International : भारत-चीन विवाद पर विदेशी मीडिया की प्रतिक्रिया
HTN Live
आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के कई सैनिक शहीद हो गए हैं तो चीन के भी कई सैनिक मारे गए हैं। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की है। हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय और पीएलए ने अब तक चुप्पी साध रखी है।
इजरायल टाइम्स : बढ़ते तनाव के बीच संघर्ष
इजरायल के प्रमुख समाचार पत्र ने अपनी वेबसाइट पर खबर में लिखा कि भारतीय सेना ने कहा कि चीनी सीमा पर तीन हफ्ते में बढ़े तनाव के बाद मंगलवार को आपसी संघर्ष में तीन भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं। खबर में कहा गया कि भारतीय सेना ने कहा कि दोनों तरफ से हताहत हुए, लेकिन चीन ने किसी भी मौत या घायल होने का कोई उल्लेख नहीं किया बल्कि इस घटना के लिए भारत पर तेजी से दोषारोपण किया। 3,500 किलोमीटर के सीमांत पर दो परमाणु-सशस्त्र दिग्गजों के बीच काफी नियमित आधार पर विवाद रहे हैं, जिनका कभी ठीक से सीमांकन नहीं किया गया, लेकिन दशकों में कोई भी मारा नहीं गया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स : सर्वाधिक आबादी वाले दो देशों में तनाव बढ़ा
अमेरिका के सबसे बड़े अखबार ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि सीमा पर चीन से घातक संघर्ष में चीनी सैनिकों के द्वारा पथराव में भारत के कई सैनिक मारे गए हैं। हिमालय क्षेत्र में विवादित सीमा पर हुई इस झड़प से दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाले दो देशों में तनाव और बढ़ गया है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार पथराव में दोनों देशों के जवान हताहत हुए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने सोमवार को दो बार सीमा पार की और चीनी कर्मियों पर हमला किया। जबकि भारतीय सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि चीनी सैनिकों द्वारा ऊंचाई से चट्टानें गिराने से सैनिक मारे गए हैं। वहीं, विदेश नीति के विश्लेषकों का कहना है कि चीन अधिक दबंग होकर अपने क्षेत्र का विस्तार कर रहा है। चाहे दक्षिण चीन सागर हो या हिमालय क्षेत्र। वियतनाम, ताइवान, हांगकांग और मलेशिया तेल रिंग मामले इसके ताजा उदाहरण हैं।
बीबीसी, ब्रिटेन : दो परमाणु शक्तियों के बीच टकराव बढ़ा
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन की वेबसाइट पर खबर में कहा गया कि विवादित कश्मीर क्षेत्र के लद्दाख में चीनी बलों के साथ झड़प में तीन भारतीय सैनिक मारे गए हैं। भारतीय सेना ने कहा कि दोनों पक्षों के जवान हताहत हुए हैं। चीन ने किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं की, लेकिन भारत पर सीमा पार करने का आरोप लगाया है। खबर में कहा गया कि दोनों परमाणु शक्तियों के बीच हाल के हफ्तों में सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच यह टकराव सामने आया है। हालांकि, दोनों तरफ से गोलियां नहीं चलीं हैं। मीडिया रिपोर्ट में पीट-पीटकर मारे जाने की बात सामने आई है, लेकिन सेना ने पुष्टि नहीं की। इसका परिणाम जो भी हो, लेकिन नवीनतम घटना से भारत में चीन विरोधी भावनाओं की एक नई लहर शुरू होने की संभावना है।
तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, 2 परमाणु शक्तियों के बीच टकराव
नई दिल्ली, 17 जून Htnlive । भारत-चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर हुई हिंसक झड़प को लेकर विदेशी मीडिया ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक्सप्रेस डॉट यूके जहां इसे तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत मान रहा है। वहीं इजरायल टाइम्स के मुताबिक यह बढ़ते तनाव से उत्पन्न संघर्ष है। न्यूयार्क टाइम्स ने इसे सर्वाधिक आबादी वाले दो देशों के बीच संघर्ष करार दिया है।आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के कई सैनिक शहीद हो गए हैं तो चीन के भी कई सैनिक मारे गए हैं। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार की है। हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय और पीएलए ने अब तक चुप्पी साध रखी है।
एक्सप्रेस डॉट यूके : तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत!
