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शिया पी जी कॉलेज को NAAC से A++ मिलता लेकिन मौलाना कल्बे जव्वाद के घिनौने कृत्य से हमे केवल A ही मिल सका - अब्बास मुर्तजा शम्सी

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शिया पी जी कॉलेज में हुई पत्रकार वार्ता में मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी पर लगे कॉलेज के खिलाफ षड्यंत्र के आरोप
दुश्मनी और ईष्र्या व्यक्ति से हो सकती है, इदारे से नही।
अपने को शिया कौम का रहनुमा कहने वाले शिया कालेज के खिलाफ षणयन्त्र और साजिश नही कर सकते - मौलाना यासूब अ

लखनऊ 29.01.2023। सौ साल पहले तालीम की जो शमा रौशन हुई थी आज वो मशाल में तब्दील हो चुकी है जिसकी रौशनी में कालेज के तमाम बच्चों का मुस्तकबिल जगमगा रहा है। दुश्मनी और ईर्ष्या व्यक्ति से हो सकती है, इदारे से नही। अपने को शिया कौम का रहनुमा कहने वाले शिया कालेज के खिलाफ षणयन्त्र और साजिश नही कर सकते। जो व्यक्ति शियाओं के एशिया के सबसे बड़े इदारे शिया पी0 जी0 कालेज के खिलाफ षडयंत्र और कार्य करता है वो खुद शिया कौम और आने वाली नस्लों के खिलाफ है। ये बात आज शिया पी0 जी0 कालेज, लखनऊ में पत्रकार वार्ता में बोलते हुए आल इण्डिया शिया पसर्नल ला बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी, मौलाना यासूब अब्बास ने कही। 
उन्होंने मौलाना कल्बे जव्वाद पर हमला बोलते हुए कहा कि जब शिया पी0 जी0 कालेज और शिया कौम के सभी लोग अपनी पूरी ताकत से शिया कालेज को सजाने संवारने में लगे थे, उस समय मौलाना कल्बे ज़व्वाद शिया कालेज के खिलाफ साजिश रच रहे थे। शिया पी0जी0 कालेज, लखनऊ को नैक द्वारा A++ की जगह A मिलना मौलाना कल्बे जव्वाद की साजिशों का परिणाम हैं। शिया पी0जी0 कालेज, लखनऊ के खिलाफ मौलाना कल्बे जव्वाद द्वारा किये गये इस कृत्य को शिया कौम हमेशा याद रखेगी
मौलाना कल्बे जवाद सिर्फ शिया कौम की हमदर्दी का ढोंग तो करते हैं लेकिन कभी हमदर्दी नही करते सिर्फ अपना हर जगह उल्लू सीधा करते हैं इनका शिया कॉलेज में किया गया ये घिनौना कृत्य इसको उजागर करता है


शिया पी0जी0 कालेज, लखनऊ के प्रबन्धक श्री अब्बास मुर्तजा शम्सी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि इतिहास गवाह है कि दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं एक वो जो तरक्की पसंद करते है और मोहब्बत का संदेश देते हैं, वहीं दूसरी तरफ ऐसे लोग होते हैं जो तरक्की को रोकने के लिए काम करते हैं। नफरत फैलाते है, और नफरत के लिए जीते हैं। जो लोग तरक्की और मोहम्मब को मानने वाले है, उन्हे आज भी लोग मोहब्बत से याद करते हैं। तो वहीं ऐसे लोग जो नफरत के लिये जीते है, नफरत फैलाते है उनको लोग नफरत से ही याद करते हैं। हमने अपना तन-मन-धन शिया पी0 जी0 कालेज, लखनऊ की तरक्की और आला मुकाम पाने के लिये लगा दिया, जिससे शिया पी0 जी0 कालेज, लखनऊ ने विकास के नए आयाम हासिल किए हैं। नैक द्वारा ‘ए’ ग्रेड मिलना उसके वास्तविक विकास का सही प्रतिबिम्ब नही है। शिया पी0 जी0 कालेज, लखनऊ निःसंदेह नैक पीयर टीम विजिट के समय A++ श्रेणी की सुविधाएं रखता था और उसको नैक द्वारा A++  गे्रड ही हासिल होता, लेकिन मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने एशिया के शिया समुदाय के सबसे बड़े शैक्षिक संस्थान को अपना निशाना बनाया और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद्, बैंग्लौर (नैक) के निदेशक, एस0 सी0 शर्मा को 16 अक्टूबर, 2022 को झूठा, बेबुनियाद, तथ्यहीन पत्र भेजकर शिया पी0 जी0 कालेज, लखनऊ को नैक मूल्यांकन प्रदान न किया जाए, यह प्रार्थना की। 