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गाय में छुपा है आध्यात्म, विज्ञान और अर्थ - सर्वजीत

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लखनऊ, 15 अगस्त।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधि गौ सेवा के अवध प्रांत के प्रमुख और प्रचारक सर्वजीत ने कहा कि गाय में आध्यात्म, विज्ञान और अर्थ छुपा है। समुद्र मंथन से निकली गाय में सभी देवी देवताओं का वास है। गाय की जहां पुंछ होती है, वहां लक्ष्मी जी विराजमान है। गाय की आगे की ओर आरती के बाद पीछे की ओर आरती भी इसी कारण उतारी जाती है। यह सबकुछ गाय के छुपा आध्यात्म है। 

गतिविधि गौ सेवा के लखनऊ दक्षिण भाग में एपीएस एकेडमी स्कूल में आयोजित गौ उत्पाद प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रचारक सर्वजीत ने आगे कहा कि गाय में विज्ञान है। आज बायोगैस पर कार्य हो रहे है। गौ सेवा के आयाम गौ ऊर्जा के कार्यकर्ता इस कार्य को कर रहे है। इसी प्रकार गौ उत्पाद निर्माण व गौ उत्पाद विपणन के कार्यकर्ता आज गाय के गोबर और गौमूत्र से विभिन्न प्रकार की वस्तुएं मूर्ति, दीया, अर्क, मोबाइल चिप, धूपबत्ती, मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती, खाद, घड़ी, साबुन बना रहे हैं। साथ इसे बाजार तक भी पहुंचाने लगे है। यह गाय में छुपा अर्थ है।

गौ उत्पाद प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक रहे प्रांत के सह प्रशिक्षण संयोजक राजेंद्र सिंह ने सर्वप्रथम गौ उत्पाद से जुड़ी सामग्री और उसकी मात्रा को बोलकर लिखाया। इसके बाद प्रशिक्षण कार्यक्रम में आई  मातृशक्ति से गौ उत्पाद बनाने का अभ्यास कराया। राजेंद्र ने गाय के गोबर का उपयोग कर बनने वाली धूपबत्ती, मच्छर वाली अगरबत्ती, गणेश लक्ष्मी जी की मूर्ति, बाम और अमृतधारा बनाने का प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण के दौरान स्वयं गौ उत्पाद निर्माण करने वाले नगर संयोजक ओमप्रकाश ने राजेंद्र का सहयोग किया। 

इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में वरिष्ठ नेत्र सर्जन डा राम राघव शुक्ल, कार्यक्रम में सह प्रांत संयोजक वीरपाल, प्रांत गौ ऊर्जा संयोजक आनंद, लखनऊ विभाग संयोजक शरद, भाग संयोजक वीरेंद्र सहित कई स्वयंसेवक व मातृशक्ति उपस्थित रहें। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा ममता पाण्डेय और संचालन सह भाग संयोजक परिजात ने किया।

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