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क्रिकेट के बाद अब कुश्ती को भी केन्द्रीय अनुबंध खिलाडिय़ों को मिलेगी आर्थिक मदद, करेंगे बेहतर प्रदर्शन



बजरंग, विनेश, पूजा सहित 24 अन्य पहलवानों को मिलेगा वार्षिक करार



लखनऊ। अच्छे प्रदर्शन को इकलौता मापदंड रखते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ ने अपने वार्षिक केंद्रीय अनुबंध का शुक्रवार को औपचारिक ऐलान कर दिया है जो 15 दिसम्बर से लागू होगा। महासंघ ने इस वार्षिक केंद्रीय करार में 24 सीनियर खिलाडिय़ों को भी जगह दी है। डब्ल्यूएफआई की इस नयी पहल को उनके कमर्शियल पार्टनर स्पोर्टी सोल्यूशंस ने भी अपना समर्थन दिया। 
इस अनुबंध से जिसको सबसे ज्यादा फायदा होगा उनमें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और पूजा ढांडा जैसे नाम शामिल हैं। इन सभी को ए कैटेगरी में रखा गया है। ए के अलावा बी से ई तक कैटेगरी बनायी गयी हैं। 
तीन मार्की खिलाडिय़ों को 30 लाख रुपये की एनुअल रिटेनशिप मिलेगी। इसके अलावा कई अन्य फायदे भी मिलेंगे। 
डब्ल्यूएफआई के अघ्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह ने यहां सीनियर नेशनल्स चैम्पियनशिप के उद्घाटन के मौके पर पहलवानों के लिए केंद्रीय अनुबंध का औपचारिक ऐलान किया। इस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। इसी के साथ डब्ल्यूएफआई भारतीय ओलम्पिक संघ के अधीन आने वाली पहली राष्ट्रीय महासंघ बन गयी है जो अपने खिलाडिय़ों के लिए केंद्रीय अनुबंध लेकर आयी है। 
इससे पहले सिर्फ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ही अपने खिलाडिय़ों को केंद्रीय अनुबंध देती थी।
इस मौके पर विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले बजरंग पूनिया, एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट, विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता पूजा ढांडा, रियो ओलम्पिक-2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक के साथ तकरीबन 800 खिलाड़ी मौजूद थे जो टाटा मोटर्स 63वीं पुरुष और 21वीं महिला कुश्ती चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रहे हैं। 
इस मौके पर ब्रज भूषण शरण सिंह ने कहा कि जमीनी स्तर के खिलाडिय़ों सहित कुल 144 खिलाड़ी स्कीम के कई प्रावधानों के तहत फंड हासिल करेंगे। डब्ल्यूएफआई इकलौती ओलम्पिक स्पोर्ट बॉडी है जिसने पहलवानों के हित के लिए बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध को ध्यान में रखते हुए इस तरह का कदम उठाया है। 

इस मौके पर बजरंग ने कहा कि कुश्ती को इससे अच्छा कुछ नहीं मिल सकता। केंद्रीय अनुबंध के आने से हमारे मनोबल में काफी इजाफा होगा।
बजंरग की बात से सहमति जताते हुए विनेश ने कहा कि पैसा हमें पहले से ज्यादा प्रेरित करेगा। साथ ही यह पहलवानों के बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा।
डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष ने कहा, इसके पीछे मकसद उन खिलाडिय़ों को फायदा पहुंचाना है जो नेशनल ड्यूटी पर हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही उनको भी जिन्होंने इस विरासत को आगे ले जाने का दम-खम दिखाया है। पैसा सिर्फ  उन्हें मदद नहीं देगा बल्कि साथ ही सभी स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा।  
दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार और रियो ओलम्पिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक को कैटेगरी बी में रखा गया जिसके तहत इन्हें हर साल 20 लाख रुपये मिलेंगे। ग्रेड-सी में सात पहलवान हैं जिनमें 2016 एशियन चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता संदीप तोमर, विश्व जूनियर चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता साजन बेनीवाल, विनोद कुमार ओम प्रकाश, रितू फोगाट, सुमित, दीपक पूनिया और एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता दिव्या कांकराण शामिल हैं। इन सभी को 10 लाख रुपये हर साल मिलेंगे। 
जबकि राहुल अवारे, नवीन, उत्कर्ष काले, सचिन राठी, विजय, सिमरन, मानषी और अनुशा को कैटेगरी डी में रखा गया है। इन सभी को पांच लाख रुपये प्रति वर्ष मिलेंगे जबकि नवजोत कौर, किरन, हरप्रीत सिंह और जितेंदर को ग्रेड-ई में जगह मिली है और इस कैटेगरी के खिलाडिय़ों को तीन लाख रुपये प्रतिवर्ष मिलेंगे। 

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