एलडीए के आवंटियों की उम्मीदों पर फिरा पानी, नहीं आयी ओटीएस योजना
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लखनऊ। नगर निगम में एक मुश्त समाधान योजना का 16 साल बाद लागू कर दी गई मगर एलडीए के आवंटियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। दो साल पहले सपा सरकार में प्राधिकरण व आवास एवं विकास परिषद में ओटीएस आई थी लेकिन इस बार आवंटी इंतजार करते रह गये। वर्ष 2015 में अक्टूबर से आवंटियों को इस सुविधा का लाभ मिल गया था। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद व लखनऊ विकास प्राधिकरण में ओटीएस शुरु होने से हजारों आवंटियों को लाभ मिलता। इस योजना से लंबे समय से योजनाओं में किश्ते न जमा करने वाले आवंटियों को ब्याज से राहत मिल सकती थी। आखिरी बार ओटीएस योजना मार्च 2017 तके के लिए लागू की गई थी। ओटीएस योजना का लाभ लेने के लिए आवंटियों को हर साल इंतजार रहता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए संपत्ति के अनुसार प्रारंभिक धनराशि व प्रोसेसिंग फीस जमा करनी होती है। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कई आवंटी ऐसे हैं जिनकी कई किश्तें बाकी हैं तो कईयों ने अभी तक रजिस्ट्री नहीं करायी है। ऐसे आवंटियों की किश्तों में कई हजार का ब्याज ही लगा हुआ है। पिछली बार जब ओटीएस योजना आई थी तब नोट बंदी से आवंटियों को किश्तें जमा भरने में परेशानी हो रही थी। एक ओर नगर निगम, बिजली विभाग आदि विभागों में पुराने नोट पर छूट दी गई थी वहीं एलडीए में पुराने नोट न लिए जाने के आदेश से नुकसान हुआ था। नगर निगम और लेसा में हुए करोड़ों के भुगतान से यह आंकलन किया गया था कि एलडीए को लगभग 200 करोड़ रुपये किश्तों के मिल जाते। नगर निगम में नहीं आ रहे भवन स्वामीनगर निगम में ओटीएस योजना लागू जरूर हो गई मगर काउंटर पर भवन स्वामी नहीं पहुंच रहे हैं। हालांकि बीते सप्ताह भर से करीब तीन लाख रुपये जमा हुआ है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि दो लाख पम्पलेट बंटवाएं गये हैं। इसके अलावा लाउडस्पीकर से प्रचार कराया जायेगा। होली का त्यौहार पडऩे से अभी लोग नहीं आ रहे हैं मगर होली के बाद भीड़ बढेगी। यह कारण बताया जा रहा है कि शहर में नगर निगम में करीब 5.80 लाख भवन शामिल हैं। इनमें से ढाई लाख भवन स्वामी ही गृहकर जमा करते हैं। बाकी के ढाई लाख में से 40 हजार व्यवासायिक अथवा अनावासीय मकान हैं। ऐसे में लगभग एक लाख भवन स्वामियों को ही ओटीएस का लाभ मिलना है। इनमें से काफी लोगों ने जमा कर दिया है। लेकिन अधिकारियों को उम्मीद है कि होली के बाद दायरा बढ़ेगा।
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