उत्तर प्रदेश की ऋतु श्रीवास्तव पर लखनऊ को गर्व है आप चंद्रयान मिशन - 3 की डायरेक्टर
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ब्यूरो चीफ हमराही अजीत सिंह बागी
कामयाबी की उड़ान
ऋतु करिधाल श्रीवास्तव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ काम करने वाली एक भारतीय वैज्ञानिक हैं। वह मंगलयान - 1 की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 में मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। उन्हें भारत की “रॉकेट वुमन” के रूप में जाना जाता है.
लखनऊ के राजाजीपुरम में जन्मी ऋतु करिधाल एक एयरोस्पेस इंजीनियर हैं। मिशन योजना और उसके संचालन के लिए डॉक्टर ऋतु करिधाल श्रीवास्तव को साल 2007 में इसरो का युवा वैज्ञानिक पुरस्कार मिला था।
ऋतु की स्कूलिंग लखनऊ सेंट एग्निस से हुई है। फिर नवयुग कन्या विद्यालय व महिला विद्यालय से भी शिक्षा प्राप्त की। ऋतु ने लखनऊ विश्वविद्यालय से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। छह माह रिसर्च करने के बाद गेट निकाल लिया। मास्टर्स डिग्री के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंसेज बेंगलोर ज्वाइन किया। यहां से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री ली। साल 1997 में इसरो से जुड़ीं।
खास बात यह है कि ऋतु को यह उपलब्धि इतनी आसानी से नहीं मिली है। दो बच्चों की मां होने के साथ ही अन्य कई जिम्मेदारियों को निभाते हुए ऋतु बाद में "रॉकेट वुमन" के नाम से मसहूर हुई हैं। ऋतु करिधाल बचपन से ही ऊंची उड़ान भरना चाहती थीं और यही कारण था कि उनकी कामयाबी ने दुनिया भर में उनका नाम रोशन किया।
डा. ऋतु का कहना है कि कामयाबी के लिए दिन रात मेहनत करनी होगी।जीवन में कई बार आपको कठिनाई भी लगेगी लेकिन आपकी सफलता से सारी थकान दूर हो जाएगी। कई बार आपकी कामयाबी के पीछे आपके परिवार का सपोर्ट छिपा होता है।
डा. एपीजे अब्दुल कलाम युवा वैज्ञानिक पुरस्कार के अलावा ऋतु ने मार्स आर्बिट्रेर मिशन के लिए इसरो टीम पुरस्कार, एएसआई टीम पुरस्कार, सोसाइटी आफ इंडियन एरोस्पेस टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्रीज द्वारा एरोस्पेस महिला उपलब्धि पुरस्कार खास हैं।
डा. ऋतु का कहना है कि महिलाओं के लिए स्पेस साइंस करियर के तौर पर काफी अच्छा विकल्प है। इस क्षेत्र में महिलाओं को काम करके अपना नाम रोशन करना चाहिए।
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