सौभाग्य योजना के तहत मिलने बाला लाखो का सामान कौड़ियों में बेंचा
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कागजों में कर दिए कनेक्शन लेकिन धरातल पर केवल लटके मीटर
शाहजहांपुर(जलालाबाद)केंद्र सरकार ने हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए अक्तूबर 2017 में सौभाग्य योजना शुरू की थी। इसमें बीपीएल को मुफ्त और अन्य को किस्तों में भुगतान के आधार पर कनेक्शन दिए गए।
मार्च 2019 में जब यह योजना बंद हुई तब तक यूपी में 97 लाख नए बिजली कनेक्शन इस योजना में जारी किए गए थे।जबकि 12 लाख कनेक्शन होना अभी बाकी है जिसके कारण यह योजना 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ा दी गई है।
शाहजहांपुर में अभी तक लगभग 55 से 60 हजार मीटर लगाए गए है ।इस योजना का टेंडर बजाज कंपनी को मिला। बजाज कंपनी का सारा काम जिले में कम्पनी प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज यादव व असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर अमित प्रताप सिंह देखते है बजाज कंपनी ने छोटे छोटे ठेकेदारों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन और मीटर लगाने का काम सौंप दिया।और इस काम को करने के बाद संतुस्ट होने के बाद बजाज कंपनी ठेकेदार का भुगतान करती है।बजाज कंपनी के काम का सर्वे टाटा कंपनी करती है ।जब ऊपर से लेकर नींचे तक सभी एकजुट होकर योजना को पलीता लगाने में जुट जाएं तो इस योजना की बदनामी होने से कोई नही रोक सकता।इस योजना के तहत सरकार ने एक मीटर,बिजली का बोर्ड एमसीबी होल्डर सहित,एलईडी बल्ब,खम्भे तक बिजली का तार,बिजली के तार की सपोर्ट के लिये लोहे का तार,तार की सुरक्षा के लिए लोहे का पाइप दिया लेकिन कंपनी के अधिकारियों की शह पर ठेकेदारों ने फ्री दिए जाने बाले सामान को कौड़ियों के भाव बेंच लिया।यही नही ग्राम प्रधान के यहां कनेक्शन लेने बालों के कागज मंगवा कर केवल मीटर और बोर्ड पकड़ा दिया और कह दिया कि घर पर मिस्त्री आकर लाइन जोड़ जाएगा।लेकिन छह महीने से ज्यादा का समय हो जाने के बाबजूद अभी तक ग्रामीणों के कनेक्शन नही चालू किये ।ग्राम रूपापुर निवासी रुद्रभान सिंह ने बताया कि उनके गॉव में छह महीने पहले प्रधान के घर पर मीटर मिल गए थे लेकिन कनेक्शन अभी तक नही चालू किये गए।इसके साथ उनको कोई अन्य सामान नही मिला इसके अलावा गॉव के 80 प्रतिशत लोगों के साथ यही किया गया है किसी किसी ने खुद अपना मिस्त्री बुलवाकर लाइन चालू करवा ली।अब सवाल यह उठता है कि आखिर निःशुल्क मिलने बाला यह सामान हितग्राहियों को नही मिला तो यह समान गया कहां जोकि जांच का विषय है।
कागजों में कर दिए कनेक्शन लेकिन धरातल पर केवल लटके मीटर
शाहजहांपुर(जलालाबाद)केंद्र सरकार ने हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए अक्तूबर 2017 में सौभाग्य योजना शुरू की थी। इसमें बीपीएल को मुफ्त और अन्य को किस्तों में भुगतान के आधार पर कनेक्शन दिए गए।
मार्च 2019 में जब यह योजना बंद हुई तब तक यूपी में 97 लाख नए बिजली कनेक्शन इस योजना में जारी किए गए थे।जबकि 12 लाख कनेक्शन होना अभी बाकी है जिसके कारण यह योजना 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ा दी गई है।
शाहजहांपुर में अभी तक लगभग 55 से 60 हजार मीटर लगाए गए है ।इस योजना का टेंडर बजाज कंपनी को मिला। बजाज कंपनी का सारा काम जिले में कम्पनी प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज यादव व असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर अमित प्रताप सिंह देखते है बजाज कंपनी ने छोटे छोटे ठेकेदारों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन और मीटर लगाने का काम सौंप दिया।और इस काम को करने के बाद संतुस्ट होने के बाद बजाज कंपनी ठेकेदार का भुगतान करती है।बजाज कंपनी के काम का सर्वे टाटा कंपनी करती है ।जब ऊपर से लेकर नींचे तक सभी एकजुट होकर योजना को पलीता लगाने में जुट जाएं तो इस योजना की बदनामी होने से कोई नही रोक सकता।इस योजना के तहत सरकार ने एक मीटर,बिजली का बोर्ड एमसीबी होल्डर सहित,एलईडी बल्ब,खम्भे तक बिजली का तार,बिजली के तार की सपोर्ट के लिये लोहे का तार,तार की सुरक्षा के लिए लोहे का पाइप दिया लेकिन कंपनी के अधिकारियों की शह पर ठेकेदारों ने फ्री दिए जाने बाले सामान को कौड़ियों के भाव बेंच लिया।यही नही ग्राम प्रधान के यहां कनेक्शन लेने बालों के कागज मंगवा कर केवल मीटर और बोर्ड पकड़ा दिया और कह दिया कि घर पर मिस्त्री आकर लाइन जोड़ जाएगा।लेकिन छह महीने से ज्यादा का समय हो जाने के बाबजूद अभी तक ग्रामीणों के कनेक्शन नही चालू किये ।ग्राम रूपापुर निवासी रुद्रभान सिंह ने बताया कि उनके गॉव में छह महीने पहले प्रधान के घर पर मीटर मिल गए थे लेकिन कनेक्शन अभी तक नही चालू किये गए।इसके साथ उनको कोई अन्य सामान नही मिला इसके अलावा गॉव के 80 प्रतिशत लोगों के साथ यही किया गया है किसी किसी ने खुद अपना मिस्त्री बुलवाकर लाइन चालू करवा ली।अब सवाल यह उठता है कि आखिर निःशुल्क मिलने बाला यह सामान हितग्राहियों को नही मिला तो यह समान गया कहां जोकि जांच का विषय है।
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