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अस्था : अट्ठावन साल पहले बना था तीन ग्रहण का ऐसा योग: आचार्य हरिशंकर मिश्रा

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    इस ग्रहण के योग से प्रभावित होगी धरती


लखनऊ जून से जुलाई के मध्य भारतीय कैलेंडर के अनुसार तीन ग्रहण का योग पड़ रहा है। देश के प्रसिद्धि आचार्य हरिशंकर मिश्रा ने विश्व स्तर पर लोगों से सतर्क रहने का सुझाव दिया है।
आचार्य हरिशंकर ने 1 महीने में होने वाले 3 ग्रहणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि  पूरे विश्व को 
अभी सावधानी में रहना है...आने वाले समय मे प्राकृतिक आपदाओं के संकेत हैं। जून से जुलाई के मध्य ब्रह्मांड में तीन ग्रहण में घटित हो रहे हैं ।
इसमे पहला ग्रहण 5 जून शुक्रवार दूसरा 5 जुलाई रविवार को चंद्र ग्रहण तथा तीसरा  21 जून रविवार को सूर्य ग्रहण पड़ेगा ।
जाने ग्रहण का समय...
5 जून ज्येष्ठ मास पूर्णिमा को पूर्ण चंद्र ग्रहण..रात 11:15 बजे से प्रारंभ होकर 12:45 तक सबसे ज्यादा प्रभाव में रहेगा फिर 6 जून को 2:34 पर समाप्त हो जाएगा ।
यह चंद्रग्रहण भारत में प्रचछया/ पैनंब्रल चंद्र ग्रहण के रूप में दिखाई देगा ! पंचांग में इसका धार्मिक कर्मकांड का उल्लेख नहीं मिलता । यह चंद्र ग्रहण पूरे यूरोप एशिया अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में दिखाई देगा। 
ग्रहण की अवधि 3 घंटे 15 मिनट होगी ।
इस ग्रहण के कारण भारत का पड़ोसी देशों से संबंध भी प्रभावित हो सकता है
 ग्रहों की स्थिति को देखते हुए अनुमान है कि महामारी का प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है।  
इस ग्रहण के समय ग्रहों की चाल से बड़ी-बड़ी प्राकृतिक आपदाएं आने के भी संकेत मिल रहे हैं... आंधी, तूफान,महामारी आदि से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। 
 58 वर्ष पूर्व 1962 में भी इसी तरह तीन ग्रहण हुए थे। उस समय 17 जुलाई 1962 को चंद्र ग्रहण, 31 जुलाई 1962 को सूर्य ग्रहण, 15 अगस्त को पुनः चंद्रग्रहण हुआ था।

सितंबर 2020 के माह में केतु के राशि परिवर्तन और गुरु के साथ शनि के मार्गी हो जाने से प्राकृतिक आपदाओं के हालातों में सुधार आने की संभावना होगी और इस संक्रमण से मुक्ति मिलने के आसार भी होंगे।
क्या करे उपाय
ग्रहण के दौरान संबंधित ग्रहों के मंत्र का जाप करने से कष्ट कम होंगे। स्वच्छ रहे और नियमित रूप से अपने इष्टदेव का ध्यान करें।
श्री श्री आनंद आश्रम के प्रवक्ता ललित किशोर तिवारी ने बताया  कि अभी कोरोना बीमारी के कारण मंदिर बन्द है। मंदिर प्रांगण 8 जून से खुलेगा। मंदिर में प्रवेश और पूजा के समय सामाजिक दूरी का पालन किया जाएगा तथा सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशो के तहत मंदिर खोला जाएगा।
भक्तों को निर्देशित किया गया है कि उनको मास्क धारण करना होगा तथा पूरे परिसर का सेनेटाइजेशन किया जाएगा।

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