वृद्धि एवं फलस्वरूप बाढ़ उत्पन्न होने की संभावना को रेखांकित करते हुए सभी दलों के एरिया आफ रिसपान्सबिलिटी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का अध्ययन कर सम्यक तैयारी करने पर जोर दिया गया। उनके द्वारा यह कहा कि अभी भी वक्त है बाढ़ की विभीषिका माह जुलाई से दृष्टिगोचर हो सकती है उससे पूर्व बाढ़ दलों को उपयुक्त बना लिया जाए। इस बात का ध्यान रखा जाए कि बाढ़ दलों में तैनात कर्मी तैराकी की विधा में दक्ष हों विशेष कर दल कमाण्डर का तैराकी में दक्ष होना आवश्यक है।
अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी द्वारा इस बात पर जोर दिया गया कि बाढ़ की दशा में मानव जन एवं पशुधन का बचाव करना प्रमुख उददेश्य होना चाहिए तथा स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर राहत सामग्री का वितरण सम्यक ढंग से करना चाहिए। उन्होने संवाद, समन्वय एवं सहयोग स्थापित कर उत्कृष्ठ परिणाम प्राप्त करने के अपने चिरपरिचित सूत्र उपस्थित पुलिस अधिकारियों को बताते हुए यह कहा कि बाढ़ की विभीषिका से निपटने में संलिप्त तंत्र का पुलिस बल एक हिस्सा है परन्तु पुलिस बल की भूमिका लीडिंग एवं प्रभावकारी होती है। उन्होने कहा कि परस्पर प्रतिस्र्पधा न करें बल्कि एक दूसरे का पूरक बनकर कार्य करें, तथा बचाव एवं राहत कार्य में लगी अन्य एजेन्सियों व स्थानीय प्रशासन से संवाद कर समन्वय स्थापित करते हुए परस्पर सहयोग की भावना से कार्य करें।
अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी द्वारा सभी दलनायकों से अपने-अपने एओआर में (दायित्वाधीन कार्य क्षेत्र) अध्ययन कर वहां के स्थानीय प्रशासन के बारे में सम्यक जानकारी प्राप्त करने को कहा गया तथा विगत बर्षों इन क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित स्थलों का चिन्हिकरण कर कार्य योजना तैयार कर लेने की अपेक्षा की गयी। गोष्ठी के दौरान ’’पीएसी बाढ़ राहत दल हेतु बचाव एवं राहत मार्ग दर्शिका-2020’’ सभी दलनायकों को प्रदान की गयी जिसमें बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए समेकित स्थायी आदेश एवं विशेष कार्य पद्धति का उल्लेख किया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी द्वारा अवगत कराया कि कोरोना संक्रमण से बचाव का एकमात्र उपाय सावधानी बरतना है। बचाव एवं राहत ड्यूटी में सम्यक सावधानी बरतना अत्यन्त आवश्यक है। व्यवस्थापन स्थल एवं ड्यूटी स्थल दोनों स्थानों पर कोरोना से बचाव के उपायों के बारे में जवानों को नियमित रूप से ब्रीफ करें तथा उन्हे मास्क, सेनेटाइजर इत्यादि के प्रयोग को सुनिश्चित करायें। टीम का कमाण्डर होने के कारण आप सभी का दायित्व है कि अपनी टीम को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखें।
पुलिस महानिरीक्षक, पीएसी मुख्यालय द्वारा बाढ़ राहत दलों में उपलब्ध उपकरणों एवं संशाधनों की क्रियाशीलता का संवाद कर परीक्षण किया गया तथा इस बात पर जोर दिया गया कि उपलब्ध संशाधनों की मरम्मत पर उपयुक्त रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए। पुलिस उप महानिरीक्षक, पीएसी मुख्यालय द्वारा बाढ़ के दौरान बचाव और राहत करते समय बरती जाने वाली सावधानियां एवं आने वाली समस्याओं से निपटने के सम्बन्ध में विभिन्न बिन्दुओं पर परिचर्चा की गयी।

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