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जीवन शैली व आत्मा को नया रूप देती है श्रीराम कथा

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जीवन शैली व आत्मा को नया रूप देती है श्रीराम कथा
 
संवाददाता ज्ञानेश पाल धनगर
जनपद  सीतापुर की तहसील बिसवां के भदेसिया ग्राम में स्थित राधाकृष्ण मंदिर में चल रही नौ दिवसीय श्री 'सा' जीवंत शतचंडी महायज्ञ एवं विराट संत,सम्मेलन  व रामकथा के पवित्र संगम में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई कथा व्यास बाल संत श्री अनुभवानंद ब्रम्हचारी जी महाराज जी ने क्षेत्रीय श्रद्धालुओं को राम रस में सराबोर कर दिया कथा के दौरान कथा व्यास   बाल संत श्री अनुभवानंद ब्रम्हचारी जी महाराज  जी ने बताया कि श्री राम कथा तन मन को पवित्र करने के साथ-साथ जीवन शैली और आत्मा को नया रूप देती है इस अवसर पर कथा व्यास ने कहा कि श्री राम कथा का आनंद तभी है जब वक्ता और श्रोता दोनों सर ताल मिलाकर कथा का रसपान करें और प्रेम प्रकट हो जाए तो परमात्मा खुद प्रकट हो जाएंगे प्रेम के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है 



व्यास जी ने कहा राम कथा का महत्व हमेशा से है और आगे भी रहेगा भगवान की लीला चरित्र व गुणों की गाथा है इसके स्वर्ण और कथन से हमेशा एक नवीनता का भाव बना हुआ रहता है भगवान राम लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न के क्षेत्र में प्रदर्शित त्याग और तपस्या की बातों को नियंत्रण करते रहने से सुनने वाले के अंदर भी ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है इस मौके पर राम कथा व्यास राम सीता विवाह प्रसंग का रसपान कराया श्रद्धालुओं ने तालियां राम कथा का आनंद लिया



 राम कथा के पवित्र मौके पर  श्रीमत परमहंस परिव्राजक स्वामी प्रकाशानंद सरस्वती फलाहारी बाबा  जी ने भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक हो कर चलना जरूरी है और भारत के संस्कृति और सभ्यता बचाने के लिए वेदों व शास्त्रों का अध्ययन आवश्यक है इस मौके पर कार्यक्रम प्रबंधक ओ०पी० मिश्रा जी,  आचार्य श्री कृष्ण कुमार मिश्रा जी व समस्त आचार्य मंडल एडवोकेट संकटा प्रसाद शुक्ला प्रदीप,शुक्ला जी,सुशील शुक्ला,शिव प्रकाश मिश्रा,पंकज मिश्रा जी, पांडे बाबा, कवि प्रमोद पंचमेश जी, आशू मिश्रा जी श्रद्धालु आलोक, अनुपम , प्रगति , अंजलि, छवि बृज  बिहारी मिश्रा जी व सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे

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