आदरणीय प्रधानमंत्री जी !न चेते तो पेंशनविहीन कार्मचारी द्वारा 2019 का इतिहास कुछ और लिखा होगा
HTN Live
कर्मचारिओं ने आपको अपना वोट देकर देश का प्रधान बनाया... बदले में आपने क्या क्या दिया ?
आपने मिनिमम पे कमीशन दिया, बोला देश और देशभक्ति का सवाल है, फिर भी कर्मचारी आपके साथ रहे।
आपने मिनिमम DA दिया, बोला देश और देशभक्ति का सवाल है, फिर कर्मचारी आपके साथ रहे।
आपने HRA 10-20-30 से कम करके 8-16-24 कर दिया , बोला देश और देशभक्ति की सवाल है, फिर भी कर्मचारी आपके साथ रहे।
आपने गैस सब्सिडी वापस माँगा, बोला देश और देशभक्ति का सवाल है, फिर कर्मचारी आपके साथ रहे।
आपने टैक्स स्लैब में सीधे 5% से 20% का स्लैब बनाया जिससे मिडिल क्लास कर्मचारी वर्ग को बहुत घाटा हुया, कर्मचारी फिर भी आपके साथ रहे ।
कर्मचारिओं को 3 साल बाद भी 7cpc का बहुत सारे भत्ते नहीं दिए । कर्मचारी फिर भी आपके साथ रहे।
मोटर वेहक़ील जैसे उत्पादों पर इन्सुरेंस में बेतहाशा वृद्वि किया, कर्मचारी आपके साथ रहे।
विश्व बाजार में पेट्रोल का दाम कम होने के बावजूद भी घरेलू बाजार में रेट बढ़ते गए तथा कंपनियों को 723% तक का मार्जिन दिया, कर्मचारी फिर भी आपके साथ रहे।
Gst लागू करते समय आपने बोला था कि केवल एक जगह टैक्स देना पड़ेगा, इनकम टैक्स देने के बावजूद भी कोई भी वस्तु के खरीदी के लिए टैक्स देना पड़ रहा है, कर्मचारी फिर भी आपके साथ रहे।
आपने एक साहसी फैसला नोटबन्दी की ... जब पूरा विपक्ष नोटबन्दी पर छाती कूट रही थी, कर्मचारी कंधे से कंधे मिलाकर आपके साथ रहे।
मिनिमम बैलेंस के नाम पर आपके बैंको ने गरीबो से हज़ारों करोड़ो रूपये की उगाही की ... कर्मचारी तब भी रोते-गाते आपके साथ रहे।
NPS जो कि आपके ही पार्टी द्वारा देश हित मे कहकर लाया गया था , अब जबकि इसका रिजल्ट आना शुरू हो गया है, (800-1000 रूपयेें पेंशन) तब नही चाहते हुए भी आपका साथ छोड़े का इच्छा जागृत करना पड़ रहा है।
वैसी देशभक्ति किस काम की जहाँ हम देशवाशियों का हित ही सुरिक्षत न हो।
देखा जाय तो कर्मचारिओं ने आपके हर कदम पर बड़ी मुस्तैदी के साथ आपके पक्ष में खड़ा रहा है। हम इसके लिए आपसे इनाम नहीं मांगता हैं। लेकिन इतना जरूर है कि हमारी जायज माँग #पुरानी_पेंशन हमें वापस पर दी जाय ।
आपका क्या है.. साहब.. आप तो जब मर्जी होगी झोला उठाकर हिमालय की तरफ निकल लेंगे लेकिन हमें तो इन्ही कुछ हजार में बुढापा गुजरना है। हमें तो इसी धारा पर रहकर वसुधैव कटुम्बकम के मूल्यों का भी पालन करना है ।
अतः एक बार पुनः ठंढे हृदय से युवाओं के भविष्य को ख्याल में रखकर सोचे और NPS रूपी राक्षस का प्रतिकार कर के OPS रूपी सत्य का प्रतिस्थापना करे।
ध्यान रहे.... मंदिर/मस्जिद हमें खाने के लिए नही देगा.... 2019 में हम सबका मुद्दा मंदिर मस्जिद नहीं, पुरानी पेंशन ही रहेगा। यदि कुछ समझ में आ रहा हो तो पुरानी पेंशन लागू कर देशहित में कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करें।
कर्मचारिओं ने आपको अपना वोट देकर देश का प्रधान बनाया... बदले में आपने क्या क्या दिया ?
