जिला अस्पताल के पास नैमिष हॉस्पिटल व लखनऊ डॉनोस्टिक सेंटर/पैथोलॉजी सीज
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सरकारी अस्पताल के डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों से मोटी रकम लेकर करते है डिलेवरी
सीतापुर सीएमओ ऑफिस के चंद कदमों पर चल रहे हैं फर्जी अस्पताल जहाँ पर कई प्रेग्नेंट महिलाओं की जाने जा चुकी हैं अभी कुछ दिन पहले ग्राम भगवानपुर थाना रामकोट की एक महिला की डॉक्टर की लापरवाही से फर्जी नर्स ने गलत इंजेक्शन लगा दिया उस महिला की तुरंत मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने परिवार वालों को समझा बुझाकर कहा इसको तुरंत लखनऊ ले जाओ बच जायेगी जब कि उसकी मौत अस्पताल में ही हो चुकी थी। क्योंकि मरीजों को अस्पतालों में जरनिक दवाइयां दी जाती है इसलिये मरीजों का लम्बे समय तक इलाज चले क्योंकि तीमारदारों से मोटी रकम वसूली जाती है जो गरीब होते हैं वो सब कुछ गिरमी रख देते हैं और अस्पताल के बिल का भुगतान करना पड़ता हैं सूत्रों से जानकारी के अनुसार मृतक महिला के परिवार वालों ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है। ऐसे अस्पतालों में देखा जाए बहुत सी कमियां है झोलाछाप डॉक्टरों व आशाओं के सहारे मरीज लाए जाते हैं इनको अस्पताल से 30 से 40% कमीशन दिया जाता है। शहर में कुछ ऐसे अस्पताल फल फूल रहे है जिसमें डॉक्टरों की डिग्रियां फर्जी लगी है जिसकी शिकायत सीएमओ व स्वास्थ्य महानिदेशक तक की जा चुकी है ऐसे अस्पतालों को चिन्हित कर अस्पतालों व डॉक्टरों के दस्तावेजों की जाँच कर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
सरकारी अस्पताल के डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों से मोटी रकम लेकर करते है डिलेवरी
सीतापुर सीएमओ ऑफिस के चंद कदमों पर चल रहे हैं फर्जी अस्पताल जहाँ पर कई प्रेग्नेंट महिलाओं की जाने जा चुकी हैं अभी कुछ दिन पहले ग्राम भगवानपुर थाना रामकोट की एक महिला की डॉक्टर की लापरवाही से फर्जी नर्स ने गलत इंजेक्शन लगा दिया उस महिला की तुरंत मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने परिवार वालों को समझा बुझाकर कहा इसको तुरंत लखनऊ ले जाओ बच जायेगी जब कि उसकी मौत अस्पताल में ही हो चुकी थी। क्योंकि मरीजों को अस्पतालों में जरनिक दवाइयां दी जाती है इसलिये मरीजों का लम्बे समय तक इलाज चले क्योंकि तीमारदारों से मोटी रकम वसूली जाती है जो गरीब होते हैं वो सब कुछ गिरमी रख देते हैं और अस्पताल के बिल का भुगतान करना पड़ता हैं सूत्रों से जानकारी के अनुसार मृतक महिला के परिवार वालों ने न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है। ऐसे अस्पतालों में देखा जाए बहुत सी कमियां है झोलाछाप डॉक्टरों व आशाओं के सहारे मरीज लाए जाते हैं इनको अस्पताल से 30 से 40% कमीशन दिया जाता है। शहर में कुछ ऐसे अस्पताल फल फूल रहे है जिसमें डॉक्टरों की डिग्रियां फर्जी लगी है जिसकी शिकायत सीएमओ व स्वास्थ्य महानिदेशक तक की जा चुकी है ऐसे अस्पतालों को चिन्हित कर अस्पतालों व डॉक्टरों के दस्तावेजों की जाँच कर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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