.फिरोजाबाद सीट से शिवपाल की जीत सुनिश्चित
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कांग्रेस से गठबंधन की चल रही है बात यदि हो गई तो सपा बसपा होगी साफ।
किसान नौजवाद क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश यादव का राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी में हुआ विलय। फरवरी को मिर्जापुर के विंध्याचल के गोपुरा में होगी किसान नौजवान रैली
शिवपाल यादव के नेतृत्व में 300 सीटों पर मजबूती से लड़ेगा मोर्चा-गोपाल राय
शिवपाल को है मुलायम सिंह यादव जी का अपार सर्मथन - रा.क्रा.स.पा
वाराणसी,14 फरवरी, मैदागीन स्थित प्रणारकर भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सत्ता परिवर्तन मोर्चा के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि प्रदेष की उर्वरा श्रम शक्ति यहाँ से पलायन कर अन्य प्रांतो को समृद्ध कर रही है यहाँ का नेतृत्व स्वतंत्रता के समय से स्थानीय कल कारखानो पर जोर न देकर केवल वोट की फसल काटता रहा फलस्वरूप यहाँ का युवा रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेशों की शरण लेने को बाध्य हुआ यहाँ छोटे कारखाने व मझोले उद्योगों को बढ़ावा देकर पूर्वान्चल की इस दिशा को रोका जा सकता है। लोगों का पेट भरने वाला किसान ही सबसे उपेक्षित है आज किसानों की दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है गौरतलब है कि बड़े कॉर्पोरेट सेक्टर को केंद्र सरकारें अरबों रुपये की सब्सिडी उपहार स्वरूप देती है और किसानों को इनके फसल का उचित मूल्य नहीं देती विदेशों की नकल करने वाली सरकार इस पर ध्यान क्यूँ नहीं देती है जबकि विदेशों में किसानी करनंे वालों को लगभग 40 हजार रुपए प्रतिमाह प्रोत्साहन रूप देती है और हमारे यहाँ किसान यदि बिमार हो जाए तो उसका खेत तक गिरवी हो जाता है, जिसका परिणाम किसानों द्वारा आत्महत्या तक
कांग्रेस से गठबंधन की चल रही है बात यदि हो गई तो सपा बसपा होगी साफ।
किसान नौजवाद क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश यादव का राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी में हुआ विलय। फरवरी को मिर्जापुर के विंध्याचल के गोपुरा में होगी किसान नौजवान रैली
शिवपाल यादव के नेतृत्व में 300 सीटों पर मजबूती से लड़ेगा मोर्चा-गोपाल राय
शिवपाल को है मुलायम सिंह यादव जी का अपार सर्मथन - रा.क्रा.स.पा
वाराणसी,14 फरवरी, मैदागीन स्थित प्रणारकर भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सत्ता परिवर्तन मोर्चा के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि प्रदेष की उर्वरा श्रम शक्ति यहाँ से पलायन कर अन्य प्रांतो को समृद्ध कर रही है यहाँ का नेतृत्व स्वतंत्रता के समय से स्थानीय कल कारखानो पर जोर न देकर केवल वोट की फसल काटता रहा फलस्वरूप यहाँ का युवा रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेशों की शरण लेने को बाध्य हुआ यहाँ छोटे कारखाने व मझोले उद्योगों को बढ़ावा देकर पूर्वान्चल की इस दिशा को रोका जा सकता है। लोगों का पेट भरने वाला किसान ही सबसे उपेक्षित है आज किसानों की दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है गौरतलब है कि बड़े कॉर्पोरेट सेक्टर को केंद्र सरकारें अरबों रुपये की सब्सिडी उपहार स्वरूप देती है और किसानों को इनके फसल का उचित मूल्य नहीं देती विदेशों की नकल करने वाली सरकार इस पर ध्यान क्यूँ नहीं देती है जबकि विदेशों में किसानी करनंे वालों को लगभग 40 हजार रुपए प्रतिमाह प्रोत्साहन रूप देती है और हमारे यहाँ किसान यदि बिमार हो जाए तो उसका खेत तक गिरवी हो जाता है, जिसका परिणाम किसानों द्वारा आत्महत्या तक
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