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शशि भूषण बालिका विद्यालय डिग्री कॉलेज,लखनऊ में अवध की लोक सांस्कृतिक विरासत" विषय पर "पद्मश्री डॉ.विद्या बिंदु सिंह" के व्याख्यान का आयोजन किया गया

                           HTN✍️Live

शशि भूषण बालिका विद्यालय डिग्री कॉलेज,लखनऊ में 27.09.2022 को "अवध की लोक सांस्कृतिक विरासत" विषय पर "पद्मश्री डॉ.विद्या बिंदु सिंह" के व्याख्यान का आयोजन किया गया | 
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन तथा सरस्वती वंदना से हुआ | मुख्य अतिथि एवं वक्ता पद्मश्री डॉ. विद्या बिंदु सिंह जी को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया  गया |
 डॉ.विद्या बिंदु जी ने अपने विचारों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि लोक साहित्य,कथाएं,और रीति-रिवाज भारतीय संस्कृति की अनुपम धरोहर है| अत:इसका संरक्षण करना हमारा परम कर्तव्य है | हमारी लोक सांस्कृतिक विरासत का किसी ना किसी रूप में विज्ञान से संबंध है | रीति रिवाज जो प्राचीन काल से हमारे समाज में चले आ रहे हैं उनके पीछे भी ऐसे कुछ ख़ास कारण हैं जिनसे प्रकृति का संरक्षण हो सकता है और मानव जाति का सर्वविध कल्याण भी |अपने विचारों को व्यक्त करते हुए डॉ सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में लोग अपनी लोक सांस्कृतिक विरासत को भूलते जा रहे हैं अत:हम सभी का यह कर्तव्य है कि हमारी जो भारतीय संस्कृति है ,लोक विरासत है उसके वैशिष्ट्य को संरक्षित करने के लिए हम सभी को एक साथ आगे आना होगा सार्थक कदम उठाने होंगे |


महाविद्यालय की छात्रा गुलनिशां जहां ने अपने हाथों से "पद्मश्री"पुरस्कार प्राप्त करते हुए डॉ. विद्या बिंदु सिंह जी का चित्र बनाकर उन्हें भेंट किया | आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी होने वाली छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया | 



 इसी अवसर पर महाविद्यालय के संस्कृत विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रागिनी श्रीवास्तव की पुस्तक "आचार्य रुद्रट की दृष्टि में काव्य लक्षण: एक समीक्षा" का लोकार्पण भी पद्मश्री डॉ विद्या बिंदु जी के कर कमलों द्वारा किया गया | कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग  की विभागाध्यक्ष डॉ मधूलिका श्रीवास्तव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन शिक्षाशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ चंदना बोस ने किया | डॉ सौरभ कुमार मिश्र एवं डॉक्टर बिंदु कार्यक्रम के संयोजक रहे| कार्यक्रम में बी.एस.एन.वी. कॉलेज की डॉक्टर अंजली अस्थाना भी उपस्थित रहीं | महाविद्यालय के प्रबंधक श्री पंकज भट्टाचार्य सहित सभी शिक्षक,
शिक्षिकाएं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ भारी संख्या में छात्राएं भी उपस्थित रहीं |

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