प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज़्जू भईया ) स्मृति व्याख्यान माला 2023: वर्तमान परिपेक्ष्य में “जीवन कौशल” की उपादेयता कार्यक्रम सम्पन्न
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राजेन्द्र सिंह (रज़्जू भईया ) स्मृति संस्थान द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चतुर्थ सरसंघ चालक प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज़्जू भईया ) की जन्म शताब्दी के अवसर स्मृति व्याकहन माला की पाँचवी कड़ी का कार्यक्रम 29 जनवरी 2023 को लखनऊ विश्वविद्यालय के चाणक्य सभागार में सम्पन्न हुआ ।
इस कार्यक्रम में माननीय योगेंद्र उपाध्याय, कैबिनेट मंत्री उ प्र. सरकार मुख्य अतिथि तथा श्री मती रजनी तिवारी राज्य मंत्री उच्च शिक्षा मंत्री उ प्र. सरकार एवं डा. रतन शारदा विशिष्ट अतिथि थे, कार्यक्रम में मुख्य वक्ता रज़्जू भईया के पूर्व छात्र एवं पूर्व शिक्षा मंत्री डा. नरेंद्र सिंह गौर एवं विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ प्रचारक माननीय वीरेश्वर द्विवेदी जी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
विश्व हिन्दू परिषद के माननीय वीरेश्वर दुवेदी जी रज़्जू भईया के लंबे समय तक सहयोगी रहे ने भी अपने संस्मरण सुनाते हुए बताया कैसे रज़्जू भईया मितव्ययता के साथ सादा जीवन व्यतीत करते थे और सदा देश के लिए सोचते हुए परहित सरिस धर्म नहिं भाई की भावना को के अनुरूप व्यवहार को अपनाया था। एक विशेष बात रज़्जू भईया के बारे में बताया की रज़्जू भईया कहते थे हिन्दुओ को किसी दूसरे धरम से नहीं बल्कि दूषित मानसिकता से समस्या है।
डॉ नरेंद्र सिंह गौर जी का कहना था परिवार से सम्पन्न होने के बावजूद उन्होंने अपने लिए कोई संपत्ति नहीं बनाई और अपना मकान इत्यादि भी समाज के कार्य के लिए दान कर दी । जब रज़्जू भईया ने त्याग पत्र दिया तो मुझे ही उनका विषय पढ़ने के लिए दिया गया था रज्जू भैया छोटे से छोटे कार्यकर्ता को भी प्रोत्साहन देकर आगे बढ़ाते थे। शिक्षा के माध्यम से संस्कार मिले इसलिए रज्जू भैया ने सरस्वती शिक्षा मंदिरों की स्थापना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। । अपने मंत्री काल में मैंने समयानुकूल कुछ बाते पाठ्यक्रम में शामिल की अब नई शिक्षा नीति 2020 में इनका समावेश किया गया है ।
माननीय राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने रज़्जू भईया को याद करते हुए जीवन कौशल की महत्ता और आवश्यकता पर प्रकाश डाला तथा इसको व्यापक बनाए जाने पर जोर दिया। जीवन कौशल की उपादेयता पर बल देते हुए मंत्री जी ने कहा कि युवाओं को मानसिक दबाव के तहत कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए, उन्हें अपनी योग्यता को पहचानना चाहिए। किसी का अंधानुकरण नहीं करना चाहिए। जीवन कौशल के प्रशिक्षण से व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। युवाओं को जब कोई राह ना दिखे तब जीवन कौशल काम आता है, इसके माध्यम से युवा योग्यता व आत्मविश्वास बात करता है। लक्ष्य निर्धारित करें एवं सकारात्मक व्यवहार अपनाएं। जीवन कौशल का जीवन प्रक्रिया है एवं सीखने से जीवन सरल एवं सहज बनता है।
कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय जी ने कहा रज़्जू भईया का जीवन स्वयं जीवन कौशल का उदाहरण था,उनके बताए मार्ग को यदि जीवन में उतार लिया जाए तो फिर जीवन कौशल को अलग से सीखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। रज्जू भैया का जीवन दर्शन पढ़ने से एवं उस पर चिंतन मनन करने से जीवन कौशल परिष्कृत होगा एवं व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होगा।
रज़्जू भईया को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने रज़्जू भईया के नाम से लखनऊ विश्वविद्यालय में रुरल साइंस रिसर्च सेंटर भौतिक शास्त्र विभाग में खोले जाने की घोषणा की है ।
मुंबई से पधारे डा. रतन शारदा की किताब दी लाइफ एण्ड टाइम्स ऑफ रज़्जू भईया का विमोचन किया गया । रतन शारदा ने बताया की रज्जू भैया कहते थे कि काम के समय यदि विदेशी परिधान हो तो भी काम से कम उत्सव में सबको भारतीय गणवेश में रहना चाहिए जिससे संस्कार सशक्त हों। सपरिवार गांव में जाना चाहिए जिससे कि जड़ों से जुड़े रहे।
इंजीनियर गौरव गुप्ता लखीमपुर जिले में गौ आधारित कृषि व्यवस्था तथा डा. कमाल टाओरी पूर्व आईएएस के साथ मिलकर ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम कररहे है। गौरव जी का माननीय मंत्री जी द्वारा सम्मान किया गया।
प्रो. राजेन्द्र सिंह स्मृति संस्थान के महा मंत्री सर अजय सिंह ने पिछले चार वर्षों में किए गए कार्यों का विवरण दिया और जीवन कौशल के ज्ञान को विद्यार्थियों और नौजवानों के बीच ले जाने में सरकार के साथ सहयोग कर अगले एक वर्ष में ज्यादा से ज्यादा जगह पहुचाने की संस्थान की योजना के बारे में बताया ।
कार्यक्रम का संचालन अक्षय प्रताप सिंह ने और धन्यवाद प्रस्ताव श्री अंशुमाली शर्मा ने किया ।
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