ब्रिटिश अखबार की वेबसाइट ने भारत-चीन टकराव को तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत करार दिया है। शुरूआती खबर में कहा गया है कि लद्दाख की गलवान घाटी में हुए टकराव में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए। जबकि खूनी नरसंहार के जवाब में पांच चीनी सैनिक मारे गए हैं। परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच टकराव के परिणामस्वरूप दशकों में यह पहली बार दुर्घटना की सूचना है। हालांकि, चीन ने घायलों की मौत या संख्या की पुष्टि नहीं की है। खबर में सेवानिवृत्त अमेरिकी सेना के कर्नल लॉरेंस सेलिन के ट्वीट के हवाले से कहा गया है कि चीन भारत के साथ खिलवाड़ न करे। उन्होंने कहा, दुखद नुकसान के बावजूद, भारतीय सेना ने चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के हमलावरों को सजा दी है।इजरायल टाइम्स : बढ़ते तनाव के बीच संघर्ष
इजरायल के प्रमुख समाचार पत्र ने अपनी वेबसाइट पर खबर में लिखा कि भारतीय सेना ने कहा कि चीनी सीमा पर तीन हफ्ते में बढ़े तनाव के बाद मंगलवार को आपसी संघर्ष में तीन भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं। खबर में कहा गया कि भारतीय सेना ने कहा कि दोनों तरफ से हताहत हुए, लेकिन चीन ने किसी भी मौत या घायल होने का कोई उल्लेख नहीं किया बल्कि इस घटना के लिए भारत पर तेजी से दोषारोपण किया। 3,500 किलोमीटर के सीमांत पर दो परमाणु-सशस्त्र दिग्गजों के बीच काफी नियमित आधार पर विवाद रहे हैं, जिनका कभी ठीक से सीमांकन नहीं किया गया, लेकिन दशकों में कोई भी मारा नहीं गया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स : सर्वाधिक आबादी वाले दो देशों में तनाव बढ़ा
अमेरिका के सबसे बड़े अखबार ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है कि सीमा पर चीन से घातक संघर्ष में चीनी सैनिकों के द्वारा पथराव में भारत के कई सैनिक मारे गए हैं। हिमालय क्षेत्र में विवादित सीमा पर हुई इस झड़प से दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाले दो देशों में तनाव और बढ़ गया है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार पथराव में दोनों देशों के जवान हताहत हुए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने सोमवार को दो बार सीमा पार की और चीनी कर्मियों पर हमला किया। जबकि भारतीय सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि चीनी सैनिकों द्वारा ऊंचाई से चट्टानें गिराने से सैनिक मारे गए हैं। वहीं, विदेश नीति के विश्लेषकों का कहना है कि चीन अधिक दबंग होकर अपने क्षेत्र का विस्तार कर रहा है। चाहे दक्षिण चीन सागर हो या हिमालय क्षेत्र। वियतनाम, ताइवान, हांगकांग और मलेशिया तेल रिंग मामले इसके ताजा उदाहरण हैं।
बीबीसी, ब्रिटेन : दो परमाणु शक्तियों के बीच टकराव बढ़ा
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन की वेबसाइट पर खबर में कहा गया कि विवादित कश्मीर क्षेत्र के लद्दाख में चीनी बलों के साथ झड़प में तीन भारतीय सैनिक मारे गए हैं। भारतीय सेना ने कहा कि दोनों पक्षों के जवान हताहत हुए हैं। चीन ने किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं की, लेकिन भारत पर सीमा पार करने का आरोप लगाया है। खबर में कहा गया कि दोनों परमाणु शक्तियों के बीच हाल के हफ्तों में सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच यह टकराव सामने आया है। हालांकि, दोनों तरफ से गोलियां नहीं चलीं हैं। मीडिया रिपोर्ट में पीट-पीटकर मारे जाने की बात सामने आई है, लेकिन सेना ने पुष्टि नहीं की। इसका परिणाम जो भी हो, लेकिन नवीनतम घटना से भारत में चीन विरोधी भावनाओं की एक नई लहर शुरू होने की संभावना है।
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