'मोदी ही एकमात्र इंसान है, जो राममंदिर का निर्माण करवा सकते हैं
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अयोध्या, 1 फरवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को वापस सत्ता में ला सकेंगे या नहीं, इस पर विश्लेषकों के बीच भले की एकमत न हो, लेकिन शहर के रामजन्म भूमि स्थल के पास एकत्रित लोगों का मानना है कि 'मोदी ही एकमात्र इंसान है, जो राममंदिर का निर्माण करवा सकते हैं।' रामजन्म भूमि के 'पृथक क्षेत्र' के बैरीकेड के पास माला और अन्य धार्मिक सामग्रियों को बेचने वाले 19 वर्षीय सूरज के लिए मोदी ही ऐसे व्यक्ति हैं जो राममंदिर का निर्माण करवा सकते हैं। अजमेर से राम नियाद पांडे के साथ यहां आए रमेश माली ने कहा, "केवल प्रधानमंत्री ही इसके लिए गंभीर दिखते हैं।" यहां रामायण और गीता जैसे धार्मिक किताब बेचने वाले बुजुर्ग छत्रपाल इस मामले पर निराश दिखे लेकिन उनमें थोड़ी बहुत आशा की किरण भी दिखाई दी। मंदिर के निर्माण में देरी के लिए राजनीतिक वर्ग पर गुस्सा जाहिर करते हुए, उन्होंने कहा, "क्या राजनीतिक वर्ग राम मंदिर बना पाएंगा?" सुभाष चंद्र बोस के एक प्रशंसक ने मंदिर निर्माण में देरी के लिए कांग्रेस पर आरोप मढ़ा। उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ की रहने वाली और रामजन्म भूमि के बारहवीं बार दर्शन के लिए आई सुमित्रा ने कहा कि वह और उनका परिवार इस बात को लेकर निश्चिंत है कि मोदी राम मंदिर निर्माण में मदद करेंगे। अपने परिवार के साथ पहली बार यहां आए लखनऊ के रौनक पांडे का भी ऐसा ही मानना है। जब 1992 में सोलहवीं सदी की बाबरी मस्जिद को गिराया गया था, वह कक्षा दो में पढ़ते थे। उन्होंने स्वीकार किया कि गुरुवार को यहां दर्शन से पहले उन्हें इस बारे में थोड़ा ही पता था कि कैसे यह मुद्दा लाखों हिंदुओं से जुड़ा हुआ है। इटावा के जसवंतनगर से आए रामनाथ पांडे ने हालांकि राम मंदिर के निर्माण की समयसीमा को लेकर संदेह जताया। कुंभ से यहां आए पांडे ने कहा, "मोदी तो ईमानदार हैं, लेकिन और राजनेताओं का क्या?" पांडे ने कहा, "सभी वोट बैंक के तुष्टीकरण में व्यस्त हैं।"
अयोध्या, 1 फरवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को वापस सत्ता में ला सकेंगे या नहीं, इस पर विश्लेषकों के बीच भले की एकमत न हो, लेकिन शहर के रामजन्म भूमि स्थल के पास एकत्रित लोगों का मानना है कि 'मोदी ही एकमात्र इंसान है, जो राममंदिर का निर्माण करवा सकते हैं।' रामजन्म भूमि के 'पृथक क्षेत्र' के बैरीकेड के पास माला और अन्य धार्मिक सामग्रियों को बेचने वाले 19 वर्षीय सूरज के लिए मोदी ही ऐसे व्यक्ति हैं जो राममंदिर का निर्माण करवा सकते हैं। अजमेर से राम नियाद पांडे के साथ यहां आए रमेश माली ने कहा, "केवल प्रधानमंत्री ही इसके लिए गंभीर दिखते हैं।" यहां रामायण और गीता जैसे धार्मिक किताब बेचने वाले बुजुर्ग छत्रपाल इस मामले पर निराश दिखे लेकिन उनमें थोड़ी बहुत आशा की किरण भी दिखाई दी। मंदिर के निर्माण में देरी के लिए राजनीतिक वर्ग पर गुस्सा जाहिर करते हुए, उन्होंने कहा, "क्या राजनीतिक वर्ग राम मंदिर बना पाएंगा?" सुभाष चंद्र बोस के एक प्रशंसक ने मंदिर निर्माण में देरी के लिए कांग्रेस पर आरोप मढ़ा। उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ की रहने वाली और रामजन्म भूमि के बारहवीं बार दर्शन के लिए आई सुमित्रा ने कहा कि वह और उनका परिवार इस बात को लेकर निश्चिंत है कि मोदी राम मंदिर निर्माण में मदद करेंगे। अपने परिवार के साथ पहली बार यहां आए लखनऊ के रौनक पांडे का भी ऐसा ही मानना है। जब 1992 में सोलहवीं सदी की बाबरी मस्जिद को गिराया गया था, वह कक्षा दो में पढ़ते थे। उन्होंने स्वीकार किया कि गुरुवार को यहां दर्शन से पहले उन्हें इस बारे में थोड़ा ही पता था कि कैसे यह मुद्दा लाखों हिंदुओं से जुड़ा हुआ है। इटावा के जसवंतनगर से आए रामनाथ पांडे ने हालांकि राम मंदिर के निर्माण की समयसीमा को लेकर संदेह जताया। कुंभ से यहां आए पांडे ने कहा, "मोदी तो ईमानदार हैं, लेकिन और राजनेताओं का क्या?" पांडे ने कहा, "सभी वोट बैंक के तुष्टीकरण में व्यस्त हैं।"
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