आपने मिनिमम पे कमीशन दिया, बोला देश और देशभक्ति का सवाल है, फिर भी कर्मचारी आपके साथ रहे।
आपने मिनिमम DA दिया, बोला देश और देशभक्ति का सवाल है, फिर कर्मचारी आपके साथ रहे।
आपने HRA 10-20-30 से कम करके 8-16-24 कर दिया , बोला देश और देशभक्ति की सवाल है, फिर भी कर्मचारी आपके साथ रहे।
आपने गैस सब्सिडी वापस माँगा, बोला देश और देशभक्ति का सवाल है, फिर कर्मचारी आपके साथ रहे।
आपने टैक्स स्लैब में सीधे 5% से 20% का स्लैब बनाया जिससे मिडिल क्लास कर्मचारी वर्ग को बहुत घाटा हुया, कर्मचारी फिर भी आपके साथ रहे ।
कर्मचारिओं को 3 साल बाद भी 7cpc का बहुत सारे भत्ते नहीं दिए । कर्मचारी फिर भी आपके साथ रहे।
मोटर वेहक़ील जैसे उत्पादों पर इन्सुरेंस में बेतहाशा वृद्वि किया, कर्मचारी आपके साथ रहे।
विश्व बाजार में पेट्रोल का दाम कम होने के बावजूद भी घरेलू बाजार में रेट बढ़ते गए तथा कंपनियों को 723% तक का मार्जिन दिया, कर्मचारी फिर भी आपके साथ रहे।
Gst लागू करते समय आपने बोला था कि केवल एक जगह टैक्स देना पड़ेगा, इनकम टैक्स देने के बावजूद भी कोई भी वस्तु के खरीदी के लिए टैक्स देना पड़ रहा है, कर्मचारी फिर भी आपके साथ रहे।
आपने एक साहसी फैसला नोटबन्दी की ... जब पूरा विपक्ष नोटबन्दी पर छाती कूट रही थी, कर्मचारी कंधे से कंधे मिलाकर आपके साथ रहे।
मिनिमम बैलेंस के नाम पर आपके बैंको ने गरीबो से हज़ारों करोड़ो रूपये की उगाही की ... कर्मचारी तब भी रोते-गाते आपके साथ रहे।
NPS जो कि आपके ही पार्टी द्वारा देश हित मे कहकर लाया गया था , अब जबकि इसका रिजल्ट आना शुरू हो गया है, (800-1000 रूपयेें पेंशन) तब नही चाहते हुए भी आपका साथ छोड़े का इच्छा जागृत करना पड़ रहा है।
वैसी देशभक्ति किस काम की जहाँ हम देशवाशियों का हित ही सुरिक्षत न हो।
देखा जाय तो कर्मचारिओं ने आपके हर कदम पर बड़ी मुस्तैदी के साथ आपके पक्ष में खड़ा रहा है। हम इसके लिए आपसे इनाम नहीं मांगता हैं। लेकिन इतना जरूर है कि हमारी जायज माँग #पुरानी_पेंशन हमें वापस पर दी जाय ।
आपका क्या है.. साहब.. आप तो जब मर्जी होगी झोला उठाकर हिमालय की तरफ निकल लेंगे लेकिन हमें तो इन्ही कुछ हजार में बुढापा गुजरना है। हमें तो इसी धारा पर रहकर वसुधैव कटुम्बकम के मूल्यों का भी पालन करना है ।
अतः एक बार पुनः ठंढे हृदय से युवाओं के भविष्य को ख्याल में रखकर सोचे और NPS रूपी राक्षस का प्रतिकार कर के OPS रूपी सत्य का प्रतिस्थापना करे।
ध्यान रहे.... मंदिर/मस्जिद हमें खाने के लिए नही देगा.... 2019 में हम सबका मुद्दा मंदिर मस्जिद नहीं, पुरानी पेंशन ही रहेगा। यदि कुछ समझ में आ रहा हो तो पुरानी पेंशन लागू कर देशहित में कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करें।
No comments