16 अक्टूबर, 2022 को मौलाना श्री कल्बे जव्वाद नकवी द्वारा यह पत्र निदेशक नैक को भेजा जाता है और महाविद्यालय में 19 और 20 अक्टूबर, 2022 को नैक पियर टीम को विजिट होती है। जब शिया पी0 जी0 कालेज, लखनऊ से जुडे सभी लोग युद्धस्तर पर नैक पियर टीम विजिट की तैयारियों में लगे थे उस समय मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी शिया कालेज के खिलाफ अपने अभियान को अंजाम दे रहे थे, उनके पत्र के कारण ही नैक पियर टीम दबाव में रही और इसका खामियाजा शिया पी0 जी0 कालेज, लखनऊ को उठाना पड़ा।
पत्रकार वार्ता में विस्तारपूर्वक मौलाना यासूब अब्बास ने अपनी बाते रखते हुए कहा कि शिया कालेज, बोर्ड आफ ट्रस्टीज शिया कालेज एण्ड दि स्कूल एण्ड दि अदर कनेक्टेड इंस्टीट्यूशन्स, लखनऊ (सोसाइटी) की निगरानी में चलने वाला महत्तवपूर्ण और उन्नत संस्थान है, जो 100 से ज्यादा वर्षों से ज्ञान और शिक्षा की रोशनी बिखेर रहा है। इस्लाम की परम्परा, नबी और उनके उत्तराधिकारी का अमल करते हुए कालेज द्वारा अपनी स्थापना से ही वतनपरस्ती और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों के आधार पर समाज के प्रत्येक तबके की तालीम के जरिए बिना किसी भेदभाव के सेवा की है।
प्रोफेट मोहम्मद की परम्परा का पालन करते हुए शिया कालेज सदा आगे बढ़ा है। प्रोफेट मोहम्मद ने कहा था कि ‘‘सीखना और ज्ञान प्राप्त करना हर मुस्लिम पुरूष और महिला के लिए अनिवार्य है।’’ प्रोफेट मोहम्मद के विचारों को अमल में लाते हुए शिया समुदाय के रहनुमाओं ने 1919 में शिया कालेज की नींव रखी। सन् 1922 में शिया कालेज को सामाजिक विज्ञान और ह्यूमिनिटीज् में पढ़ाने के लिए इण्टरमीडिएट कालेज की मान्यता प्राप्त हो गई। उसी वर्ष अवध के राजा नसीरूद्दीन हैदर कर्बला द्वारा कालेज के लिए दी गई जमीन पर कालेज की संगेबुनियाद रखी गई। शिया समुदाय से मिले चंदे से कालेज की बिल्डिंग का निर्माण हुआ। आसिफी इमामबाड़े और रूमी दरवाजें की बुर्जियों से शुरू हुआ तालीम का ये कारवां 1923 में एक मुकम्मल कालेज में तब्दील हुआ। 1947 से कालेज में बी0एससी0 की तालीम शुरू हो गई। सन् 1960 में बी0ए0, 1970 में एलएल0बी0 तथा 1972 में बी0काम0 की तालीम की शुरूआत हुई। पी0 जी0 स्तर पर सन् 1995 में एम0ए0 (उर्दू) और 1996 में एम0ए0 (समाजशास्त्र) की कक्षाएं शुरू हुई। 
