tree planting : हरियाली है धरती का श्रृंगार, आने वाले पीढ़ियों के लिए करे वृक्षारोपड़- हरिशंकर मिश्रा
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श्री श्री आनंद आश्रम में पर्यावरण दिवस पर हुआ वृक्षारोपण
लखनऊ, बिश्व पर्यावरण दिवस के अवसर आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित श्री श्री मां आनद आश्रम विकास नगर में आज वृक्षारोपड़ कार्यक्रम आश्रम के संस्थापक पंडित हरिशंकर मिश्रा द्वारा किया गया।
प्रकृति एवम् आध्यत्म विज्ञानं शोध संस्थान के तत्वाधान में श्री श्री माँ आनन्द आश्रम विकास नगर लखनऊ मे विश्व पर्यावरण दिवस पर पूर्व से आयोजित पर्यावरण मित्र सम्मान समारोह कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत आगे बढ़ा दिया गया।
पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर पंडित हरिशंकर मिश्रा जी द्वारा बताया गया कि भारत में सनातन संस्कृति में सदैव से ही प्रकृति का विशेष महत्व रहा है। भारतीय संस्कृति में हमारे पूर्वज शुरू से पेड़ पौधों को संरक्षित रखने के लिए उनको पूजते चले आये है।
आचार्य हरिशंकर ने कहा , जिस तरह से हम अपने शरीर का श्रंगार करते है, घर को सजाते है। उसी तरह से हम सबको बंसुधरा को पेड़ से सजाना सवारना होगा, तभी धरा का श्रृंगार हो पायेगा।जब श्रंगार होगा तभी धरती बचेगी जब धरती बचेगी तभी हम बचेंगे।
आचार्य जी ने सुझाव दिया कि जिसके पास एक दो पहिया बाहन है वह उस दो पहिया के लिए एक वृक्ष रोपित करे तथा जिसके पास चार पहिया बाहन है वह चार वृक्ष लगाए।
ऐसा करने से प्रकृति के भंडार में पर्याप्त आक्सीजन होगी तथा जलवायु भी नियंत्रित रहेगी, समय पर वर्षा होगी जिससे किसान खुशहाल होगा।
.पंडित हरिशंकर मिश्रा जी ने बताया कि वृक्ष समाज के विभिन्न वर्गो,धर्मो,सम्प्रदायो नास्तिको, आस्तिकों सभी के लिए सम्माननीय एवम् पूजनीय है। ये ब्रह्म है क्योकि भूमण्डल पर जीवन विस्तार के आधार है। ये विष्णु रूप है क्योकि जीवमात्र के पोषण का चक्र जीवनपर्यन्त चलाते है।ये शिव रूप है क्योकि विकास हेतू चल रही हमारी गतिविधियों से निकले विष को पी जाते है। ये इंद्र है क्योकि वर्षा के आधार बनते है।ये प्रचंड परमार्थी है ।
आचार्य जी ने बताया कि मानव देह की रचना पर्यावरण ने के महत्व पूर्ण घटको,पृथ्वी,जल,अग्नि,वायु एवम् आकाश से हुयी है।इस लिए यदि हम पर्यावरण को नुकसान पहुचाते है तो हम स्वयं के शरीर को नुकसान पहुचा रहे है। गुरु जी में आगे बताया की प्रकृति हमारी माता है। इसके गोद में खेलकर हम बड़े हुए है। इसलिए मातृ ऋण चुकाने के लिए हम सब को संकल्प लेकर बृक्ष लगाना होगा तभी हम और हमारी आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रह पायेगी।
पं.हरिशंकर मिश्रा जी ने पर्यावरण को ज्योतिष् एवम् वास्तु से जोड़ते हुए बताया की हम पौधे रोपित कर तरक्की पा सकते है।
पौधरोपण का महत्व
मिश्र जी ने बताया कि लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए मनुष्य को तुलसी , आंवला , पलाश, अर्जुन, सूरजमुखी का पौधा लगाना चाहिए। सौभाग्यप्राप्त करने के लिए नारियल, बरगद एवम् अशोक का पेड़ लगाना चाहिए। उत्तम संतान प्राप्ति के लिए बिल्व, नागकेशर, गुड़हल, पीपल एवम् नीम का पेड़ लगाना लाभकारी होगा। सुख- सौभाग्य प्राप्ति के लिए हरसिंगार, रातरानी, मोगरा, कदम्ब तथा घने छायादार पेड़ लगाना लाभदायी होगा।
गुरु जी ने बताया की ज्ञान एवम् बुद्धि के लिए शंखपुष्पी, पलास, ब्राम्ही का पौधा लगाना श्रेष्ठ है।
पूज्य गुरु देव सरकार ने घरो में लगा ये जाने वाले पेड़ो की जानकारी दी कि शमी का पेड़ घर से लिकलने पर दाहिने तरफ लगाना चाहिए तथा अश्वगंधा का पेड़ लगाने से घर के सभी वास्तु दोष दूर हो जाते है। गुड़हल का पौधा घर लगाने से मंगल एवम सूर्य गृह प्रसन्न होता तथा सम्पति की बाधा तथा क़ानूनी मामलो में विजय होती है। केला का पौधा घर के ईशान कोण में लगाने से घर में धन बढ़ता है।
आचार्य जी कहां, धरा पर रहने वाले हर व्यक्ति को प्रकृति के प्रति अपने नैतिक दायित्यों का निर्वहन करना चाहिए और ये एक मुहिम,मिशन की तरह जीवन मे होना चाहिए।
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