45 वर्षो बाद चीन ने फिर दोहराया धोखे का अपना इतिहास चीन के भी 43 सैनिक मारे गये
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अजीत सिंह ब्यूरो प्रमुख भारत
भारतीय पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद होने की आशंका
रात्रि के समये हुयी इस झड़प में चीन को भी भारी नुकसान हुआ है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीन के सैनिकों के बीच बातचीत से पता चला है कि उसके 43 सैनिक मारे गये हैं। गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि चीन की तरफ से इस घटना के संबंध में कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है लेकिन चीनी खेमे में जारी हलचल से इसके संकेत मिले हैं।
चीन ने भारत को 45 साल बाद एक बार फिर धोखा दिया है। सोमवार रात लद्दाख में बातचीत करने गई भारत की सेना पर चीन की सेना ने धोखे से हमला कर दिया।
हालांकि इस हमले मे 1993 मे हुये समझौते के अनुसार दोनो तरफ से एक भी गोली नहीं चली , लेकिन चीन के सैनिकों ने पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से हमला बोल दिया। इसमें भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए।
तीन घंटे चली यह झड़प लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई है।
बतात चलें 1962 की जंग में इसी स्थान पर इसी तरह धोखे से हुये हमले मे 33 भारतीय नागरिक शहीद हो गये थे ।इस बीच भारत की सैन्य खुफिया इकाई ने चीन की तरफ हुई बातचीत इंटरसेप्ट की है। इसके मुताबिक, चीन के 43 सैनिकों के भी मारे जाने की खबर पकडी है, लेकिन चीन ने यह कबूला नहीं है।
पैतालीस वर्ष पूर्व 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने भारतीय सेना की असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे। इसके 45 साल बाद चीन बॉर्डर पर हमारे सैनिकों की शहादत हुई है
सेना के सूत्रों ने बताया कि 15 से 20 सैनिक लापता हैं। इनमें से कुछ चीन के कब्जे में बताये जा रहे हैं। चीन रुक-रुककर भारतीय सैनिकों के शव भेज रहा है ।
कुछ सैनिक नदी में गिर गए हैं, जिनके शव मिल रहे हैं। 24 घंटे होने को आए हैं, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला है। लाइन ऑफ कंट्रोल पर चीन के हेलिकॉप्टरों का मूवमेंट अचानक बढ़ गया है। वह अपनी झडप मे मारे गये अपने सैनिको के शवो को ढूंढ कर ढो रहा है
सेना ने अधीकारिक वयान मे कहा है कि - 15-16 जून की मध्य रात्रि को जहां भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, वहां से दोनों सेनाएं अब पीछे हो चुकी हैं। लाइन ऑफ ड्यूटी के दौरान भारत के 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे। वे शून्य से भी कम टेम्परेचर में हाई एल्टीट्यूड वाले इलाकों में थे। इस वजह से उनकी जान चली गई। कुल शहीदों की संख्या 20 हो चुकी है।
जो शहीद हुए हैं, उनमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू शामिल हैं। दो अन्य नामों की पुष्टि हुई है। ये हैं- हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा। बाकी नाम अभी सामने नहीं आए हैं।
कायराना हमले के बाद प्रतिक्रिया से दहशत मे आये चीनी सैनिक अधिकारियों ने डैमेज कंट्रोल की कोशिस करते हुये मंगलवार सुबह 7:30 बजे चीन की पहल पर ही गालवन वैली में मीटिंग बुलाई गई। इसमें दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई।
लद्दाख सेक्टर में चीन और भारतीय सेना के बीच तनाव बढ़ने के बाद तिब्बत से सटे हिमाचल के दो जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर में सुरक्षा के लिहाज से अलर्ट जारी किया गया है। दोनों जिलों में सुरक्षा तंत्र को लेकर हिमाचल पुलिस व खुफिया एजेंसियां चैकन्नी हो गई हैं। चीनी हैलीकाॅप्टर इन जिलों में बीते सालों में घुसपैट की कई बार कोशिश कर चुके हैं। पिछले दिनों अप्रैल माह में चीन के हैलीकाप्टर लाहौल-स्पीति में 12 किलोमीटर भीतर तक घुस गए थे। अब एलएसी पर भारतीय व चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के चलते दोनों जिलों के सुरक्षा तंत्र को मुस्तैद किया गया है।
इस कायराना हमले की घटना से पूरे देश के साथ ही पूर्वोत्तर के लोग भी बेहद आक्रोशित हैं।
देश के लगभग हर भाग से लोगो द्वारा चीन मे वने सामानो का पूर्ण वहिष्कार करने और भविष्य मे चीन मे वने किसी भी तरह के उत्पादो को न खरीदने का देश व्यापी अभियान चलाये जाने की भी खबरे मिल रही हैं तो कुछ स्थानो पर लोगो ने चायनीज झंडे को फाड कर अपना चीन के प्रति गुस्सा प्रदर्शित किया है
रात के समय गलवान घाटी मे चीनी सेना ने किया कायरता पूर्ण हमला
भारत के कमांडिंग अफसर समेत बीस जवानो के शहीद होने की आशंका कई सैनिक लापता शहीद सैनिको के सम्मान मे चीन उत्पादित सामान न खरीदने न इस्तेमाल करने की सौगंध खा रहे हैं भारतीय लोग