तब से लेकर आज तक शिया कालेज ने तरक्कियों के तमाम पायदानों को तय किया है। उसका स्वर्णिम इतिहास और गौरवशाली विरासत आज भी पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचती है। जितनी शानदार, भव्य और ऐतिहासिक शिया कालेज की बिल्डिंग है, उतना ही गौरवशाली अध्ययन, और अध्यापन का माहौल। शिक्षा, खेलकूद, कल्चरल एक्टिविटीज् और शिक्षण के नए परिवर्तनकारी तरीकों को अपनाने में शिया कालेज का अग्रणी स्थान है। शिया कालेज में केवल परम्परागत शिक्षण पद्धतियों को प्रयोग में नही लाया जाता, वरन् सृजनशीलता और प्रयोगधर्मिता के साथ अध्ययन शिया कालेज की विशिष्टता है, जो उसको कालेजों की कतार से अलग खड़ा करती है। शिया कालेज रूढ़िवादी शिक्षा प्रणाली से इतर, स्टूडेन्ट सेन्ट्रिक मेथड का पालन करता है, जिसके केन्द्र में छात्र और उनके सोचने का तरीका रहता है, इसीलिए आज छात्र/छात्राएं शिया कालेज में दाखिले के ख्वाहिशमंद रहते हैं। 
शिया कालेज के तमाम ओहदेदारान और मेम्बरान, शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, छात्र/छात्राएं व भूतपूर्व छात्र/छात्राएं (एलूमिनी) की साझा कड़ी मेहनत से पिछले कुछ सालों में कालेज में काबिले तारीफ बदलाव आया है। कालेज में छात्र/छात्रओं को आला और मेयारी तालीम मिलती है, जिसका असर है कि हर साल लखनऊ यूनिवर्सिटी के होने वाले कन्वोकेशन में दिये जाने वाले गोल्ड मेडल्स में शिया कालेज के छात्रछात्राएं अव्वल पायदान पर होते हैं।
शिया अरबी कालेज को एक नई इमारत में मुन्तकिल किया गया है, जिसमें वो बखूबी खिदमात अंजाम दे रहा है। 
सईदुल मिल्लत हाल का नव निर्माण और विक्टोरिया स्ट्रीट कैम्पस कौम व मिल्लत के सामने है जहां बराबर मजालिस व महाफिल में अफरादे कौम आते रहते हैं।
फैकल्टी आफ ला को इमाम मोहम्मद तकी (अ.स.) ब्लाक के नाम से एक नई इमारत में मुन्तकिल करके उसका एक अलग कैम्पस बना दिया गया है, जहाँ कानून की पढ़ाई हो रही है। लॉ कालेज में एक नेहायत शानदार एयर कन्डीशन इमाम अली (अ0स0) मूट कोर्ट की तामीर हुई है। ऐसा शानदार मूट कोर्ट शायद ही लखनऊ के किसी कालेज के पास मौजूद हो। फैकल्टी आफ ला के लिये इसकी अपनी एक अलग एयर कन्डीशन्ड लाइब्रेरी और किताबों के लिये स्टैक रूम तामीर किया गया है ताकि कालेज के छात्रों को किसी किस्म की दिक्कत या परेशानी न हो। 
शिया कालेज में नेहायत शानदार एयर कन्डीशन खतीबे अकबर लाइब्रेरी बनाई गयी है, जिसमें डिजिटल, मार्डन, आनलाइन जाकर छात्र उस से फायदा हासिल करते हैं। लाइबे्ररी की अपनी वेबसाइट है, अभी अय्यामे अजा से पहले गवर्नर ऑफ केरला महामहिम आरिफ मोहम्मद खान साहब ने जिसका ऑनलाइन उदघाटन किया था। लाइब्रेरी में कई लाख किताबें हैं जिनको रखने के लिये दो मंजिला नये स्टेक रूम की तामीर की गयी। ये लाइब्रेरी नेहायत शानदार और लखनऊ की बेहतरीन लाइब्रेरियों में से एक है। 
हजरत इमाम रजा (अ0स0) ब्लाक की दो मंजिला इमारत तामीर की गयी जिसमें 24 कमरे तामीर हुए हैं। इन 24 कमरों में फैकल्टी आफ आट्र्स को अलग और बेहतरीन स्थान हासिल हो गया है। ये इमारत भी बहुत शानदार और कालेज के मेयार के मुताबिक तामीर हुई है। 
हजरत इमाम जाफरे सादिक (अ0स0) ब्लाक में नये क्लास रूम की तामीर की गयी है। 
मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेन्ट में एयर कन्डीशन साउण्ड प्रूफ, आधुनिक, आडियो-विजुअल स्टूडियो भी तामीर किया गया है जो लखनऊ के किसी भी कालेज का इस नोइयत का पहला स्टूडियो है। इस स्टूडियों में पत्रकारिता और जनसंचार की पढ़ाई कर रहे छात्र रेडियो जाकी, वीडियो एडिटिंग, एंकरिंग आदि की पे्रक्टिकल टेªनिंग लेकर तमाम न्यूज चैनलों और अखबारों में नौकरी पा रहे हैं।
