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राष्ट्रीय शिक्षा नीति और रणनीतियों पर हुई 06 घंटे की प्रशिक्षण कार्यशाला, शिक्षकों ने किया प्रतिभाग

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लखनऊ। शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति और रणनीतियों पर 06 घंटे की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें इस कार्यशाला में विभिन्न सीबीएसई और यूपी बोर्ड स्कूलों के अध्यापक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। 
कार्यशाला का संचालन अनीता ऐराथून के द्वारा किया गया। बतातें है कि अनीता ऐराथून एक विद्वान प्रतिष्ठित लेखिका और अपने आप में एक मास्टर ट्रेनर है, जिनके पास शिक्षण में भी व्यापक अनुभव है। उन्होने एंग्लो इंडियन स्कूलों में शिक्षकों के संघ के सहायक सचिव का पद संभाला है और वर्तमान में वह एक लोकप्रिय संसाधन व्यक्ति है और पूरे भारत के स्कूलों और काॅलेजों में कार्यशालाएं आयोजित करती है। हार्नर कालेज की तरफ से बताया गया कि वर्तमान शिक्षकों को भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहतर प्रशिक्षक बनाने के लिए हार्नर कालेज के द्वारा निशुल्क कार्यशाला आयोजित की गई। हार्नर काॅलेज में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता पर सफल कार्यशाला के साथ अवधी शिक्षकों ने इससे बहुत अच्छी सीख ली। इसने हाॅर्नर काॅलेज को कक्षाओं में अंग्रेजी साहित्य के शिक्षण को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति और रणनीतियों पर एक कार्यशाला आयोजित करने के लिए फिर से प्रोत्साहित किया। हालांकि हाॅर्नर कालेज के द्वारा यह भी बताया गया कि विद्यालय पूर्व में भी ऐसी ज्ञानवर्धक और लाभदायक कार्यशाला आयोजित कर चुका है। शुक्रवार को हुई कार्यशाला में जयपुरिया, माउंट कार्मेल, सेंट टेरेसा, गुरूकुल एकेडमी, करामत हुसैन मुस्लिम गर्ल्स काॅलेज, डीपीएस, रिवरसाइड एकेडमी, सेन्ट मोनिका, श्री साईं इंटर काॅलेज, स्टेंला मैरी व वरदान इंटर काॅलेज, इंटरनेशनल एकेडमी, ग्रीनफील्ड्स व सीएमएस स्कूल की विभिन्न शाखाओं के शिक्षकों ने राष्ट्रीय शैक्षिक नीति पर इस व्यापक शिक्षण कार्यशाला के लिए अपना पंजीकरण कराया। कार्यशाला का संचालन कर रही अनीता ऐराथून ने कहा कि हाॅर्नर काॅलेज के सभागार में हुई यह कार्यशाला बहुत ही सफल रही, सभी शिक्षको ने खुलकर कार्यशाला में बात रखी और नई शिक्षा नीति पर हुई कार्यशाला में यह भी सीखा की वह इस नीति से क्या अच्छी चीजे ले सकते है। वहीं उन्होने कहा कि बच्चों को लर्निंग ही नही बल्कि प्रैक्टिकल भी सीखाना चाहिए। जिससे वह सरल भाषा में सीख सके। वहीं कार्यशाला के समापन के पश्चात विद्यालय की प्रधानाचार्या डा माला मेहरा ने मौजूद सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि ऐसे विलक्षण ज्ञान के लिए फिर से मिलने के वायदे के साथ सभी को विदाई दी, कहा कि सीखने में पूर्ण विराम नही बल्कि केवल अल्प विराम होते है।

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