ग्रामीण स्वच्छता - गाजियाबाद मॉडल का प्रस्तुतीकरण
HTN Live
गाजियाबाद। होटल फॉर्चून में विभिन्न राज्यों से आये आई0ए0एस0 और पेयजल स्वच्छता मंत्रालय से आये निदेशक व अधीक्षण अभियन्ताओं ने देखा ग्रामीण स्वच्छता - गाजियाबाद मॉडल का प्रस्तुतीकरण, प्रस्तुतीकरण में ग्राम सभाओ मे सॉलिड वेस्ट कलेक्शन से लेकर ग्राम स्तर पर व्यवस्था दर्शायी गयी। इस पूर्ण प्रक्रिया मेें ग्रामवासियों की सक्रिय सभागिता और रोजगार सृजन दिखाया गया। ग्राम स्तर पर विभिन्न योजनाओं की फन्ड डवटेलिंग व कनवर्जन के माध्यम से आवश्यक इनफ्रास्ट्रक्चर सृजन, रिक्शा, स्कूल, तालाब, विलोपित कूडा घर, डस्टवीन आदि के द्वारा ग्रामवासियों को स्वच्छता के लिये जागरूक करना और ग्रामवासियों के व्यवहार में परिवर्तन लाना मुख्य रहा। प्रस्तुतीकरण में ग्राम पंचायतवार जैविक/ अजैविक ठोस सर्वे, ग्राम पंचायतो की बैठकों में खुले में शौच मुक्ति हेतु शपथ एवं ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु प्रस्तावना तैयार हुयी। यूजर चार्ज का निर्धारण किया गया व जनपद स्तरीय स्वच्छ सर्वेक्षण व ग्रामों के मध्य प्रतिस्पर्धा करायी गयी। ग्राम प्रधानोें का सम्मान व कचरा महोत्सव के बारे मे भी बैठको में प्रधानो को बताया गया। ग्रामो में फन्ड डवटेलिंग के माध्यम से मॉडल स्कूल, तालाब, आगनबाडी केन्द्रोे की स्थापना की गयी है। गॉवों में कूडाघर को बिलोपित कूडाघरों के रूप में पार्क@ खेल के मैदान विकसित किये गये। ग्रामीण स्वच्छता का रैली, थीम पेन्टिग, नुक्कड नाटक इत्यादि के द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया।
विभिन्न राज्यों से आयी टीम द्वारा ग्राम भोवापुर, गाजियाबाद वि0ख0 रजापुर सेनिटेशन रिर्सोस सेन्टर का अवलोेेेकन किया गया। जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने कूडे की रि-साइकिंल्ग को विस्तार से टीम को समझाया और उन्हे सेनिटेशन रिर्सोस सेन्टर का अवलोेेेकन कराया गया। उन्होने बताया कि इस प्रक्रिया के लिये भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कोई वित्तीय सहयता नही दी गयी है, यह ग्राम पंचायत मद एवं अन्य मदो से इस सेन्टर की स्थापना करायी गयी है। ग्राम के प्रत्येक घर से हाईड्रोलिक रिक्शाओं द्वारा कूडा कलैक्ट किया जाता है। प्रत्येक घर से 250 ग्राम कूडा निकलता है। उन्होने बताया कि सूखा व गीला कूडा हेतु गॉव मे अलग-अलग स्थानो पर हरे व नीले डस्टबिन लगाये गये है,ं प्लास्टिक को कूडे से अलग करके बेचा जाता है और गीले कूडे से जैविक खाद बनाकर नर्सरी हेतु बेची जाती है। जिलाधिकारी ने बताया कि ‘ाासन से 27 करोड पौधे रोपित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी ने कहा कि सबसे बडी चुनौती गॉवो में परिवर्तन लाने की थी और वो साईट्स जहॉ वह कम्पोस्ट बन रहा ह,ै जिन गॉवो मे कूडा संग्रह हेतु जमीन नही मिल पायी वहॉ दो - तीन ग्राम पंचायतो को मिलाकर सयुक्त रूप से सेनिटेशन रिर्सोस सेन्टर बनाये जा रहे हैं। उन्होने टीम को बताया कि पहला प्रयास ओ0डी0एफ0 के बाद सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर कार्य करने का था। जिलाधिकारी ने बताया कि गाजियाबाद में एस0एल0डब्लू0एम की गतिविधियॉ प्रत्येक ग्राम पंचायत में शुरू की जा चुकी है तथा गाजियाबाद पूरे जनपद का प्रथम जनपद है