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जुलूस आयोजन के सम्बन्ध में निर्वाचन आयोग ने जारी किये दिशा निर्देश

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*बहराइच*। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के साधारण आचरण के सम्बन्ध में जारी की गयी आदर्श आचार संहिता में जुलूस आयोजन के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये हैं कि जुलूस का आयोजन करने वाले दल या अभ्यर्थी को पहले ही यह बात तय कर लेनी चाहिए कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा, किस मार्ग से होकर जायेगा और किस समय और किस स्थान पर समाप्त होगा। कहा गया है कि सामान्यतः कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं होने चाहिये।

जुलूस में शामिल लोगों द्वारा ऐसी चीज़ें लेकर चलने के विषय में जिनका आवांछनीय तत्वों द्वारा, विशेष रूप से उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता है, राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को उन पर अधिक से अधिक नियंत्रण रखना चाहिये। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को अन्य राजनैतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के पुतले लेकर चलने, उनको सार्वजनिक स्थान में जलाने और इसी तरह के अन्य प्रदर्शनों का समर्थन नहीं करना चाहिये।

आयोजकों को चाहिये कि वे कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को पहले से सूचना दे दें, ताकि वे आवश्यक प्रबन्ध कर सकें। आयोजकों को यह पता कर लेना चाहिये कि जिन इलाकों से होकर जुलूस गुज़रना है, उनमें कोई निबंन्धात्मक आदेश तो लागू नहीं हैं और जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष रूप से छूट न दे दी जाये, उन निर्बन्धनों की पालन करना चाहियें।

आयोजकों को जुलूस का आयोजन ऐसे ढंग से करना चाहिये, जिससे कि यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न किये बिना जुलूस का निकलना संभव हो सके। यदि जुलूस बहुत लम्बा है तो उसे उपयुक्त लम्बाई वाले टुकड़ों में संगठित किया जाना चाहिये, ताकि सुविधाजनक अन्तरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर जहाॅ जुलूस को चैराहों से होकर गुज़रना है, रूके हुए यातायात के लिए समय-समय पर रास्ता दिया जा सके और इस प्रकार भारी यातायात के जमाव से बचा जा सके।

आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार जुलूसों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि जहाॅ तक हो सके उन्हें सड़क की दायीं ओर रखा जाये और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिये। यदि दो या अधिक राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों ने लगभग उसी समय पर उसी रास्ते से या उसके भाग से जुलूस निकालने का प्रस्ताव किया है तो, आयोजकों को चाहिये कि वे समय से काफी पूर्व आपस में सम्पर्क स्थापित करें और ऐसी योजना बनाएं, जिससे कि जुलूसों में टकराव न हो या यातायात को बाधा न पहुॅचे। स्थानीय पुलिस की सहायता संतोषजनक इंतज़ाम करने के लिए सदा उपलब्ध रहेगी। इस प्रयोजन के लिए दलों को यथाशीघ्र पुलिस से सम्पर्क स्थापित करना चाहिये।

मतदान दिवस के सम्बन्ध में आयोग द्वारा सभी राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की गयी है कि, मतदान शांतिपूर्वक और सुव्यवस्थित ढंग से हों और मतदाताओं को इस बात की पूरी स्वतन्त्रता हो कि वे बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, निर्वाचन कर्तव्य पर लगे हुए अधिकारियों के साथ सहयोग करें। अपने प्राधिकृत कार्यकर्ताओं को उपयुक्त बिल्ले या पहचान पत्र दें और इस बात से सहमत हों कि मतदाताओं को उनके द्वारा दी गई पहचान पर्चियाॅ सादे (सफेद) कागज़ पर होंगी और उन पर कोई प्रतीक, अभ्यर्थी का नाम या दल का नाम नहीं होगा।

राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा मतदान केन्द्रों के निकट लगाये गये कैम्पों के नज़दीक अनावश्यक भीड़ इकट्ठी न होने दें, जिससे दलों और अभ्यर्थियों के कार्यकर्ताओं और शुभचिन्तकों में आपस में मुकाबला और तनाव न होने पाये। सभी को सुनिश्चित करना होगा कि कैम्प साधारण हों, उन पर कोई पोस्टर, झण्डें, प्रतीक या कोई अन्य प्रचार सामग्री प्रदर्शित न की जाये। कैम्पों में खाद्य पदार्थ पेश न किया जाये और भीड़ न लगाई जाये। मतदान के दिन वाहन चलाने पर लगाये जाने वाले निर्बन्धनों का पालन करने में प्राधिकारियों के साथ सहयोग करें और वाहनों के लिये परमिट प्राप्त कर लें और उन्हें उन वाहनों पर ऐसे लगा दें जिससे ये साफ-साफ दिखाई देते रहें।

आयोग द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों के अनुसार मतदाताओं के सिवाय कोई भी व्यक्ति निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये विधिमान्य पास के बिना मतदान केन्द्रों में प्रवेश नहीं करेगा। यदि निर्वाचनों के संचालन के सम्बन्ध में अभ्यर्थियों या उनके अभिकर्ताओं को कोई विशिष्ट शिकायत या समस्या हो तो वे उसकी सूचना निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त किये गये प्रेक्षकों को दे सकते हैं।

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