6 घंटे से PUBG गेम खेल रहा था युवक, चिल्लाया 'ब्लास्ट कर' और हो गई मौत, कहीं आपके बच्चे को भी तो नहीं इस गेम की लत, रहिए सतर्क
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भोपाल । मोबाईल फोन पर लगातार छह घंटे तक पब्जी गेम खेलने और इसमें हारने के बाद दिल का दौरा पड़ने से 16 वर्ष के एक किशोर की मौत हो गयी। मरने वाले किशोर के पिता हारुन कुरैशी ने शुक्रवार को बताया कि उनका बेटा फुरकान 26 मई की रात को दो बजे तक पब्जी गेम खेल रहा था, फिर 27 मई को सुबह उठकर वह लगातार छह घंटे तक यह गेम खेलता रहा और बाद में 'ब्लास्ट कर, 'ब्लास्ट कर चिल्लाने लगा और फिर उसकी मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि फुरकान बेहद सक्रिय बच्चा था। कुरैशी ने बताया कि वह अजमेर के निकट नसीराबाद में रहते हैं और परिवार के साथ नीमच में एक सगाई में शामिल होने आये थे, तभी यह घटना हुई। नीमच के हृदय रोग चिकित्सक डॉ अशोक जैन ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने के बाद बालक को नर्सिंग होम लाया गया परन्तु यहां आने से पहले ही उसकी हृदय गति बंद हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि फिर भी बालक को इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया और दिल की पम्पिंग शुरु करने का इंजेक्शन भी दिया गया, लेकिन वह मर चुका था। कोतवाली पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि परिजनों की तरफ से इस मामले में पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गयी है कि बालक की मौत किसी गेम की वजह से हुई है। इसलिये पुलिस इस मामले में किसी प्रकार की जांच नहीं कर रही है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ विपुल गर्ग ने कहा कि गेम खेलते खेलते बच्चे अपने आपको उस से जोड़ लेते हैं और अत्याधिक आवेश में अक्सर दिल का दौरे के शिकार हो जाते हैं। डॉ गर्ग ने कहा कि बच्चों को ऐसे गेम से दूर रखना चाहिये।
भोपाल । मोबाईल फोन पर लगातार छह घंटे तक पब्जी गेम खेलने और इसमें हारने के बाद दिल का दौरा पड़ने से 16 वर्ष के एक किशोर की मौत हो गयी। मरने वाले किशोर के पिता हारुन कुरैशी ने शुक्रवार को बताया कि उनका बेटा फुरकान 26 मई की रात को दो बजे तक पब्जी गेम खेल रहा था, फिर 27 मई को सुबह उठकर वह लगातार छह घंटे तक यह गेम खेलता रहा और बाद में 'ब्लास्ट कर, 'ब्लास्ट कर चिल्लाने लगा और फिर उसकी मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि फुरकान बेहद सक्रिय बच्चा था। कुरैशी ने बताया कि वह अजमेर के निकट नसीराबाद में रहते हैं और परिवार के साथ नीमच में एक सगाई में शामिल होने आये थे, तभी यह घटना हुई। नीमच के हृदय रोग चिकित्सक डॉ अशोक जैन ने कहा कि दिल का दौरा पड़ने के बाद बालक को नर्सिंग होम लाया गया परन्तु यहां आने से पहले ही उसकी हृदय गति बंद हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि फिर भी बालक को इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया और दिल की पम्पिंग शुरु करने का इंजेक्शन भी दिया गया, लेकिन वह मर चुका था। कोतवाली पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि परिजनों की तरफ से इस मामले में पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गयी है कि बालक की मौत किसी गेम की वजह से हुई है। इसलिये पुलिस इस मामले में किसी प्रकार की जांच नहीं कर रही है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ विपुल गर्ग ने कहा कि गेम खेलते खेलते बच्चे अपने आपको उस से जोड़ लेते हैं और अत्याधिक आवेश में अक्सर दिल का दौरे के शिकार हो जाते हैं। डॉ गर्ग ने कहा कि बच्चों को ऐसे गेम से दूर रखना चाहिये।
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