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आवास विकास की कालोनियों में हो रहा अवैध निर्माण

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लखनऊ। आवास विकास की कालोनियों में भी अवैध निर्माण फल फूल रहे हैं। आवासीय भूखंडों पर व्यवसायिक बहुमंजिली इमारतें बनने के बाद बड़े बड़े शोरूम खुल गये हैं। इंदिरा नगर विस्तार योजना में सेक्टर 8 से लेकर 25 तक नियमों को दरकिनार कर बनाये गये भवनों को देखा जा सकता है। रिंग रोड किनारे सेक्टर आवासीय भूखंडों पर व्यवसायीकरण हो चुका है तो भूतनाथ बाजार के पास बी व सी ब्लाक की मुख्य सड़कों के किनारे स्थित आवासीय प्लाटों पर व्यवासायिक उपयोग किया जा रहा है। करीब सात महीने पहले आवास विकास ने नोटिस जारी की थी। तब से लेकर अब तक एक भी निर्माण न तो सील किया गया और न ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हुई। परिषद ने समस्त अनाधिकृत निर्माणकर्ताओं को आवास विकास से सार्वजनिक नोटिस देते हुए नोटिस जारी कर कहा था कि सभी प्रकार के अवैध निमार्णों को तत्काल हटा लें अन्यथा उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद अधिनियम 1965 की सुसंगत धाराओं में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए अनाधिकृत निमार्णों को ध्वस्त किया जा सकता है। वहीं अवैध रूप से संचालित की जा रही दुकानों को ध्वस्त अथवा सील करने की कार्रवाई की जायेगी। मगर समय रहते नोटिस फाइलों में ही दब कर रह गई। परिषद की बोर्ड बैठक में अवैध निर्माणों के खिलाफ  कार्रवाई किये जाने को लेकर प्राधिकरण की तर्ज पर अधिकार दिये जाने का फैसला भी हुआ। शासन से गजट के इंतजार में निर्माणाधीन अवैध निर्माण बनते जा रहे हैं। आवास विकास के अधिकारी अपने कार्यालय के पास ही अतिक्रमण और अवैध निर्माण रोकने में नाकाम है। भूतनाथ स्थित आवास विकास संपत्ति कार्यालय के चारों ओर अवैध निर्माण है। फैजाबाद रोड से कार्यालय तक आने वाले रास्ते के फुटपाथ पर दुकानें चल रही हैं। कार्यालय तक आने वाले दूसरे रास्ते दुकानों के गलियारों में तब्दील हो चुके हैं और इसी कार्यालय की पार्किंग की जगह पर दुकानें चल रही हैं। यही नहीं फैजाबाद रोड पर नीलगिरी कॉम्पलेक्स में चल रहे आवास विकास कार्यालय के आस पास अवैध निर्माण हो चुके हैं। यहां अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार डेट लगायी गयी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस कार्यालय तक आने जाने वाले रास्ते पर रेस्त्रां चल रहे है। पार्किंग की जगह दुकानें बन गयी हैं जिनमें मोबाइल शॉप से लेकर सैलून तक चल रहे हैं। भूतनाथ बाजार की ओर बढ़ते ही कुछ जगह छोड़ी गई थी। यहां आपात स्थिति में फायर ब्रिगेड जैसी गाडिय़ों के लिए जगह उपलब्ध करायी गयी थी लेकिन आवास विकास के अफसरों ने मिलीभगत से इस जमीन का आवंटन कर दिया। अब इस जगह एटीएम बन गया है। यही नहीं बाजार से होते हुए बी ब्लाक की ओर जाने वाले रास्ते पर भूमिगत पार्किंग के पास कार्नर पर अवैध कॉम्प्लेक्स बन कर तैयार हो गया। यहां पर शो रूम खुल चुके हैं और गाडिय़ां सड़क पर खड़ी हो रही हैं। भूतनाथ बाजार में किसी कॉम्प्लेक्स में पार्किंग नहीं है और बाजार के फुटपाथ पर दुकानें चल रही हैं। बताते चले कि आवास विकास ने जब इंदिरा नगर और विकास नगर विकसित किया था उस समय एचआईजी हाई इनकम ग्रुप श्रेणी के मकान सड़क किनारे आवंटित हुए थे। ऐसे करीब 90 फीसदी एचआईजी मकान मौजूदा समय में कामर्शियल काम्प्लेक्स में तब्दील हो चुके हैं। आवास विकास में अवैध निमार्णों पर अंकुश लगाने के लिए कोई निगरानी व्यवस्था नही है। यहां इंजीनियरों पर जिम्मेदारी होने से अवैध निर्माण पर रोक नहीं लग पा रही है। इंजीनियरों की मिलीभगत से लोग अवैध निर्माण कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार व्यावसायिक भूखंड संख्या बी-3 इंदिरा नगर में आवास विकास परिषद से भूखंड आबंटित दिखाकर उमराव प्लाजा के नाम से अवैध निर्माण करा लिया गया। अधिशासी अभियंता ने निर्माण के ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किये लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है। 

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