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इंडियन मेन्टल हेल्थ एंड रिसर्च सेंटर (आईएमएचआरसी) तथा शिया पीजी कॉलेज लखनऊ के सहयोग से 30-31 अक्टूबर, 2021 को "स्वास्थ्य और कल्याण" के विषय पर २ दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है

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इंडियन मेन्टल हेल्थ एंड रिसर्च सेंटर (आईएमएचआरसी) तथा  शिया पीजी कॉलेज लखनऊ के सहयोग से 30-31 अक्टूबर, 2021 को "स्वास्थ्य और कल्याण" के विषय पर दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। यह दो दिवसीय सम्मेलन स्वास्थ्य, मनो-सामाजिक, मनोविज्ञान और व्यवहारिक स्वास्थ्य तथा अन्य विषयक पहलुओं पर केंद्रित है। दुनिया भर में चल रही COVID-19 महामारी के मद्देनजर, सवास्थ्य एवं मनोवैज्ञानिक समस्याए, भावनात्मक अशांति और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं में विभिन्न रूपों से वृद्धि हुई है जिस पर विचार विमर्श करने के उद्देश्य से यह सम्मलन आयोजित किया गया है। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में समाज में स्वस्थ्य सम्बन्धी सुधार एवं अनुसन्धान पर भी कहरचा की जा रही है

दुनिया भर से सम्मेलन के सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों में स्वीडन की डॉ अन्ना रोसेनबर्ग शामिल हैं जो COVID-19 के बाद खुशहाली और कल्याण पर चर्चा कर रही हैं, टेक्सास विश्वविद्यालय से डॉ लीला फ्लोरेस टेरेस, उत्तरी टेक्सास विश्वविद्यालय से डॉ रचिता शर्मा,  विलियम पैटर्सन यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका के डॉ0 रजा. मीर, एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ के प्रो. एस.जेड.एच.जैदी, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के डॉ. राकेश कुमार त्रिपाठी, सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में चर्चा करेंगे जो समाज की भलाई के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

पहले दिन, सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रो सैयद अकील अहमद कुलपति ग्लोकल विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के सामने आने वाले मुद्दों पर प्रकाश डाला।  प्रोफेसर अहमद ने स्वदेशी नवाचार की आवश्यकता और छात्रों के समग्र विकास और कल्याण के लिए सुविधाजनक दृष्टिकोण को शामिल करने पर विचार-विमर्श किया।  सम्मेलन के दूसरे सत्र में 85 शोधकर्ताओं ने अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया।

प्रो. एस.जेड.एच. जैदी ने खास तौर पर कोविड-19 महामारी के दौरान विकलांग व्यक्तियों के पुनर्वास (दिव्यांगजन) में समावेशी शिक्षा/पहलुओं की आवश्यकता,महामारी के दौरान दिव्यांगजनों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए,  COVID-19 के पश्चात सामान्य समायोजन की आवश्यकता पर भी बल दिया।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के डॉ. कौसर उस्मान ने भारतीय स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में चुनौतियों पर चर्चा की।  उनके विचार में  प्रमुख चुनौतियों में कुपोषण, जीवन-शैली संबंधी विकार शामिल हैं जिन्हें तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।  उन्होंने सरकारी और गैर-सरकारी एजेंसियों से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और सामूहिक पहल की आवश्यकता भी व्यक्त की। श्री अब्बास मुर्तजा शम्सी, प्रबंधक शिया पीजी कॉलेज, लखनऊ ने मानसिक स्वास्थ्य तथा कल्याण को बढ़ावा देने के लिए छात्र कल्याण गतिविधियों पर प्रकाश डाला। सम्मलेन के सचिव साजिद काज़मी एमिटी यूनिवर्सिटी और शिया पीजी कॉलेज से डॉ आगा परवेज मसीह ने इस तरह के और विचार-विमर्श की आवश्यकताओं को ज़रो दिया क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण संधारणीय विकास लक्ष्य (एसडीजी) का मुख्य लक्ष्य है और भारत के समग्र विकास के लिए अति महत्वपूर्ण है।


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