जहॉ शत प्रतिशत गॉवो में डोर डू डोर कूडा कलेक्शन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। अरबन ए0टी0पी0 को गॉव से जोडने कि प्रक्रिया चल रही है। उन्होने कहा कि स्वच्छता के इस मॉडल को बनाने में मूल मंत्र हमारी टीम, ग्राम प्रधानो और ग्राम सचिवों के अथक प्रयासो से रहा हैै। हमने गॉव में स्वच्छता की प्रतियोगिता करवायी, जिससे नये नये मॉडल हर गॉव से निकलकर आये हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इस मूल भूत परिवर्तन में ग्राम प्रधानों का व ग्राम वासियों का बहुत सहयोग रहा है जब तक लोगों के व्यवहार मेे परिवर्तन नही आयेगा, तब तक कोई इवेन्ट सफल नही हो सकता है। इनेशियटिव लेकर कराया जाये तो कोई कार्य असम्भव नही होता है। टीम ने इस कार्य के लिये जिलाधिकारी की सराहना की और आये हुये सभी पदाधिकारियों ने गाजियाबाद मॉडल को प्रेरणा श्रोत लेते हुये अपने अपने जनपदो मे स्थापित करने की बात कही। कार्यक्रम के अन्त में मुख्य विकास अधिकारी ने टीम के गॉव में पधारने पर धन्यावाद ज्ञापित किया।
टीम मे पेयजल स्वच्छता मंत्रालय से निदेशक झारखण्ड, जिलाधिकारी मंडी हिमाचल प्रदेश, मुख्य विकास अधिकारी इटावा, मुख्य विकास अधिकारी फिरौजाबाद, मुख्य विकास अधिकारी गाजियाबाद, झारखण्ड से एस0बी0एम0 निदेशक, पी0ओ0 तेलांगाना, अधीक्षण अभियन्ता पाटन गुजरात, डी0आर0डी0ए0 निदेशक पुरा, सी0ई0ओ0 जिला परिषद राजस्थान, सी0ई0ओ0 झारखण्ड, जिला पंचायत राज अधिकारी गाजियाबाद, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0, उप निदेशक कृषि, खण्ड विकास अधिकारी रजापुर/भोजपुर, ग्राम प्रधान भोवापुर व खोराजपुर भी उपस्थित रहें।
गाजियाबाद। होटल फॉर्चून में विभिन्न राज्यों से आये आई0ए0एस0 और पेयजल स्वच्छता मंत्रालय से आये निदेशक व अधीक्षण अभियन्ताओं ने देखा ग्रामीण स्वच्छता - गाजियाबाद मॉडल का प्रस्तुतीकरण, प्रस्तुतीकरण में ग्राम सभाओ मे सॉलिड वेस्ट कलेक्शन से लेकर ग्राम स्तर पर व्यवस्था दर्शायी गयी। इस पूर्ण प्रक्रिया मेें ग्रामवासियों की सक्रिय सभागिता और रोजगार सृजन दिखाया गया। ग्राम स्तर पर विभिन्न योजनाओं की फन्ड डवटेलिंग व कनवर्जन के माध्यम से आवश्यक इनफ्रास्ट्रक्चर सृजन, रिक्शा, स्कूल, तालाब, विलोपित कूडा घर, डस्टवीन आदि के द्वारा ग्रामवासियों को स्वच्छता के लिये जागरूक करना और ग्रामवासियों के व्यवहार में परिवर्तन लाना मुख्य रहा। प्रस्तुतीकरण में ग्राम पंचायतवार जैविक/ अजैविक ठोस सर्वे, ग्राम पंचायतो की बैठकों में खुले में शौच मुक्ति हेतु शपथ एवं ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु प्रस्तावना तैयार हुयी। यूजर चार्ज का निर्धारण किया गया व जनपद स्तरीय स्वच्छ सर्वेक्षण व ग्रामों के मध्य प्रतिस्पर्धा करायी गयी। ग्राम प्रधानोें का सम्मान व कचरा महोत्सव के बारे मे भी बैठको में प्रधानो को बताया गया। ग्रामो में फन्ड डवटेलिंग के माध्यम से मॉडल स्कूल, तालाब, आगनबाडी केन्द्रोे की स्थापना की गयी है। गॉवों में कूडाघर को बिलोपित कूडाघरों के रूप में पार्क@ खेल के मैदान विकसित किये गये। ग्रामीण स्वच्छता का रैली, थीम पेन्टिग, नुक्कड नाटक इत्यादि के द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया।
