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शब्द आज मौन है, रुक गयी कलम यहाँ,* *जो मर मिटें हैं जान से, उन्हें मिले न्याय कहाँ |*

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*शब्द आज मौन है, रुक गयी कलम यहाँ,*

*जो मर मिटें हैं जान से, उन्हें मिले न्याय कहाँ |*

*चल पडे थे घर से, छुट्टियों के बाद ये,*

*ये वहीं जवान है जो दुनिया में अब नहीं रहे |*

*नहीं रुके नहीं थके, देश को बचाना था,*

*सरहद पर जाकर उन्हें कर्तव्य वो निभाना था |*

*मौका वो मिला नहीं, कर्तव्य को निभाने का,*

*क्षण भर में खत्म हुआ, सपना वो जवानों का |*

*आयी कहाँ से गाडी वो, इतने सारे बम लिये?*

*क्या कोई सुरक्षा के उपाय किसी ने भी नहीं किये ?*

*कहाँ से आये ये लोग? साथ था किसका इन्हें?*

*बंदूक तक ना छू पाये, पता भी नहीं चला उन्हें |*

*घर के घर उजड गये, सूनी हुई कोख वो,*

*राखी भी ना बांध पाए, जाये कहाँ बहन वो |*

*सुहाग भी उजड गया, ना रही वो पितृछाया,*

*यह सब कर के उन, हैवानों ने क्या पाया |*

*क्या गया हमारा ? कुछ नहीं, कुछ भी नहीं,*

*राजनीति करनी थी, बस कर चुके वही ?*

*ये सियासी बात नहीं कि लड पडो झगड पडो,*

*यह एक मौका है, अब एकजुट खडे रहो.*

*अब न शहीद हो कभी, हमारा एक जवान भी,*

*ना कभी बुझे यहाँ, देश का एक चिराग भी |*

*खत्म करो उन्हें, जिन्होंने खेल खूनी खेला है,*

*उन्हें न जाने देना जिन्होंने लगाया खूनी मेला है |*


*एक दिन वो भी आयेगा, जब शांती का नजारा हो |*

*कोई बेटा न शहीद हो, ऐसा भारत हमारा हो |*

*ऐसा भारत हमारा हो*..!!!!!!🙏🙏

1 comment:

  1. hello.. I am Niharika Vipul Sarwate... Writer of this poem.. https://niharikapole.wordpress.com/2019/02/14/शहीद/
    hereis the link of the blog.. please mention the name who wrote this.

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