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अस्पताल का खराब पड़ा नल, मरीजों को कैसे मिले जल

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रिपोर्ट नागेश्वर सिंह✍️ब्यूरो प्रमुख गोंड

इटियाथोक, गोंडा। जल ही जीवन है, व जल के बिना जीवन संभव नहीं है। बावजूद मई माह के शुरुआती सप्ताह में सूरज की तपन व लू के थपेड़ों ने आमजन लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। वर्तमान परिदृश्य यह है कि जल जलाती दुपहरी में सभी को अपने अपने घरों में दुबकने पर विवश होना पड़ रहा है, एवं शरीर की तपिश कम करने हेतु शीतल जल का सहारा भी लेना पड़ रहा है। परंतु इन सब से परे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटियाथोक परिसर के हालात सबसे अलग नजर आ रहे हैं। बता दें कि उक्त अस्पताल में रोजमर्रा दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से अपना इलाज कराने हेतु भीषण गर्मी में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज महिला, पुरुष ,व बच्चे आते हैं। जिन्हें पीने हेतु शुद्ध पेयजल की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। कहने को तो उक्त परिसर में दो नल लगे हुए हैं। जहां एक नल स्टॉप आवास में लगा हुआ है  दूसरा मरीजों के लिए उपलब्ध है। जो खुद काफी दिनों से बीमार पड़ा है,व जिसे सख्त इलाज की जरूरत है। वहीं इन अव्यवस्थाओं के बीच शेष कुछ बची खुची व्यवस्था लोगों में नाकाफी व नकारा साबित हो रही है। जो अपने आप में अस्पताल के सारे सुविधाओं का पोल खोलने के लिए काफी है। वहीं एक आशा कार्यकत्री ने अपना नाम न छापने की शर्त पर डरे सहमे अंदाज में बताया कि लगभग दो माह से अस्पताल का नल खराब पड़ा है। जिस कारण समस्त स्टाफ कर्मचारियों सहित मरीजों को प्यास बुझाने के लिए परिसर से बाहर का रास्ता अख्तियार करना पड़ता है। लेकिन अभी तक किसी भी जिम्मेदार द्वारा पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने का जहमत नहीं उठाया गया है। इस समस्या के संबंध में सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर शैलेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि खराब पड़ा नल  जल्द ही ठीक करवा दिया जाएगा जिससे मरीजों को कोई परेशानी न उठानी पड़े।

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