सिडबी और ग्रांट थॉर्नटन भारत ने किया एमएसएमई इकोसिस्टम के विकास पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
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लखनऊ, 1 जुलाई, आजादी का अमृत महोत्सव समारोहों की कड़ी में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने ने अपनी परियोजना प्रबंध एजेंसी (पीएमयू) ग्रांट थॉर्नटन (जीटी) के सहयोग से शुक्रवार को एमएसएमई पारितंत्र के विकास पर राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का वर्चुअल आयोजन किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री एस रमण ने कहा कि उद्यम विकास मॉडल में जीवंतता बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सिडबी ने क्लस्टर विकास को प्राथमिकता दी है और राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस संदर्भ में टिकाउ कार्यनीति विकसित की जा सकती है। उन्होने सभी हितधारकों से देश में एमएसएमई पारितंत्र के समग्र विकास के लिए एक साथ चलने का आह्वान किया।
इससे पहले देश के 20 से अधिक राज्य सरकारों के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, श्री वी सत्य वेंकट राव उप प्रबंध निदेशक ने राज्य सरकारों के सहयोग से उद्यम वैल्यू चेन को मजबूत करने में सिडबी की भूमिका के बारे में बताया। उन्होने सिडबी क्लस्टर विकास निधि योजना के बारे में भी प्रकाश डाला जो एमएसएमई क्लस्टर अवसंरचना के निर्माण के लिए राज्य सरकारों को सहायता प्रदान कर रही है। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के परामर्शदाता ग्रांट थॉर्नटन भारत के प्रो वी पद्मानंद ने ग्रांट थॉर्नटन के मार्फत सिडबी के विभिन्न राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों के साथ जुड़कर विकसित किये गए प्रमुख हस्तक्षेपों व उत्कृष्ट कार्यपद्धितियों के बारे में जानकारी दी। डीके सिंह, आईएएस, महासचिव, एनएचआरसी ने एमएसएमई पारितंत्र में मौजूद कमियों और इसे दूर करने के साधनों और तरीकों पर चर्चा की।
सिडबी ने स्वावलंबन संपर्क केंद्र पर अपनी पहलकदमियो के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इसके जरिए 100 जिलों में युवाओं के उद्यमों के सपनों को साकार करने में सहायता प्रदान की जा रही है।
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