Htnliveअजीत सिंह ब्यूरो प्रमुख भारत
भारतीय पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ झड़प में कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद होने की आशंका
रात्रि के समये हुयी इस झड़प में चीन को भी भारी नुकसान हुआ है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीन के सैनिकों के बीच बातचीत से पता चला है कि उसके 43 सैनिक मारे गये हैं। गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हालांकि चीन की तरफ से इस घटना के संबंध में कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है लेकिन चीनी खेमे में जारी हलचल से इसके संकेत मिले हैं।
चीन ने भारत को 45 साल बाद एक बार फिर धोखा दिया है। सोमवार रात लद्दाख में बातचीत करने गई भारत की सेना पर चीन की सेना ने धोखे से हमला कर दिया।
हालांकि इस हमले मे 1993 मे हुये समझौते के अनुसार दोनो तरफ से एक भी गोली नहीं चली , लेकिन चीन के सैनिकों ने पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से हमला बोल दिया। इसमें भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए।
तीन घंटे चली यह झड़प लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई है।
बतात चलें 1962 की जंग में इसी स्थान पर इसी तरह धोखे से हुये हमले मे 33 भारतीय नागरिक शहीद हो गये थे ।इस बीच भारत की सैन्य खुफिया इकाई ने चीन की तरफ हुई बातचीत इंटरसेप्ट की है। इसके मुताबिक, चीन के 43 सैनिकों के भी मारे जाने की खबर पकडी है, लेकिन चीन ने यह कबूला नहीं है।
पैतालीस वर्ष पूर्व 20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीन ने भारतीय सेना की असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर धोखे से एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे। इसके 45 साल बाद चीन बॉर्डर पर हमारे सैनिकों की शहादत हुई है
सेना के सूत्रों ने बताया कि 15 से 20 सैनिक लापता हैं। इनमें से कुछ चीन के कब्जे में बताये जा रहे हैं। चीन रुक-रुककर भारतीय सैनिकों के शव भेज रहा है ।
कुछ सैनिक नदी में गिर गए हैं, जिनके शव मिल रहे हैं। 24 घंटे होने को आए हैं, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला है। लाइन ऑफ कंट्रोल पर चीन के हेलिकॉप्टरों का मूवमेंट अचानक बढ़ गया है। वह अपनी झडप मे मारे गये अपने सैनिको के शवो को ढूंढ कर ढो रहा है
सेना ने अधीकारिक वयान मे कहा है कि - 15-16 जून की मध्य रात्रि को जहां भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, वहां से दोनों सेनाएं अब पीछे हो चुकी हैं। लाइन ऑफ ड्यूटी के दौरान भारत के 17 सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे। वे शून्य से भी कम टेम्परेचर में हाई एल्टीट्यूड वाले इलाकों में थे। इस वजह से उनकी जान चली गई। कुल शहीदों की संख्या 20 हो चुकी है।
जो शहीद हुए हैं, उनमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू शामिल हैं। दो अन्य नामों की पुष्टि हुई है। ये हैं- हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा। बाकी नाम अभी सामने नहीं आए हैं।
कायराना हमले के बाद प्रतिक्रिया से दहशत मे आये चीनी सैनिक अधिकारियों ने डैमेज कंट्रोल की कोशिस करते हुये मंगलवार सुबह 7:30 बजे चीन की पहल पर ही गालवन वैली में मीटिंग बुलाई गई। इसमें दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई।
लद्दाख सेक्टर में चीन और भारतीय सेना के बीच तनाव बढ़ने के बाद तिब्बत से सटे हिमाचल के दो जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर में सुरक्षा के लिहाज से अलर्ट जारी किया गया है। दोनों जिलों में सुरक्षा तंत्र को लेकर हिमाचल पुलिस व खुफिया एजेंसियां चैकन्नी हो गई हैं। चीनी हैलीकाॅप्टर इन जिलों में बीते सालों में घुसपैट की कई बार कोशिश कर चुके हैं। पिछले दिनों अप्रैल माह में चीन के हैलीकाप्टर लाहौल-स्पीति में 12 किलोमीटर भीतर तक घुस गए थे। अब एलएसी पर भारतीय व चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के चलते दोनों जिलों के सुरक्षा तंत्र को मुस्तैद किया गया है।
इस कायराना हमले की घटना से पूरे देश के साथ ही पूर्वोत्तर के लोग भी बेहद आक्रोशित हैं।
देश के लगभग हर भाग से लोगो द्वारा चीन मे वने सामानो का पूर्ण वहिष्कार करने और भविष्य मे चीन मे वने किसी भी तरह के उत्पादो को न खरीदने का देश व्यापी अभियान चलाये जाने की भी खबरे मिल रही हैं तो कुछ स्थानो पर लोगो ने चायनीज झंडे को फाड कर अपना चीन के प्रति गुस्सा प्रदर्शित किया है
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