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पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमे से नाराज पत्रकारों ने किया मुख्यालय पर प्रदर्शन

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 एसपी खीरी को ज्ञापन देकर की निष्पक्ष जांच के बाद दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग



आदेश शर्मा जिला व्यूरो जनपद लखीमपुर खीरी
 पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज किए जाने से नाराज दर्जनों पत्रकारों ने ज़िला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और एसपी खीरी को ज्ञापन देकर मामले की निष्पक्ष जांच कराकर पत्रकार को फर्जी फ़साने वाले दोषियों  के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
 पत्रकारों पर आये दिन फर्जी मुकदमें में फसा कर उत्पीड़न के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे है। ताज़ा मामला थाना हैदराबाद का है जहां पत्रकार जीतेन्द कश्यप् के साथ भी यही हुआ।  बताते हैं कि उनके गांव के ही निवासी  राम अवतार के साथ गांव के ही प्रमोद व  गंगासागर ने दिनांक 21 मार्च 2019 को मारपीट की थी जिसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट वादी राम अवतार द्वारा  जिसकी बाद मे मौत हो गयी थी  ने स्वयं ज़िले के थाना हैदराबाद में 197/19 धारा 323 504 3/1/10 एस.सी.एस.टी में दो व्यक्तियों प्रमोद पुत्र मुन्ना व गंगासागर पुत्र ब्रजकिशोर के विरुद्ध दर्ज कराई थी बताया जाता है कि घटना होने के बाद राम अबतार स्वयं चल कर थाना हैदराबाद गया था और मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करा कर वापस अहमद नगर लौट गया था
रिपोर्ट लिखाने के समय रामअवतार के जिस्म पर ऐसी चोटे नजर नही आयी थी जिससे जान का खतरा हो बताया जाता है कि रामअवतार ने मेडिकल कराने से भी मनाकिया था और नही कराया
पर घर बापस जाने के बाद   उसी रात राम अवतार की संदेहास्पद मृत्यु हो गई मृत्यु के पश्चात मृतक के बहनोई मातादीन पुत्र चोखे लाल ने पीडित पत्रकार जितेंद्र कश्यप को उसी घटना में फर्जी नामजद करा दिया। पीडित पत्रकार को झूठा फंसाया जा रहा है।
अब सबाल यह उठता है कि राम अवतार अगर इतना ही घायल था तो उसने रिपोर्ट के बाद मेडिकल क्यो नहीं करवाया
घर पर वापस आने पर उसके साथ ऐसा क्या हुआ कि उसकी मौत हो गयी
वहीं एक सबाल यह भी उठता है कि घटना की रिपोर्ट लिखाते समय स्वंय मृतक राम औतार ने मारपीट करने वालो की रिपोर्ट दर्ज कराते समय पीडित पत्रकार का नाम क्यो नही लिया
बाद मे मृतक के रिश्तेदार ने पत्रकार का नाम क्यो जोडा
इसकी वास्तव मे जांच होनी ही चाहिये
झूठे मुकदमें में जिस सम्बन्ध में समस्त पत्रकार कलेक्ट्रेट में एकत्रित होकर पुलिस अधीक्षक खीरी को ज्ञापन दिया। इस मौके पर पत्रकार आमिर रज़ा 'पम्मी'  ने कहा यह घटना ज़िले की पहली नही है। पत्रकारों के साथ आये दिन उत्पीड़न होता है। उन्होंने कहा कि खबर प्रकाशित करने पर झूठे मुकदमें फंसाने की परमंपरा बन्द हो। अगर किसी पत्रकार के खिलाफ कोई तहरीर आए तो पहले उसकी जांच की जाये और तभी रिपोर्ट दर्ज की जाये ।
 ज्ञापन मिलने के बाद एसपी खीरी पूनम ने पत्रकारो की आश्वसन दिया है कि जाँच के बाद निर्दोष होने पर पत्रकार पर से फर्जी मुकदमा हटाया जायेगा और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।ज्ञापन देने गये पत्रकारों में आमिर रजा पम्मी, सियाराम गौढ़, सुनील पाण्डेय ,डीके मिश्रा, नरेन्द्र कुमार वर्मा, विशाल भारद्वाज, मोहम्मद लईक, आशीष राठौर, अतुल कुमार, मोहम्मद रफीक, अनूप गुप्ता, सहतून खान, आमिर खान, फराज खान, प्रभाकर, सुनहरा आदि पत्रकार उपस्थित रहे।

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