अबु तालिब मल्टी परपज हाल- महाविद्यालय में कल्चरल प्रोग्राम में छात्र/छात्राओं की प्रतिभा को निखारने के लिए एक मल्टीपरपज हाल का निमार्ण किया गया जिसका नाम अबु तालिब मल्टीपरपज हाल रखा गया। 
हजरत ख़दीज़ा बोर्ड रूम- महाविद्यालय में आधुनिक सुविधाओं से लैस एजूकेटिव बोर्ड रूम का निर्माण किया गया सिसका नाम हजरत ख़दीज़ा बोर्ड रूम किया गया।
हालिया सालों में खेलकूद के लिये भी कालेज ने काफी इन्तेजामात किये हैं। शिया कालेज में बादशाह नसीरूद्दीन हैदर स्टेडियम बनाया गया है, जिसमें नेचुरल टर्फ पिच बनाई गई है जिसका निर्माण बी0सी0सी0आई0 के मानक अनुसार मिट्टी से किया गया है। जिमनेजियम और इनडोर गेम्स का भी बहुत मेयारी इन्तिजाम किया गया है खेल कूद का तमाम सामान बच्चों के लिये मौजूद है। खेलकूद की इन सुविधाओं का असर है कि आज शिया कालेज लखनऊ व उत्तर प्रदेश में होने वाले विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करता है और ट्राफी पर कब्जा जमाता है। हर साल कालेज में खेलों के स्तर को ऊँचा बनाए रखने के लिए रेगुलर ट्रायल और टेªनिंग की व्यवस्था रहती है। हर साल शियाड नाम से खेल महोत्सव तथा खतीब-ए-अकबर मौलाना मिर्जा मोहम्मद अतहर के नाम से इन्टरकालिजिएट क्रिकेट टूर्नामेन्ट का आयोजन किया जाता है जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय सहित सभी प्रमुख महाविद्यालयों की टीम भागादीरी करती हैं। पी0वी0सी0 फ्लोरिंग बैडमिंटन कोर्ट सहित इन्डोर स्टेडियम का भी निर्माण किया गया।
कालेज में एक बहुत खूबसूरत कैण्टीन भी बन कर तैयार हैं जिससे कालेज के छात्रों को जलपान की उन्नत व्यवस्था मिल रही है।
बाटनी डिपार्टमेन्ट के लिये बहुत खूबसूरत बाटनिकल गार्डेन भी बनाया गया है जिसमें तमाम तरह के मेडिसिनल और एरोमेटिक पौधे लगाये गये हैं। इस बाटनिकल गार्डेन में लगे रंग बिरंगे फूल वाले पौधों की खूशबू से पूरा कालेज महक रहा है। 
कालेज में जगह-जगह ठंडे पानी की मशीनें और आर0ओ0 युक्त सबीलें भी बनाई गयी हैं, जिससे छात्रों को ठण्डा और साफ पानी मिल सके। 
कालेज कैम्पस को फ्री वाई-फाई भी कर दिया गया है जहां बच्चों को फ्री में वाईफाई की सहूलियत दस्तयाब है। 
इन तमाम सहूलियतों से बढ़ कर शिया कालेज अपने स्टूडेन्ट्स की पूरी शख्सियत को मुक्कमिल तौर पर निखारने के लिये पिछले कुछ सालों से एक्सपे्रशन्स नाम से ‘यूथ फेस्टिवल’ आरगेनाइज किया जा रहा है, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के साथ-साथ तमाम दूसरे कालेज भी शिरकत करते हैं। महामहिम राज्यपाल द्वारा चलाये गये अभियान पढ़े लखनऊ, बढ़े लखनऊ में शिया कालेज को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। कालेज के अन्दर आधुनिक सुविधाओं को विकसित करते हुये 8 स्मार्ट क्लास रूम 46 आई0सी0टी0 इनेबल्ड क्लास रूम बनाये गये।
