63 बटालियन ने मनाया राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस swachata abhiyan
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02 दिसम्बर, 2022 आज लखनऊ में 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की दुखद घटना में जान गंवाने वाले लोगों की याद में हर साल 02 दिसंबर, को राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस मनाया जाता है। प्रस्तुतियों और समाज सेवा गतिविधियों की श्रृंखला में 63 यूपी बीएन एनसीसी, लखनऊ में प्रदूषण निवारण दिवस का आयोजन किया गया। कर्नल हर्ष कुमार झा (कमांडिंग ऑफिसर, 63 यूपी बीएन), कर्नल पीपी किशोर (प्रशासन अधिकारी 63 यूपी बीएन) द्वारा आवश्यक मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान किया गया।
आज सुबह 7 बजे गोमती नदी के किनारे बने कुडिया घाट पर एन सी सी कैडेटो ने चलाया सफाई अभियान इस अभियान के तहत शिया कालेज एनसीसी कैडेटो व मानफोर्ट इन्टर कालेज के संयुक्त तत्वावधान में एन सी सी कैडेटो सिग्नल यूज पलास्टिक को उठाकर एकत्र किया जो की लगभग 4 कुन्तल कूडा इकट्ठा किया और उसे डस्टबिन बिन रखा बाद में नगर निगम ने उस कुडे का निस्तारित किया कैप्टन राजन सिंह परिहार ने संवोधित करते हुए कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करना अतिआवश्यक है नहीं तो जीवन दुभर हो जायेगा । शिया कालेज एन सी सी सहायक अजीत सिंह ने बताया कि अगर नदियों के किनारों की सफाई नहीं होगी तो पीने के पानी भी दूषित हो कर खराब हो जायेगी और जीवन दुभर हो जायेगा
लखनऊ के 63 यूपी बीएन एनसीसी विश्वविद्यालय की एएनओ कैप्टन किरण लता डंगवाल ने कार्यक्रम के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रदूषण की रोकथाम और इस दिन के महत्व के साथ अपने विचार, और राय दिए कि प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक और खतरनाक हो सकता है। यह हमारे श्वसन तंत्र को कैसे प्रभावित करता है। साथ ही उन्होंने समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम फैलाकर प्रदूषण को रोकने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों और योगदान का भी सुझाव दिया।
लखनऊ विश्वविद्यालय के अधीक्षक मैदान एवं उद्यान प्रो. एस.एन. पाण्डेय को अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। उन्होंने प्रदूषण की रोकथाम के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों के महत्व को समझने में जनता को शिक्षित करने की भूमिका कैसे निभा सकते हैं बताया । प्रो पांडेय ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और वायु, मिट्टी, शोर और जल प्रदूषण से बचाव के विषय में भी बात रखी।
अन्य अतिथि वक्ता डॉ अलका मिश्रा एक खगोलीय भौतिक विज्ञानी और लखनऊ विश्वविद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी थे। उन्होंने प्रदूषण को नियंत्रित करने और रोकने के तरीकों और साधनों के विषय में विस्तार से बात की, जो मानव जाति के लिए घातक है। उन्होंने स्वस्थ प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के प्रचार और उपयोग, उत्पादों के पुनर्चक्रण, वृक्षारोपण के संबंध में सुझाव दिया है। उन्होंने कैडेटों को बिजली, पानी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के अपव्यय पर नियंत्रण के बारे में भी शिक्षित किया। कैडेट अंजलीना अवस्थी कार्यक्रम की कैडेट इंचार्ज थीं। कैडेटों ने रैली और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता और कविता पाठ जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर जागरूकता भी फैलाई । खतरनाक प्रदूषकों से हमें बचाने और हमें स्वस्थ रखने के लिए जागरूकता फैलाने की ऐसी पहल और अभियान हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
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