Crime news : कमिश्नरेट लखनऊ का पारा थाना बना रहा है मनचलों का गढ़
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तेरह साल नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ , अपराधी के दबंग होने के कारण, मिल रहा है पुलिस का सपोर्ट
लखनऊ- पारा थाना एक ऐसा थाना है जहां आये दिन लड़कियों के साथ छेड़छाड़ एक आम बात बन गई है।ऐसा ही एक मामला सदरौना गांव का है जो पारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ही आता है।आपको बता दूं कि सदरौना गांव की निवासी लड़की खुशी जिसकी उम्र अभी महज तेरह साल की है! पिता गजेन्द्र प्रसाद गौमत का निधन हो चुका है।खुशी अपने मां के साथ रहती है।मां जीवन यापन करने के लिए दूसरो के घर चूल्हा चौका व मजदूरी करके गुजर बसर करती है।रोज की तरह कल फिर मां काम के लिये गई थी।खुशी को अकेले देख कमल नाम का युवक अपने एक अन्य साथी के साथ खुशी के घर में घुस गया और तेरह साल नाबालिग लड़की खुशी के साथ छेड़छाड़ करने लगा।तथा प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाने की कोशिश भी की लड़की के बिरोध करने पर मारपीट भी किया गया।मामला जब पुलिस चौकी काँसीराम कालोनी में पंहुचा तो दबंग कमल को बचाने के लिये उसके पड़ोसी भारी संख्या में पुलिस चौकी में उपस्थित होकर चौकी प्रभारी सुभाष चंद्र यादव पर दबाव बनाने लगे।जिसको देखकर चौकी प्रभारी सुभाष चंद्र यादव ने लड़की को गलत ठहरा के चौकी से भगाने की कोशिश भी की पीड़ित का ऐसा आरोप है।
सवाल अब ये उठता है की कोई अनाथ गरीब लड़की के साथ ऐसी घटना होती है।वो न्याय की गुहार लगाने स्थानीय पुलिस चौकी या थाने पर जाती है।तो पुलिस द्वारा पीड़ित को उल्टे डांटा डपटा जाता है। उस अधार पर की उसकी माँ अकेली है गरीब है।जबकी छेड़छाड़ यौन शोषण करने वाला दबंग है उसके खिलाफ कोई डर के कारण गवाही नही देना चाहता है।और उसको बचाने के लिए उसके घर के रिश्तेदार एक होकर उसी की तरफदारी करते हैं।इसी तरह योगी सरकार की पुलिस कार्य करती रही तो कानून ब्यवास्था से लोगो का विश्वास उठ जायेगा।और अनाथ गरीब लड़कियां आये दिन कमल जैसे मनचलो की शिकार होती रहेंगी।
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