विभिन्न राज्यों से आयी टीम द्वारा ग्राम भोवापुर, गाजियाबाद वि0ख0 रजापुर सेनिटेशन रिर्सोस सेन्टर का अवलोेेेकन किया गया। जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने कूडे की रि-साइकिंल्ग को विस्तार से टीम को समझाया और उन्हे सेनिटेशन रिर्सोस सेन्टर का अवलोेेेकन कराया गया। उन्होने बताया कि इस प्रक्रिया के लिये भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कोई वित्तीय सहयता नही दी गयी है, यह ग्राम पंचायत मद एवं अन्य मदो से इस सेन्टर की स्थापना करायी गयी है। ग्राम के प्रत्येक घर से हाईड्रोलिक रिक्शाओं द्वारा कूडा कलैक्ट किया जाता है। प्रत्येक घर से 250 ग्राम कूडा निकलता है। उन्होने बताया कि सूखा व गीला कूडा हेतु गॉव मे अलग-अलग स्थानो पर हरे व नीले डस्टबिन लगाये गये है,ं प्लास्टिक को कूडे से अलग करके बेचा जाता है और गीले कूडे से जैविक खाद बनाकर नर्सरी हेतु बेची जाती है। जिलाधिकारी ने बताया कि ‘ाासन से 27 करोड पौधे रोपित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। जिलाधिकारी ने कहा कि सबसे बडी चुनौती गॉवो में परिवर्तन लाने की थी और वो साईट्स जहॉ वह कम्पोस्ट बन रहा ह,ै जिन गॉवो मे कूडा संग्रह हेतु जमीन नही मिल पायी वहॉ दो - तीन ग्राम पंचायतो को मिलाकर सयुक्त रूप से सेनिटेशन रिर्सोस सेन्टर बनाये जा रहे हैं। उन्होने टीम को बताया कि पहला प्रयास ओ0डी0एफ0 के बाद सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर कार्य करने का था। जिलाधिकारी ने बताया कि गाजियाबाद में एस0एल0डब्लू0एम की गतिविधियॉ प्रत्येक ग्राम पंचायत में शुरू की जा चुकी है तथा गाजियाबाद पूरे जनपद का प्रथम जनपद है जहॉ शत प्रतिशत गॉवो में डोर डू डोर कूडा कलेक्शन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। अरबन ए0टी0पी0 को गॉव से जोडने कि प्रक्रिया चल रही है। उन्होने कहा कि स्वच्छता के इस मॉडल को बनाने में मूल मंत्र हमारी टीम, ग्राम प्रधानो और ग्राम सचिवों के अथक प्रयासो से रहा हैै। हमने गॉव में स्वच्छता की प्रतियोगिता करवायी, जिससे नये नये मॉडल हर गॉव से निकलकर आये हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इस मूल भूत परिवर्तन में ग्राम प्रधानों का व ग्राम वासियों का बहुत सहयोग रहा है जब तक लोगों के व्यवहार मेे परिवर्तन नही आयेगा, तब तक कोई इवेन्ट सफल नही हो सकता है। इनेशियटिव लेकर कराया जाये तो कोई कार्य असम्भव नही होता है। टीम ने इस कार्य के लिये जिलाधिकारी की सराहना की और आये हुये सभी पदाधिकारियों ने गाजियाबाद मॉडल को प्रेरणा श्रोत लेते हुये अपने अपने जनपदो मे स्थापित करने की बात कही। कार्यक्रम के अन्त में मुख्य विकास अधिकारी ने टीम के गॉव में पधारने पर धन्यावाद ज्ञापित किया।
टीम मे पेयजल स्वच्छता मंत्रालय से निदेशक झारखण्ड, जिलाधिकारी मंडी हिमाचल प्रदेश, मुख्य विकास अधिकारी इटावा, मुख्य विकास अधिकारी फिरौजाबाद, मुख्य विकास अधिकारी गाजियाबाद, झारखण्ड से एस0बी0एम0 निदेशक, पी0ओ0 तेलांगाना, अधीक्षण अभियन्ता पाटन गुजरात, डी0आर0डी0ए0 निदेशक पुरा, सी0ई0ओ0 जिला परिषद राजस्थान, सी0ई0ओ0 झारखण्ड, जिला पंचायत राज अधिकारी गाजियाबाद, परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0, उप निदेशक कृषि, खण्ड विकास अधिकारी रजापुर/भोजपुर, ग्राम प्रधान भोवापुर व खोराजपुर भी उपस्थित रहें।
No comments