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नगर निगम की लापरवाही इस बारिश में बन सकती है मुसिबत इलाके के लोग कूड़े से पाट रहे नाले, नगर निगम नहीं कर रहा कार्रवाई

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नालों पर अवैध कब्जे होने से साफ नहीं किये गये नाले
हुसैनाबाद के नालों पर अवैध कब्जे बरकरार

जे पी द्विवेदी उप सम्पादकलखनऊ । नगर निगम एक बार फिर बारिश के दौरान शहर को बेहाल करने की तैयारी में है। शहर में मॉनसून की दस्तक हो चुकी है। रविवार की सुबह एक घंटे की बारिश के बाद मंगलवार को चंद मिनट की बारिश ने नगर निगम की पोल खोल दी है। शहर में अभी भी नाले गंदगी से पटे पड़े हैं। पुराने लखनऊ के हुसैनाबाद युनिटी कालेज के सामने व शरीफ मंजिल से सटा नाला के अलावा कासिम अली की पुलिया, पुलिस चौकी का नाला, खदरा, सहादतगंज, वजीरबाग का नाला इन दिनों पटा पड़ा है।
हालात देखने से साफ जाहिर हो रहा है कि नगर निगम शहर को बहाल नहीं बल्कि बेहाल करने मं लगा है। हालांकि नगर निगम ने 15 अप्रैल से नालों की सफाई का अभियान शुरू कर बारिश से पहले काम पूरा करने का लक्ष्य बनाया था। नगर निगम के दस्तावेजों पर भले ही शहर के नाले व नालियां पूरी तरह साफ हो गयीं हो, मगर सच्चाई यह है कि आज भी शहर के कई नाले गंदगी से पटे पड़े हैं। पुराने लखनऊ की बात की जाये तो यहां भी नालों की हालत खस्ता है। जोन-6 के वजीरबाग में घनी आबादी है। यहां कूड़ाघर नहीं है। ऐसे में लोग कूड़ा नाले में डालते हैं यह फिर चोरी छिपे रात को सड़क के दाहिनें व बाएं फेक देते हैं। नालों में कूड़ा फेकने पर पानी का बहाव रुक जाता है। मामूली बारिश में नाला चोक हो जाता है। ऐसे में पानी बाहर निकल कर सड़क व आसपास के घरों में चला जाता है।
यही हाल हुसैनाबाद के सरकटा नाले का है। हुसैनाबाद के युनिटी कालेज के सामने नाले पर अवैध कब्जे बरकरार हैं। नाले को ढक कर लोगों ने दुकानें संचालित कर रखी हैं। यहां नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं करता। दरअसल इलाके में रहने वाले उन लोगों की दुकानें हैं जिनकी नगर निगम पर हनक चलती है। यहां न अतिक्रमण पर कार्रवाई होती है और न ही नालों पर से अतिक्रमण हटाया जाता है। 
यही हाल हुसैनाबाद पुलिस चौकी के निकट कासिम अली की पुलिया वाले नाले का है। यहां पर भी नालों पर अवैध कब्जे हैं। नाले पर दुकान व मकान बने हुए है। आसपास के लोग घरों व दुकानों का कूड़ा इसी नाले में डालते हैं। नतीजा यह होता है कि नाला हल्की बारिश में भर जाता है। जिसका गंदा पानी घरों में घुसने लगता है। ऐसे मौके पर लोग नगर निगम पर अंगुली उठाते हैं। 
हुसैनाबाद स्थित शरीफ मंजिल व सुरैया मंजिल के निकट नाले की बात करें तो यहां भी लोग घरों का कूड़ा नाले में डाल देते हैं। बड़ी तादात में कूड़ा पडऩे से नाला पूरी तरह चोक होने की कगार पर आ जाता है। वहीं हल्की सी बारिश भी इस नाले को और भी उफान में बदल देती है। 
पुराने लखनऊ के बड़े इमामबाड़े के पीछे के नाले की बात की जाये तो आज भी यह नाला गंदगी से पटा हुआ है। नगर निगम की ओर से कई बार साफ-सफाई व्यवस्था की गयी, मगर यहां आसपास के लोगों ने इस नाले की सूरत बिगाड़ दी है। झोपड़-पट्टी व फुटपाथ दुकानदारों ने कूड़े से नाले को और भी गंदा कर दिया है। यहां लोग कचरा व कूड़ा इसी नाले में डाल देते हैं। जिससे की नाला पूरी तरह पटा हुआ है।
वहीं खदरा इलाके के बात की जाये तो बंधे से सटा बाबा का पुरवा और मशालची टोला के नाले भी गंदगी का शिकार है। कई बार यहां नाले साफ हुए मगर चंद दिनों में यहां के नाले कूड़े से पट जाते हैं। दरअसल यहां तकरीबन 50 फीसदी लोग चमड़े और रेक्सीन का कारोबार करते हैं। यहां घर-घर में चप्पल और जूते का काम होता है। भारी मात्रा में चमड़े और रेक्सीन की कतरन इसी नाले में डाल दी जाती है। वहीं घनी आबादी के लोग घरों का कूड़ा भी नाले में डाल देते हैं। ऐसे में हल्की सी बारिश से यहां का नाला पूरी तरह भर जाता है। खास बात यह है कि नाला खुला हुआ है। इस खुले नाले में अक्सर लोग गिर भी चुके हैं। मगर कोई हादसा नहीं हुआ। बाबा का पुरवा और मशालची टोला में नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं करता। यही वजह है कि लोगों ने नाले पर भी अवैध कब्जे करके दुकान और मकान बना लिए हैं। जानकार के अनुसार यह सभी नाले सरकटा नाले से जुड़े हुए हैं। 
वहीं हैदर कैनाल नाले का रुख किया जाये तो लालकुआं वॉर्ड निवासी बताते हैं कि वॉर्ड में अभी नालों की सफाई नहीं हुई है। यहां का नाला हैदर कैनाल जाता है, जिसमें शहर के कई छोटे नाले गिरते हैं। इसके बाद भी नगर निगम कर्मचारियों ने इलाके का रुख नहीं किया है, जबकि यह लखनऊ का सबसे लंबा नाला है। 
केसरीखेड़ा के लोगों नेे बताया कि इलाके में नालों की सफाई करने के लिए अभी तक कोई कर्मचारी नहीं आया है। शहर में मानसून दस्तक दे चुका है। रविवार और मंगलवार को बारिश हो चुकी है। इसके बावजूद नगर निगम अभी तक नहीं चेता है। 

