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स्मारक-पार्कों के मेंटीनेंस में घपलेबाजी





वाटर प्यूरीफायर खराब, बोरिंग के बजट में लूट, सूख रहे पौधे
लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती के बनाये गये स्मारकों, पार्कों में अनुरक्षण के नाम पर घपलेबाजी की जा रही है। योगी सरकार ने यहां टूट फूट की मरम्मत के लिए लगभग छह करोड़ रुपये दिये। इस रकम से पार्कों और स्मारकों को नये सिरे से संवारा जाना था। लेकिन स्मारकों व पार्कों की हालत कुछ और ही बयां कर रही है। 



हाथियों को ठीक नहीं कराया गया है, तो वाटर कूलर खराब पड़े हैं। जबकि स्मारक कर्मचारी बाहर पानी की बोतल पर्यटकों को बेच रहे हैं। यही नहीं सिंचाई के लिए सबमर्सिबल बोरिंग के नाम पर भी हर वर्ष लाखों की लूट हो रही है। इससे पेड़ पौधे सूख रहे हैं। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से पहले ये सारे काम पूरे करवाये जाने के निर्देश थे। स्मारक व पार्कों में पत्थर उखड़ चुके हैं, उनको दोबारा सही करवाया जाना था। वाटर प्यूरीफायर और वाटर कूलर बदले जाने के लिए सरकार से बजट जारी हुआ था। सभी फाउंटेन दुरुस्त होते मगर फाउंटेन बंद हैं। स्मारक संरक्षण समिति की ओर से इससे संबंधित टेंडर जारी किये गये थे। मगर काम कराये ही नहीं गये और बजट खत्म हो गया। स्थिति यह है कि गोमती नगर स्थित गोमती नगर स्थित डॉ अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल में करीब चार में से दो वाटर कूलर खराब पड़े हैं। यहां देश भर से पर्यटक के रूप में आने वालों में दिल्ली के एक प्राइवेट कालेज से आये कई छात्रों ने बताया पार्क बहुत सुंदर है मगर पानी और ट्वायलेट की समस्या है। 


पार्क काफी बड़ा है, घंटों घूमने के कारण प्यास लगने पर पानी के लिए तरसना पड़ता है। उनके साथ करीब दर्जन भर लोगों का दल यहां आया था, जिसमें छात्रोंं के साथ उनके अभिभावक भी शामिल थे। इन लोगों ने बताया यहां पानी की समस्या है यह मुख्य गेट पर ही बता दिया जाता है। इससे पर्यटकों को पहले की पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है। पार्क के ही एक कर्मचारी ने बताया वाटर प्यूरीफायर सही कराने के लिए पैसा मिला था। काम नहीं कराया गया, यहां काम करने वाले कर्मचारी ही बाहर दुकान लगाकर पानी बेचते हैं। 

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