ऐतहासिक बनते लोकसभा चुनाव के मुद्दों में आतंकी अजहर मसूद का नाम अन्तर्राष्ट्रीय सूची में शामिल होने पर चुनावी मुद्दा बनने पर विशेष-
HTN Live
✒सुप्रभात-सम्पादकीय✒
कल हमने अपनी संपादकीय में इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव में तेजी से बदल रहे चुनावी मुद्दों पर चर्चा करते हुए इसे ऐतिहासिक अभूतपूर्व बताया था। कल हमने तमाम मुद्दों की चर्चा करते हुए नए चुनावी मुद्दे के रूप में कांग्रेस के जनक कहे जाने वाले गांधी परिवार के वर्तमान मुखिया राहुल गांधी की नागरिकता पर लग रहे प्रश्नचिन्ह के साथ ही पिछले सौ सालों से दुनिया में चर्चा का विषय बने हिममानवों के अस्तित्व पर चर्चा करते हुए भारतीय सेना द्वारा की गई उसकी पुष्टि पर विश्लेषण किया था और यह भी कहा था कि शेष बचे लोकसभा चुनाव के तीन चरणों के चुनाव में और कितने मुद्दे जुड़ जाएंगे इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। कल हमने आशंका व्यक्त की थी और आज आगामी लोकसभा चुनाव एक और मुद्दा आखिरकार जुड़ ही गया।यह कल से ही चुनाव का मुख्य मुद्दा बनकर चुनाव के अंतिम दौर का निर्णायक मुद्दा बन गया है। जैसा कि सभी जानते हैं कि इस बार चुनाव की शुरुआत पाकिस्तान प्रायोजित आतंक को लेकर हुयी थी और पुलवामा हमले के बाद हुई सैनिक कार्रवाई के दौरान भारतीय सेना के जांबाज बहादुर सैनिकों के पाकिस्तान में घुसकर दिखाए गए जज्बे से हुई थी। इसके बाद इस ऐतिहासिक लोकसभा चुनाव में तमाम नये मुद्दे जुड़ते गए और उन पर विपक्षी दल सत्ता दल के खेवन हार प्रधानमंत्री मोदी पर तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। खास तौर पर सेना के शौर्य के इस्तेमाल की चर्चा पर आपत्ति करते रहें हैं। हमारा देश आज से नहीं बल्कि आजादी के बाद से ही पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे भारत विरोधी अभियान की श्रंखला में उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से परेशान है और अब तक छोटे बड़े सैकड़ों आतंकी हमले हमारे देश को रक्त रंजित करते रहे हैं और यह क्रम अब तक लगातार जारी है। ऐसी कोई सरकार नहीं आई है जिस के कार्यकाल में आतंकी हमले न हुए हो। पिछली अटल बिहारी सरकार के दौरान कंधार में हमारे विमान का अपहरण करके हमारी सरकार को देश दुनिया के चर्चित खूंखार आंतकी जैश मोहम्मद संगठन के जनक आतंकी सरगना अजहर मसूद समेत पांच लोगों को बाइज्जत रिहा करने पर मजबूर किया जा चुका है। 1990 के दशक से यह आतंकी सरगना अजहर मसूद भारत में लगातार आतंकी हमले करवा कर इसका लाभ उठाता रहा है और हमारा देश लगातार इसकी आतंकी करतूतों को दुनिया के सामने रख कर उसे अन्तर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का प्रयास कर रहा है और चीन को छोड़कर दुनिया की सभी महाशक्तियां भारत के इस प्रयास का समर्थन कर रही थी लेकिन अकेला चीन ऐसा था जोकि पाकिस्तान का हमदर्द और अजर मसूद का बाप बना हुआ था और भारत के हर प्रयास में वह अपने वीटो का इस्तेमाल कर उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने में बाधक बना हुआ था। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद मोदी की अगुवाई में बनी सरकार के कार्यकाल में मोदी के हुए विशेष विदेशी यात्राओं को ले कर विपक्षी लगातार हमले बोलते रहे हैं इसके बावजूद प्रधानमंत्री लगातार अपने चुनावी सभाओं में कहते रहे हैं कि अब आतंकवादियों एवं उनके आकाओं की सफाई करने का समय आ गया है और आतंकवादियों को यह एहसास होने लगा है पीएम मोदी घर में घुसकर आतंकियों को मारने से मानने वाला नहीं है। इसके लिए वह देश के मतदाताओं से अगले 5 साल के लिए देश की बागडोर फिर से उनके हाथों में देने के लिए अपील कर रहे थे जबकि विपक्षी दल उनकी जुबान पर ताला लगाने के लिए चुनाव आयोग के लेकर अदालत तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं। लेकिन चुनाव के अंतिम दौर में इन्हीं विदेशी यात्राओं की बदौलत एक अभूतपूर्व सफलता हमारे देश को मिली है जिससे कि हमारा देश दुनिया में गौरवान्वित हुआ है और देशवासी फूले नहीं समा रहे हैं। जो प्रयास हमारा देश पिछले एक लंबे अरसे से करता चल रहा था वह प्रयास आखिरकार कल परवान चढ़ गया है। जो चीन कल तक पाकिस्तान और अजर मसूद का बाप बना हुआ था अंततः वही दुनिया के सामने विवश होकर मजबूरी में उसका दुश्मन बन गया है। इसके फलस्वरूप आतंकी पाकिस्तान का दामाद बना हुआ अजर मसूद और उसका संगठन जैश मोहम्मद अंतरराष्ट्रीय आतंकी सूची में शामिल होकर काल के गाल में समाने की लाइन में खड़ा हो गया है। कल उसका भी नाम संयुक्त राष्ट्र संघ आतंकी सूची में अब शामिल हो गया है।अब तय हो गया है कि एक न एक दिन उसे भी लादेन की तरह उसे भी पाकिस्तान में घुसकर कुत्ते की मौत मारा जाएगा। इसके साथ ही पाकिस्तान का वह चेहरा भी बेनकाब हो गया है जिसमें वह अपने को आतंकवाद विरोधी होने के साथ ही इस खूंखार आतंकी को बेगुनाह बता कर दुनिया की आंखों में धूल झोंक रहा था। मुंबई हमले से लेकर पुलवामा हमले तक पाकिस्तान बराबर उसे बेगुनाह मानकर उसके गुनाहगार होने के सबूत हम से मांग कर दुनिया को बेवकूफ बना रहा था और सैनिक कार्यवाही के दौरान उसे सैनिक अस्पताल में भर्ती कर उसे सुरक्षा कवच प्रदान कर रहा था। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा अपनी पुरानी परम्परा के तह मांगे गए सबूत के तौर पर हमारी सेना द्वारा उसे उसके काले का कारनामों को डोजियर के रूप में दिया गया था।सेना द्वारा दिया गया प्रमाण ही आज उसे काल के गांल तक पहुंचाने में मील के पत्थर साबित हुये हैं और सेना के इन्हीं डोजियर ओं के बल पर आखिरकार वह आतंकी सूची में शामिल हो गया है। हम आज अपनी सेना को एक बार फिर बधाई देते हैं इस सफलता के बाद जहां पूरा देश खुशियां मना रहा है और विपक्षी दल इसे देश की सफलता मान रहे हैं। वही सत्ता दल इसे भारत की सफलता के साथ अपनी सरकार की सफलता मानते हुए चुनावी सभाओं में इसकी जोर शोर से चर्चा करके अपने पीठ ठोकर इसका चुनावी लाभ लेने में जुट गया है। आगामी लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के बाकी चुनाव के लिए आतंकी अजहर मसूद एक और नया मुद्दा बनकर शामिल हो गया है जो निश्चित रूप से चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है। धन्यवाद।। भूल चूक गलती माफ।। सुप्रभात/ वंदेमातरम/ गुडमॉर्निंग/ नमस्कार/आदाब/ शुभकामनाएं।।ऊँ भूर्भुवः स्वः-----/ऊँ नमः शिवाय।।।
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भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी
रामसनेहीघाट, बाराबंकी यूपी।
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✒सुप्रभात-सम्पादकीय✒
कल हमने अपनी संपादकीय में इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव में तेजी से बदल रहे चुनावी मुद्दों पर चर्चा करते हुए इसे ऐतिहासिक अभूतपूर्व बताया था। कल हमने तमाम मुद्दों की चर्चा करते हुए नए चुनावी मुद्दे के रूप में कांग्रेस के जनक कहे जाने वाले गांधी परिवार के वर्तमान मुखिया राहुल गांधी की नागरिकता पर लग रहे प्रश्नचिन्ह के साथ ही पिछले सौ सालों से दुनिया में चर्चा का विषय बने हिममानवों के अस्तित्व पर चर्चा करते हुए भारतीय सेना द्वारा की गई उसकी पुष्टि पर विश्लेषण किया था और यह भी कहा था कि शेष बचे लोकसभा चुनाव के तीन चरणों के चुनाव में और कितने मुद्दे जुड़ जाएंगे इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। कल हमने आशंका व्यक्त की थी और आज आगामी लोकसभा चुनाव एक और मुद्दा आखिरकार जुड़ ही गया।यह कल से ही चुनाव का मुख्य मुद्दा बनकर चुनाव के अंतिम दौर का निर्णायक मुद्दा बन गया है। जैसा कि सभी जानते हैं कि इस बार चुनाव की शुरुआत पाकिस्तान प्रायोजित आतंक को लेकर हुयी थी और पुलवामा हमले के बाद हुई सैनिक कार्रवाई के दौरान भारतीय सेना के जांबाज बहादुर सैनिकों के पाकिस्तान में घुसकर दिखाए गए जज्बे से हुई थी। इसके बाद इस ऐतिहासिक लोकसभा चुनाव में तमाम नये मुद्दे जुड़ते गए और उन पर विपक्षी दल सत्ता दल के खेवन हार प्रधानमंत्री मोदी पर तरह-तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। खास तौर पर सेना के शौर्य के इस्तेमाल की चर्चा पर आपत्ति करते रहें हैं। हमारा देश आज से नहीं बल्कि आजादी के बाद से ही पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे भारत विरोधी अभियान की श्रंखला में उसके द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से परेशान है और अब तक छोटे बड़े सैकड़ों आतंकी हमले हमारे देश को रक्त रंजित करते रहे हैं और यह क्रम अब तक लगातार जारी है। ऐसी कोई सरकार नहीं आई है जिस के कार्यकाल में आतंकी हमले न हुए हो। पिछली अटल बिहारी सरकार के दौरान कंधार में हमारे विमान का अपहरण करके हमारी सरकार को देश दुनिया के चर्चित खूंखार आंतकी जैश मोहम्मद संगठन के जनक आतंकी सरगना अजहर मसूद समेत पांच लोगों को बाइज्जत रिहा करने पर मजबूर किया जा चुका है। 1990 के दशक से यह आतंकी सरगना अजहर मसूद भारत में लगातार आतंकी हमले करवा कर इसका लाभ उठाता रहा है और हमारा देश लगातार इसकी आतंकी करतूतों को दुनिया के सामने रख कर उसे अन्तर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का प्रयास कर रहा है और चीन को छोड़कर दुनिया की सभी महाशक्तियां भारत के इस प्रयास का समर्थन कर रही थी लेकिन अकेला चीन ऐसा था जोकि पाकिस्तान का हमदर्द और अजर मसूद का बाप बना हुआ था और भारत के हर प्रयास में वह अपने वीटो का इस्तेमाल कर उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने में बाधक बना हुआ था। पिछले लोकसभा चुनाव के बाद मोदी की अगुवाई में बनी सरकार के कार्यकाल में मोदी के हुए विशेष विदेशी यात्राओं को ले कर विपक्षी लगातार हमले बोलते रहे हैं इसके बावजूद प्रधानमंत्री लगातार अपने चुनावी सभाओं में कहते रहे हैं