शिया महाविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध मात्र एक ऐसा संस्थान है जिसने महाविद्यालय के सभी अभिलेखों को संरक्षित रखने के लिए तथा लखनऊ विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग और महाविद्यालय के बीच आनलाइन स्तर पर बेहतर तालमेल के लिए शिया कालेज डेटा रिसोर्स सेल (एससीडीआरसी) की स्थापना की। अब  उत्तर प्रदेश सरकार द्वार एबेक्स, डिजीशक्ति, मानव सम्पदा पोर्टल, डिजीलाकर आदि आनलाइन पोर्टल का काम भी यही से संचालित होता हैं। इतना ही नही छात्र/छात्राओं को परीक्षा से होने वाली संमस्याओं के निराकरण के लिय यह सेल काम करती है। महाविद्यालय में पूरे काम को आनलाइन विधि में परिवर्तित कर दिया गया है। महाविद्यालय के पास अपना आनलाइन एडमिशन पोर्टल, आनलाइन फीस जमा करने की सुविधा, इन्वेंटरी पोर्टल, पे-रोल मैनेजमेंट सिस्टम है। इसके साथ-साथ महाविद्यालय के पास अपना ई-कंटेट पोर्टल, ग्रीवियांस पोर्टल, मेंटरिंग पोर्टल, एल्यूमिनाई पोर्टल, आनलाइन फीडबैक सिस्टम, आनलाइन असाइनमेंट जमा करने की सुविधा, गूगल क्लासरूम, जूम आदि मौजूद है जिसके माध्यम से छात्र/छात्राओं को उन्नत शिक्षा और इनवाइटी लेक्चर का लाभ मिलता है।
  एक ओर प्रबन्ध-समिति द्वारा चंद सालो में किए गए प्रयास के परिणाम और उसके कुछ उदाहरण आपके सामने हैं। पांच साल में विकास की ये रफ्तार, वो भी किसी विदेशी, देशी, सरकारी, गैर-सरकारी संस्था से बिना वित्तीय सहायता मिले, की दूसरी मिसाल मिलना आसान नही है। हम कालेज को तरक्की के ऊंचे से ऊंचे पायदान पर पहुंचाने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और वहाँ मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी जैसे चंद लोग व्यक्तिगत ईष्या और रंजिश में फंसे पड़े है। खुद को शिया कौम का रहनुमा बताते न थकने वाले मौलाना कल्बे जव्वाद शिया कालेज के खिलाफ साजिशों को अंजाम दे रहे हैं। शिया कालेज की जब तारीख लिखी जायेगी तो उसमे यह भी जिक्र होगा कि ऐसे मौलाना थे जिन्होंने शिया कालेज के खिलाफ सरकारी संस्था नैक को लिखा कि शिया पी0जी0 कालेज को नैक मूल्यांकन का प्रमाण-पत्र न दिया जाए।
प्रबन्धक श्री अब्बास मुर्तजा शम्सी ने कहा कि मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी शिया कालेज की तरक्की को रोकने के लिए झूठे, फर्जी, तथ्यहीन, बेबुनियाद पत्र  लखनऊ विश्विद्यालय , उत्तर प्रदेश सरकार और विभिन्न संस्थाओं को भेजा करते हैं। मैं पत्रकार वार्ता में आप सब लोगों के माध्यम से मौलाना कल्बे जव्वाद से पूछना चाहता हूँ कि वो बताएं कि पिछले सालों मे पचास से ज्यादा गोल्ड मेडल पाने वाले, छात्र/छात्राओं से उन्होंने मुलाकात की हो, उनका सम्मान किया हो या अपने यहां उनके सम्मान में कोई टी-पार्टी ही आयोजित की हो। इसी तरीके से शिया पी0जी0 कालेज की क्रिकेट व अन्य खेलों की टीमों ने ट्राफियां जीती या लखनऊ विश्वविद्यालय या अन्य महाविद्यालय में आयोजित कल्चरल फेस्टिवल में शिया कालेज का झण्डा बुलंद किया हो, उनको मौलाना कल्बे जव्वाद ने किसी तरीके के सम्मान के शब्द ही बोलें हो। ये कैसे कौम के रहनुमा हैं जो कौम के इदारे को निशाना बनाते हैं और जब पूरे देश के अन्दर शिया कालेज का नाम रौशन हो रहा हो, ये उस शिया काॅलेज के खिलाफ खड़े हो जाते।
इस पत्रकार वार्ता में शिया महाविद्यालय के प्राचार्य, प्रो0 एस0 शबीहे रज़ा बाक़री, आईक्सूएसी के कोआर्डिनेटर, डा0 एम0एम0 अबु तैय्यब, वित्त अधिकारी, डा0 एम0एम0 एज़ाज अब्बास, एससीडीआरसी के निदेशक, डा0 प्रदीप शर्मा मौजूद रहे।


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