एक महीने में करीब 300 नालों की सफाई कैसे होगी
HTN Live
लखनऊ। लखनऊ मेयर के दौरे और फटकार के बाद भी नाला सफाई का काम अधूरा पड़ा हुआ है। शहर के कई इलाकों में या तो नाले की सफाई नहीं हुई या काम अब शुरू हुआ है। मौसम विभाग के जानकारों के अनुसार 18 जून के बाद कभी भी शहर में मॉनसून आ सकता है। ऐसे में मॉनसून से पहले शहर के करीब 50 फीसदी नालों की सफाई करवाना प्रशासन के लिए चुनौती बना है। हालांकि मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि सोमवार को दाँैरा किया जायेगा। नालों की सफाई में शिथिलता बरती गयी तो कार्रवाई होगी।
शहर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 600 नाले हैं। इसमें से करीब 300 नालों की सफाई अभी शुरू नहीं हो सकी है। इसमें हैदर कैनाल, महानगर, इंदिरानगर, इस्माइलगंज समेत कई इलाकों के नाले शामिल हैं। इस्माइलगंज वॉर्ड-एक की पार्षद अमिता सिंह ने बताया कि उनके इलाके में नाला सफाई का करीब 60 फीसदी काम अधूरा पड़ा है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर कई बार शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है। बावजूद इसके इंजिनियरिंग विभाग काम तेजी से नहीं करता है। उन्होंने बताया कि पिछले साल बारिश में वॉर्ड के 80 फीसदी से ज्यादा मोहल्ले जलमग्न हो गये थे। इस दौरान लोगों के घरों तक दूध और अन्य जरूरी सामान तक पहुंचाना पड़ा था।
इस्माइलगंज वॉर्ड-दो के पूर्व पार्षद रुद्रप्रताप सिंह ने बताया कि उनके यहां अब काम शुरू हुआ है, लेकिन काम की गति धीमी है। हालांकि, काम जल्दी नहीं होगा तो लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में इसको लेकर इलाके के लोग जोन सात स्थित जोनल कार्यालय का घेराव करेंगे।
चौपटिया में नगर निगम की टीम ने नाले से सिल्ट तो निकाल दिया, लेकिन उसको 15 दिन से उठाया नहीं है। ऐसे में फिर वही सिल्ट नाले में गिर गई है। यहां सिरके वाली गली निवासी एके सक्सेना ने बताया कि इसको लेकर पहले भी जोनल कार्यालय पर शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है। यहां तक की स्थानीय पार्षद से भी शिकायत की गई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि काम चल रहा है। समय रहते नालों की सफाई करा ली जायेगी। बारिश के दिनों में किसी को कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। वहीं मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि नालों को लेकर सख्त निर्देश हैं। सोमवार को भी अधिकारियों के साथ दौरा किया जायेगा। काम में तेजी न होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
लखनऊ। लखनऊ मेयर के दौरे और फटकार के बाद भी नाला सफाई का काम अधूरा पड़ा हुआ है। शहर के कई इलाकों में या तो नाले की सफाई नहीं हुई या काम अब शुरू हुआ है। मौसम विभाग के जानकारों के अनुसार 18 जून के बाद कभी भी शहर में मॉनसून आ सकता है। ऐसे में मॉनसून से पहले शहर के करीब 50 फीसदी नालों की सफाई करवाना प्रशासन के लिए चुनौती बना है। हालांकि मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि सोमवार को दाँैरा किया जायेगा। नालों की सफाई में शिथिलता बरती गयी तो कार्रवाई होगी।
शहर में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 600 नाले हैं। इसमें से करीब 300 नालों की सफाई अभी शुरू नहीं हो सकी है। इसमें हैदर कैनाल, महानगर, इंदिरानगर, इस्माइलगंज समेत कई इलाकों के नाले शामिल हैं। इस्माइलगंज वॉर्ड-एक की पार्षद अमिता सिंह ने बताया कि उनके इलाके में नाला सफाई का करीब 60 फीसदी काम अधूरा पड़ा है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर कई बार शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है। बावजूद इसके इंजिनियरिंग विभाग काम तेजी से नहीं करता है। उन्होंने बताया कि पिछले साल बारिश में वॉर्ड के 80 फीसदी से ज्यादा मोहल्ले जलमग्न हो गये थे। इस दौरान लोगों के घरों तक दूध और अन्य जरूरी सामान तक पहुंचाना पड़ा था।
इस्माइलगंज वॉर्ड-दो के पूर्व पार्षद रुद्रप्रताप सिंह ने बताया कि उनके यहां अब काम शुरू हुआ है, लेकिन काम की गति धीमी है। हालांकि, काम जल्दी नहीं होगा तो लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में इसको लेकर इलाके के लोग जोन सात स्थित जोनल कार्यालय का घेराव करेंगे।
चौपटिया में नगर निगम की टीम ने नाले से सिल्ट तो निकाल दिया, लेकिन उसको 15 दिन से उठाया नहीं है। ऐसे में फिर वही सिल्ट नाले में गिर गई है। यहां सिरके वाली गली निवासी एके सक्सेना ने बताया कि इसको लेकर पहले भी जोनल कार्यालय पर शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है। यहां तक की स्थानीय पार्षद से भी शिकायत की गई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि काम चल रहा है। समय रहते नालों की सफाई करा ली जायेगी। बारिश के दिनों में किसी को कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। वहीं मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि नालों को लेकर सख्त निर्देश हैं। सोमवार को भी अधिकारियों के साथ दौरा किया जायेगा। काम में तेजी न होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
No comments