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India Nepal border : नेपाल के पहाड़ों पर हो रही बारिश से तराई में मुश्किलें बढ़ने के आसार

HTN Live

रेल सेवा बंद होने से रेल लाइन को खतरा बढ़ने के साथ हजारों एकड़ कृषि भूमि व दर्जनों गांवों के शारदा में समाने का खतरा बढा


वन कर्मी रात्रि गश्त में डटे


आदेश शर्मा जिला ब्यूरो लखीमपुर-खीरी

नेपाल के पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश के चलते नेपाल से आने वाली नदियों में जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा है जिसके कारण नदियों के किनारे बसे इलाकों में लोगों की दहशत बढ़ने लगी है

इंडो नेपाल बार्डर पर बहने बाली मुहाना व करनाली नदियों में पानी बढ़ने से तिकोनिया क्षेत्र के खरैटिया नवा पिंड गांव टापू वन कर रह गया है लोग सिर्फ नावों से ही आजा पारहे हैं

कौड़ियाला घाट पर पानी बढ़ने से सीमा पर बसे अंतिम भारतीय गांव चौगुर्जी से खरीददारी करने तिकोनिया आना जाना असंभव हो रहा है

कौड़ियाला के पास के गांवों में शौचालय नहीं बनने के चलते महिला में परेशान

मुहाना का जल स्तर बढ़ने से दुधवा नेशनल पार्क के सीमा से सटे निचले इलाकों में पानी भरने से वन्य जीवन भी अस्त व्यस्त हो रहा है

वन्य जीवों के नागरिक क्षेत्रो की तरफ पलायन करने से उनके शिकारियो के सक्रिय होने की संभावना के चलते सीमा से सटी बेलराऊ रेंज में वन कर्मियों व शशष्त्र सीमा बल द्वारा रात्रि गश्त भी प्रारम्भ करदी गयी है

मैलानी से नानपारा के बीच चलने वाली छोटी लाइन रेल सेवा बंद किये जाने के बाद इस रूट पर भीरा व पलिया कला स्टेशनों के बीच शारदा नदी का जल स्तर बढ़ने के साथ रेल लाइन पार बसे दर्जनों गांवों में बाढ़ कटान का खतरा मंडराने लगा है लोग दहशत में आगये है क्यो कि बीते वर्षों में शारदा नदी अपने मार्ग को छोड़ कर दसियो किलो मीटर दक्षिण भीरा के करीब पहुंच चुकी है प्रतिवर्ष रेलवे विभाग द्वारा रेल लाइन को बचाने के लिये करोड़ों रुपये का पत्थर रेल लाइन को बचाने के लिये डलवाया जाता था जो एक मजबूत बंधे का काम करते हुये शारदा के विकराल प्रवाह को नियंत्रित करके उसे शारदा पुल के नीचे से ही बहने देता था पर इस बार रेल सेवा बंद होने के बाद मटेहिया, बोझवा,दौलतापुर के पास जहां पूर्व में रेल लाइन के नीचे शारदा का रिसाव होने की घटना में होने पर हफ्तो रेल रोक कर रात दिन रेल ट्रेक पर पत्थर आदि डाल कर पानी का बहाव कटान रोका जाता था अबकी बार कोई काम न होने से इस क्षेर्त में शारदा कटान का खतरा बढ़ गया है

जिससे न केवल रेल लाइन बल्कि कयी गांवों सहित हजारों हेक्टेयर  कृषि भूमि के शारदा की भेंट चढ़ जाने की दहशत पैदा हो चली है

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