वही फैजुल्लागंज चतुर्थ का‌ हाल बेहाल
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अंदर सीतापुर रोड के पास कुछ ऐसी कॉलोनी है जोकि 20 साल पुरानी है यहां की आबादी लगभग 22000 के आसपास है कॉलोनी का नाम गायत्री नगर प्रीति नगर नौबस्ता है जो भी फैजुल्लागंज चतुर्थ नगरनिगम जोन 3 के अंतर्गत आता है यह उत्तर प्रदेश की राजधानी की है यहां की जनता की मूलभूत सुविधाओं से वंचित है इन कालोनियों की मुख्य परेशानी जल निकासी कोड़ों की ढ़ेर हजारों तादाद में गंदे जानवर बच्चों को स्कूल न जाना लगा रहता है लगातार यहां की मुख्य परेशानी जल निकासी है मित्रों यहां की मुख परेशानी जल निकासी के साथ-साथ पेयजल की की है और इन कालोनियों में रोड नाला नाली से वंचित है मित्रों पिछले वर्ष की भांति यहां की जनता को डर सताने लगा है डेगू से चिकनगुनिया से महामारी से यहां की जनता काफी परेशान है हमारी टीम लगातार 3 वर्षों से प्रयास कर रही है हमारे साथ साथ इलेक्ट्रानिक मीडिया प्रिंट मीडिया लगातार यहां की जनता की मूलभूत सुविधाओं ना होने की खबर को प्रकाशित करता रहता है
हल्की बारिश में यहां की जनता काफी परेशान हो जाती है क्योंकि यहां की मुख्य परेशानी जल निकासी है घरों का पानी घरों के सामने धरना प्लॉटों का पानी घरों के सामने होना छोटे-छोटे बच्चों कुछ दिक्कत उठानी पड़ रही हैl  यह बात
Jp दिवेदी समाजसेवक हमराह कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश लखनऊ ने आज कहा

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