मातृभाषा दिवस पर अलका सिंह का काव्यपाठ
HTN Live
अजीत सिंह
मातृभाषा दिवस पर जानी मानी कवि और उपन्यासकार सुश्री नीलम सक्सेना चंद्रा द्वारा फेसबुक लाइव पोएट्री सेशन आयोजित किया गया जिसमे मुख्य वक्ता और कवि के रूप में राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्व विश्वविद्यालय की अंग्रेजी की शिक्षक डॉ अलका सिंह ने शिरकत की। उन्होंने 'बसंत ऋतु , किसान और कलम ' शीर्षक कविता से सत्र का आगाज़ किया। महिला मुद्दों और सामाजिक मुद्दों विषयों को साहित्यिक और सांस्कृतिक छटा को कविताओं की श्रृंखला में पिरोते हुए वे मातृभाषा हिंदी की गति के मान और सम्मान में उत्साह और ऊर्जा से भरी कविताएं साझा की। अपनी कविता 'रक्त के रंग' ' संस्कृति ', 'शुचिता का रखवाला' ' प्रकाश ही प्रकाश हो ' समेत अंग्रेजी भाषा में भी कवितायेँ साझा की। कोरोना महामारी का दंश झेल रहे वैश्विक स्तर पर चुनौतियों की चर्चा करते हुए कई महत्वपूर्ण सन्देश श्रोताओं से साझा किये , जिसमे 'ईविल कोरोना' , 'कोरोना रेज़िंग द वर्ल्ड अराउंड', ' स्टे होम एंड स्टे सेफ ' ने श्रोताओं के दिल को छू लिया।
कार्यक्रम की सर्जना और उत्साह को निरंतर गति देते हुए उन्होंने भारतीय कला साहित्य , ज्ञान , विज्ञानं और वैश्विक स्तर पर हिंदी की पहचान को अपनी रचनाओं में बखूबी उकेरा। कार्यक्रम में लगभग 1100 कवि लेखक और श्रोता उपस्थित दिखे।
No comments