Breaking News

आरटीओ ऑफिस खैराबाद बना भ्रष्टाचार का अड्डा

HTN Live 

 

दिया तले अँधेरा कहावत चरितार्थ

     जनपद सीतापुर के आरटीओ ऑफिस खैराबाद में यदि आप किसी भी काम के लिए बिना घूस दिए कराने के बारे सोच रखा है तो आप यह मान लीजिए आपका कार्य किसी भी तरह से होने की संभावना नगण्य है क्योंकि आप दो,तीन,या चार बार प्रयास करेंगे, फिर क्या होगा ? आप परेशान हो जाएंगे आपको लगेगा इससे अच्छा तो यही था ! कि आरटीओ ऑफिस के बाहर लगी दुकानों के पास किसी दलाल को फिट कर लेते तो आसानी से काम हो जाता। क्योंकि आरटीओ ऑफिस खैराबाद में कोई भी काम बिना रिश्वतखोरी के नहीं हो सकता यहां सुबह से शाम तक उच्च अधिकारियों के नाक के नीचे दलालों की जमात लगी रहती है जो आरटीओ ऑफिस में सुदूर गांव से चलकर आए भोले भाले व्यक्तियों से मोटी रकम ऐड कर आरटीओ ऑफिस के बाबूओं के बीच बंदरबांट चलता है।

      एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा के तहत नियमों का पालन करने पर जोर दे रही है वही आरटीओ ऑफिस खैराबाद के कर्मचारी सड़क सुरक्षा के नियमों को व्यवसाय में बदलने का हुनर जानते हैं यदि आप सड़क सुरक्षा माह मनाते हुए सभी नियमों का पालन करना चाहते हैं तो आपको आरटीओ ऑफिस में जगड़ा हुआ मकड़जाल की तरह भ्रष्टाचार का दंश झेलना पड़ेगा.यदि आप अपना ड्राइवरी लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो उसके लिए पांच हजार से आठ हजार रुपए खर्च करना पड़ेगा तभी जाकर आप का लाइसेंस बन पाएगा इसके अतिरिक्त आरटीओ ऑफिस से जुड़े हुए प्रत्येक कार्य जैसे आरसी , गाड़ी के कागज बनवाने, कागज की समय सीमा बढ़वाने , गाड़ियों का ट्रांसफर करवाने आरटीओ ऑफिस में गाड़ी का पंजीकरण, लाइसेंस ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) इसके साथ ही मालिकाना हस्तांतर, पता बदलना, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीकरण सभी कार्यों के लिए आरटीओ ऑफिस में काम करवाने का तरीका एक ही है वह आप समझ जाइए। 

टालमटोल होगी और आरटीओ ऑफिस के बाबू आपका काम नहीं करेंगे और आरटीओ ऑफिस में तैनात अधिकारी भी आपकी बात नहीं सुनेंगे 
वैसे आरटीओ ऑफिस इस समय दलालों के चंगुल में है।ऑफिस का सारा कार्य दलाल ही करते हैं।ऐसा हम नही कह रहे बल्कि आरटीओ ऑफिस की ये तस्वीरें कुछ ऐसा ही हाल बयान कर रही हैं । लाइसेंस बनवाना हो या रिनिवल करवाना हो या फिर किसी गाड़ी का परमिट लेना हो सबके लिए आपको दलालो के जरिये ही जाना पड़ेगा और उसकी बाकायदा एक सुविधा शुल्क निर्धारित है।आरटीओ भले ही कार्रवाई की बात करते हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।आरटीओ के संरक्षण में ही कार्यालय में दलाल फल फूल रहे है और दलालों के ही आड़ में आरटीओ कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी भी काली कमाई कर रहे हैं।

No comments