स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बगैर सुरक्षा उपकरणों के किया गया कोरोना टेस्ट संक्रमण के फैलने कि बढ़ी संभावना
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जिम्मेदारों की लापरवाही जांच में शामिल लोगों पर पड़ सकती है भारी
रिपोर्ट सुशील कुमार द्विवेदी इटियाथोक गोंडा
शासन के मंशा अनुरूप कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व केंद्र से दूरदराज स्थित गांवो में कैंप लगाकर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से आशंकित व्यक्तियों की कोरोना जांच कराई जा रही इसी क्रम में बीते मंगलवार को इटियाथोक क्षेत्र के अहिरोलिया गांव में सीएससी के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कैंप लगाकर 74 कोरोना आशंकित व्यक्तियों की जांच की गई जिसमें सभी लोगों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। इस दौरान जांच में लगे स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घोर लापरवाही बरती गई कोविड-19 गाइडलाइन को धता बताते हुए बगैर मास्क, हैंड ग्लब्स व पीपीई किट का इस्तेमाल किए ही संदिग्ध व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट किया गया ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी स्वयं के साथ-साथ कोरोना की जांच कराने आए मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे थे एक तरफ स्वास्थ्य विभाग व पुलिस महकमा बगैर मास्क लगाए घरों से बाहर निकलने वाले नागरिकों के खिलाफ अभियान चलाकर 500 रूपये का जुर्माना काट रहा है वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य कर्मी जांच के दौरान भी मास्क सहित अन्य सुरक्षा उपकरणों के प्रयोग में घोर लापरवाही बरत रहे हैं। जो अत्यंत चिंताजनक है स्वास्थ्य विभाग को तत्काल इस गंभीर प्रकरण को संज्ञान में लेना चाहिए ताकि आगे से ऐसे क्रियाकलापों की पुनरावृत्ति ना हो सके।
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