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ग्लोबल वार्मिंग के कारण भयानक तरीके से बढ़ेंगी रेप और हत्या की घटनाएं, पढ़िए दिल दहला देने वाली रिपोर्ट

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जिस तरह से पूरी दुनिया में गर्मी और बारिश बढ़ती जा रही है, इसको लेकर अमेरिका की बर्कले में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के जर्नल में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट चौंकाने वाली है. यह एक शोधपत्र है. इसमें यह दावा किया गया है कि जलवायु परिर्वतन का मानव स्वभाव से बहुत ही ज्यादा जुड़ाव होता है.

बड़े-बड़े मामलों पर रिसर्च करने वाली इस अमेरिकी विश्वविद्यालय ने अपने शोध में दावा किया है कि दुनियाभर में गर्मी और बारिश के बढ़ने से लाखों-करोड़ों की संख्या में हत्या और रेप के मामलों में बढ़ोतरी होने वाली है. इस रिपोर्ट के अनुसार जैसे-जैसे दुनिया में गर्मी और बारिश बढ़ती जाएगी वैसे इंसान हिंसक होता जाएगा. एक दौर ऐसा भी आएगा जब लोग खूंखार हो जाएंगे.

बारिश-गर्मी के चलते बढ़ गए हैं हत्या-रेप के मामले
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोध पर आधारित ब्रेन वर्ल्ड मैगजीन डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, जिस तरह से पूरी दुनिया में तापमान और बारिश बढ़ता जा रहा है, इस का सीधा असर हिंसक मामलों की बढ़ती दर पर पड़ा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार तापमान और बारिश में होने वाले मामूली बदलाव ने दुनियाभर में हत्या, रेप, छेड़ृछाड़, घरेलू हिंसा के मामलों में चार फीसदी तक बढ़ा दिया है.


जलवायु परिवर्तन दंगों और गृह युद्ध के लिए जिम्मेदार
शोध में यह भी दावा किया गया है कि टेंपरेचर और बारिश बढ़ने से करीब 14 फीसदी तक दंगों और गृह युद्ध के मामलों को बढ़ते हुए देखा जा रहा है.

विश्वविद्यालय के मार्शल बर्क ने अपने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा, "हमने हाल ही में दुनिया के कई जगहों पर समय और जलवायु और वहां के आपराधिक मामलों पर गहरा अध्ययन किया. इसमें मौसम और हिंसात्मक घटनाओं के बीच बहुत तगड़ा संबंध देखने को मिला."


जानकारी के अनुसार इस शोध को जारी करने से पहले दुनियाभर में कुल 60 जगहों पर अध्ययन किया गया. इसमें वहां के सैकड़ों साल के मौसम और हिंसात्मक घटनाओं के ऊपर शोध किया गया. इसमें पाया गया कि जैसे-जैसे तापमान और बारिश में बढ़ोतरी होती जा रही है ठीक उसी अनुपात हत्या व अन्य हिंसात्मक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.

भारत में सूखा पड़ने पर बढ़ती है घरेलू हिंसा, गर्मी बढ़ने पर रेप-छेड़छाड़


अमेरिकी विश्वविद्यालय में हुए शोध में भारत के आंकड़ों पर भी अध्ययन किया गया. इसमें पाया गया कि भारत में जब कभी सूखा पड़ता है तो घरेलू हिंसा के मामले बढ़ जाते हैं. जबकि जब गर्म हवाएं चलती हैं तो छेड़छाड़ और रेप के मामलों का ग्राफ चढ़ने लगता है.



यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले के प्रोफेसर मार्शल बर्क का कहना है कि किसी एक घटना को जलवायु परिवर्तन से कितना असर पड़ा यह नहीं कहा जा सकता. लेकिन एक समयकाल में हुई घटनाओं पर अध्ययन करेंगे तो चौंकाने वाले परिणाम मिलेंगे. ऐसा बार-बार देखने को मिलेगा कि जिन क्षेत्रों में अधिक गर्मी है वहां रेप और मर्डर जैसे बड़े आपराधिक मामले तेजी से बढ़ृ जा रहे हैं.

वैज्ञानिक नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं वजह, क्यों तापमान के साथ बढ़ रही है हिंसा
शोध में अभी वैज्ञानिकों ने इसकी असल वजह ढूंढ़ने में असमर्थता जताई है कि तापमान और बारिश बढ़ने से लोगों में हत्या करने का विचार कहां से पनप रहा है. लेकिन उनको अंदेशा है कि ज्यादा बारिश होने से बाढ़ की समस्या बढ़ती है. ऐसे में लोगों के पास खाने-पीने की चीजों के लाले पड़ जाते हैं, उनके घर छिन जाते हैं, आय के साधन तबाह हो जाते हैं ऐसे में सामाजिक ताना-बाना बिगड़ जाता है और लोग पहले से अधिक हिंसक और क्रूर हो जाते हैं.



अमेरिकी विश्वविद्यलाय की ओर से प्रकाशित किए गए इस जर्नल ऑफ एनवायरमेंटल इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट में यह अंदेश जताया गया है कि जिस रफ्तार से मौसम बदलाव और उससे मानव व्यवहार में फर्क पड़ रहा है, उसके हिसाब से केवल अमेरिका में साल 2010 से 2099 के बीच एक्स्ट्रा 22,000 मर्डर, 180,000 रेप, 12 लाख गंभीर छेड़छाड़, 23 लाख छेड़छाड़, 260,000 डकैती, 13 लाख चोरी, 22 लाख लारेंसी के मामले और 580,000 गाड़िया चोरी जाएंगी. यह आंकड़ा 1980 से 2009 के बीच अमेरिकी पुलिस, एफबीआई में दर्ज मामलों पर अध्ययन के बाद जारी किया गया है.कॉपी

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