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शिकारियों के लगाए फंदे में फंसे बाघ की दर्दनाक मौत

HTN Live

रिपोर्ट आदेश शर्मा

जनपद लखीमपुर खीरी दक्षिण खीरी वन प्रभाग के रायपुर बीट के कंपर्टमेट दस ग्राम शिवपुरी में जंगल से सटे खेत में जानवरों को पकड़ कर शिकार खेलने बालों द्वारा लगाए गए लोहे के तार के वने फंदे में फंस कर ऐक चार वर्षीय युवा टाइगर की दर्दनाक मौत हो गई

जानकारी के अनुसार बीती रात से यह टाइगर फंदे में फंसा दहाड़े मार कर खुद को छुड़ाने की कोशिश करता रहा पर किसी ने ध्यान भी नहीं दिया सुबह ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान कुलविंदर सिंह को टाइगर के फंदे में फंसे होने की जानकारी दी ग्रामीणों के अनुसार जानकारी होने के बाद भी काफी देर में वन कर्मी वहां पहुंचे इसी बीच आस पास के गांवों के लोग भी टाइगर देखने घटना स्थल के पास जमा हो चुके थे

तभी कोई अनहोनी न घटे इसलिए मोहम्मदी कोतवाली की पुलिस व एसडीएम भी मौके पर पहुंच गए

रेंजर मोविन ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों को टाइगर के फंदे में फंसा होने की जानकारी दी तब लखनऊ से ट्रेक्युलाइजार एक्स्पर्ट को बुलाया गया

पर आने में देरी के चलते दिन में दो बजे के लगभग खुद को बचाने की कोशिश करते उछल कूद मचाते हुए टाइगर ने सबकी आंखों के सामने दम तोड़ दिया

ग्रामीणों की माने तो अगर ऐक डेढ़ बजे तक भी टाइगर को ट्रेक्यूलाइज कर लिया जाता तो बेचारे टाइगर की जान बच जाती

बताते चले कि दुधवा नेशनल पार्क से सटे इस रेंज में अब तक पांच टाइगर और सात तेंदुए रहते आए है

 जंगल से सटे इस क्षेत्र में वर्षों से चोरी चुपके शिकार होता रहने की खबरें अक्सर मिलती रहती है पर शिकारियों पर कुछ बड़े लोगों का हाथ होने के चलते मामला रफा दफा ही हो जाया करता है

 लगभग तीन वर्ष पहले इसी बीट के रायपुर के पास हरजालिया खाना बादौस लोगों ने फंदे लगाकर जंगली सूअर का शिकार खेल कर खा गए

वन कर्मियों द्वारा इस संबंध में कुछ कार्यवाही भी करते हुए कुछ शिकारियों को पकड़ा भी गया था पर बाद में मामला रफा दफा किए जाने की सूचनाएं मिली थी

इस बीट के टाइगरों द्वारा कठिना नदी पार घामहा घाट के पास कई आदमियों को भी मारा जा चुका है इसके चलते गत वर्ष ऐक घटना के बाद उत्तेजित ग्रामीणों ने महेश पर वन रेंज कार्यालय पर हमला बोल कर वन कर्मियों की पिटाई करने के साथ आग भी लगादी थी

जिसके बाद वन कर्मियों ने अथक प्रयास करके जंगल से सटे गांवों में टाइगरों से बचाव का विस्तृत अभियान चलाकर ग्रामीणों को जागरूक किया था और इस अभियान के चलते वास्तव में ही टाइगर के हमलों में कमी दर्ज की गई

पर जंगल से सटे इलाकों में बन्य जीवों का शिकार करने वाले चोर शिकारी ही वास्तव में टाइगरों द्वारा आदमियों पर होने वाले हमलों। के वास्तव में जिम्मेदार है

देखा गया है यह हमले अक्सर उन्हीं क्षेत्रों में होते है जिन में टाइगर का भोजन हिरण नीलगाय, जंगली सूअर इन चोर शिकारियों की भेंट चढ़ जाते है  तभी भूंक से व्याकुल होकर टाइगर आदमियों पर हमला करता है

आज की इस घटना ने ऐक बार फिर इस क्षेत्र में चोर शिकारियों की मौजूदगी का भांडा फोड़ दिया है

अब देखना है कि टाइगर की मौत के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जाती है

अभी तक वन विभाग के किसी कर्मचारी अधिकारियों ने टाइगर की मौत को लेकर कोई अधिकृत व्यान तक नहीं दिया है

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