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योगासन में विश्व रिकॉर्ड हासिल करने वाले शख्स को डीआईजी ने किया सम्मानित

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रिपोर्ट सुशील कुमार द्विवेदी

कैंप कार्यालय पर डीआईजी डॉ राकेश व् योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी द्वारा विश्व रिकॉर्ड धारक 29 वर्षीय शिवराम गुप्ता को सम्मानित किया गया।

एवी.वाई.एम संस्था द्वारा योग में विश्व कीर्तिमान बनाने के लिए ऑनलाइन ऑडिशन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
जिसमें 29 वर्षीय शिवराम गुप्ता ने पादवृत्तासन में भाग लिया और ऑडिशन में सफलतापूर्वक चयन होने के बाद उन्होंने योगा बुक आफ रिकॉर्ड्स में अपना रिकॉर्ड बनाने का दावा प्रस्तुत किया जोकि योगा बुक आफ रिकॉर्ड्स ने स्वीकार कर लिया।

पादवृत्तासन पेट की बढ़ी हुई चर्बी को कम करने वाला आसन है। जिसमें शिवराम गुप्ता ने अब तक का सबसे लंबी अवधि 24 मिनट 45 सेकंड तक लगातार 720 बार पादवृत्तासन करके मंडल का गौरव बढ़ाया।

 शिवराम गुप्ता ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता,गुरुजन और आयुर्वेद यूनानी अधिकारी डॉ दिग्विजय नाथ को दिया।

   डीआईजी डॉ राकेश सिंह ने राकेश सिंह ने शिवराम गुप्ता की इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर अनंत शुभकामनाओं के साथ साथ उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए अपना शुभाशीष प्रदान किया।

 योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी ने बताया कि पादवृत्तासन को दोनों पैरों से एक साथ करें पैरों को ऊपर-नीचे,दायें एवं बायें चारों ओर जितना ले जा सकते हैं, उतना ले जाते हुए घुमायें। दोनों पैरों से दोनों दिशाओं से अर्थात् वामावर्त्त (क्लॉकवाइज) तथा दक्षिणावर्त्त (एंटी क्लॉकवाइज) घुमाने की क्रिया ‘पादवृत्तासन-’ कहलाती है।

लाभ- जंडा, नितम्ब एवं कमर के बढ़े हुए मेद को निश्चित रूप से दूर करता है, तथा उदर को हल्का व सुडौल बनाता है। शरीर के सन्तुलन के लिए यह बहुत उपयोगी है।

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