कि अब आतंकवादियों एवं उनके आकाओं की सफाई करने का समय आ गया है और आतंकवादियों को यह एहसास होने लगा है पीएम मोदी घर में घुसकर आतंकियों को मारने से मानने वाला नहीं है। इसके लिए वह देश के मतदाताओं से अगले 5 साल के लिए देश की बागडोर फिर से उनके हाथों में देने के लिए अपील कर रहे थे जबकि विपक्षी दल उनकी जुबान पर ताला लगाने के लिए चुनाव आयोग के लेकर अदालत तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं। लेकिन चुनाव के अंतिम दौर में इन्हीं विदेशी यात्राओं की बदौलत एक अभूतपूर्व सफलता हमारे देश को मिली है जिससे कि हमारा देश दुनिया में गौरवान्वित हुआ है और देशवासी फूले नहीं समा रहे हैं। जो प्रयास हमारा देश पिछले एक लंबे अरसे से करता चल रहा था वह प्रयास आखिरकार कल परवान चढ़ गया है। जो चीन कल तक पाकिस्तान और अजर मसूद का बाप बना हुआ था अंततः वही दुनिया के सामने विवश होकर मजबूरी में उसका दुश्मन बन गया है। इसके फलस्वरूप आतंकी पाकिस्तान का दामाद बना हुआ अजर मसूद और उसका संगठन जैश मोहम्मद अंतरराष्ट्रीय आतंकी सूची में शामिल होकर काल के गाल में समाने की लाइन में खड़ा हो गया है। कल उसका भी नाम संयुक्त राष्ट्र संघ आतंकी सूची में अब शामिल हो गया है।अब तय हो गया है कि एक न एक दिन उसे भी लादेन की तरह उसे भी पाकिस्तान में घुसकर कुत्ते की मौत मारा जाएगा। इसके साथ ही पाकिस्तान का वह चेहरा भी बेनकाब हो गया है जिसमें वह अपने को आतंकवाद विरोधी होने के साथ ही इस खूंखार आतंकी को बेगुनाह बता कर दुनिया की आंखों में धूल झोंक रहा था। मुंबई हमले से लेकर पुलवामा हमले तक पाकिस्तान बराबर उसे बेगुनाह मानकर उसके गुनाहगार होने के सबूत हम से मांग कर दुनिया को बेवकूफ बना रहा था और सैनिक कार्यवाही के दौरान उसे सैनिक अस्पताल में भर्ती कर उसे सुरक्षा कवच प्रदान कर रहा था। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा अपनी पुरानी परम्परा के तह मांगे गए सबूत के तौर पर हमारी सेना द्वारा उसे उसके काले का कारनामों को डोजियर के रूप में दिया गया था।सेना द्वारा दिया गया प्रमाण ही आज उसे काल के गांल तक पहुंचाने में मील के पत्थर साबित हुये हैं और सेना के इन्हीं डोजियर ओं के बल पर आखिरकार वह आतंकी सूची में शामिल हो गया है। हम आज अपनी सेना को एक बार फिर बधाई देते हैं इस सफलता के बाद जहां पूरा देश खुशियां मना रहा है और विपक्षी दल इसे देश की सफलता मान रहे हैं। वही सत्ता दल इसे भारत की सफलता के साथ अपनी सरकार की सफलता मानते हुए चुनावी सभाओं में इसकी जोर शोर से चर्चा करके अपने पीठ ठोकर इसका चुनावी लाभ लेने में जुट गया है। आगामी लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के बाकी चुनाव के लिए आतंकी अजहर मसूद एक और नया मुद्दा बनकर शामिल हो गया है जो निश्चित रूप से चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है। धन्यवाद।। भूल चूक गलती माफ।। सुप्रभात/ वंदेमातरम/ गुडमॉर्निंग/ नमस्कार/आदाब/ शुभकामनाएं।।ऊँ भूर्भुवः स्वः-----/ऊँ नमः शिवाय।।।
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भोलानाथ मिश्र
वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी
रामसनेहीघाट, बाराबंकी यूपी।
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