बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में 28 सालों बाद फैसला आया किंतु न्याय नहीं मिला।
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Chief Editor HTN LIVE
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में 28 सालों बाद लखनऊ सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले में आर एस एस, भाजपा और विहिप के सभी प्रमुख नेताओं को बरी कर दिया गया जो उस समय मौके पर उपस्थित थे। फैसला आया किंतु न्याय नहीं मिला। इस फैसले से जनता के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ढांचे के ध्वंस को एक अपराधिक कृत्य माना था आखिर, इसके जिम्मेदार कौन लोग हैं ।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी राज्य कमेटी ने मांग की है कि सीबीआई को इस फैसले के विरुद्ध उच्चतर न्यायालय में अपील करनी चाहिए ताकि ढांचे के ध्वंस के लिए जिम्मेदार लोगों को जनता के सामने लाया जा सके और उन्हें सजा दिलाई जा सके।
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