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पार्षदों के प्रस्तावों पर विधायक, मंत्री व सांसदों की सिफारिश पड़ रही भारी





लखनऊ। नगर निगम को शासन से मिलने वाले बजट में पार्षदों के प्रस्तावों पर विधायक, मंत्री और सांसदों की सिफारिश भारी पड़ रही है। इसे लेकर कार्यकारिणी सदस्यों ने बजट सदन में आपत्ति भी दर्ज करवाई थी। 14वें वित्त से नगर निगम की तरफ  से करवाये जाने वाले कामों में ज्यादातर विधायक, मंत्री और सांसदों की सिफारिश पर हो रहे हैं। कार्यकारिणी सदस्य गिरीश मिश्र और विरोधी दल के नेता यावर हुसैन रेशू ने इस पर आपत्ति जतायी है। उनके सिफारिश करने वालों को अपनी निधि से नगर निगम को बजट भी देना चाहिए। 
विपक्ष पार्षद दल के नेता यावर हुसैन ने नगर निगम सीमा में होने वाले विकास कार्यों के लिए विधायक, मंत्री और सांसदों द्वारा सिफारिश करने लेकिन अपनी निधि से बजट न देने का मुद्दा उठाया है। बजट सदन में चर्चा के दौरान उन्होंने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि नगर निगम के बजट से माननीयों के सिफारिशें पूरी की जा रही हैं। इस बीच 14वें वित्त से होने वाले कामों में पार्षदों के अलावा विधायक, मंत्री और सांसदों की सिफारिश भी शामिल हैं। इनमें पार्षदों की सिफारिश वाले काम 90, जबकि मंत्री और
सांसदों की सिफारिश वाले 130 काम शामिल हैं।

216 सड़कें चढ़ीं बारिश की भेंट 

इस साल बारिश से खराब हुई सड़कों का सर्वे पूरा हो गया है। इंजिनियरों की तरफ से नगर आयुक्त को सौंपी गयी रिपोर्ट के मुताबिक बारिश में 216 सड़कें पूरी तरह बदहाल हो गयी हैं। उखडऩे या गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़कों को तुरंत बनवाने की जरूरत है। नगर निगम ने सर्वे कर सड़कों की सूची जारी कर दी है। 
सीएम से 74वां संविधान संशोधन लागू करने की मांग  
बीजेपी पार्षदों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से शहर में 74वां संविधान संशोधन लागू करने की मांग की है। बीजेपी नेता नीरज सिंह और पार्षद दल के नेता रामकृष्ण यादव ने इस संबंध में ज्ञापन भेजा है। उनके साथ बीजेपी पार्षद दल के मुख्य सचेतक रजनीश गुप्ता, मुन्ना मिश्रा, प्रमोद सिंह राजन और सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने भी मांग की है।

शासन से मिलने वाले अतिरिक्त बजट का मालिक नगर निगम होता है। इस बजट से होने वाले कामों का फैसला भी नगर निगम सदन से ही होना चाहिए। मंत्री और विधायक भी अगर इस निधि से काम करवायेंगे तो पार्षद क्या करेंगे।

                                               गिरीश मिश्र, कार्यकारिणी सदस्य

निर्माण कार्य में अनियमितता करने वाले ठेकेदारों और मिलीभगत करने वाले अफसरों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। इतना ही नहीं सभी विभागों में हो रहे निर्माण की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था करनी चाहि, ताकि गड़बड़ी की आशंका न रहे।
मंत्री और सांसद अगर नगर निगम सीमा में कामों की सिफारिश करते हैं तो इसके लिए उन्हें नगर निगम को अपनी निधि भी देनी चाहिए। ऐसा न होने से नगर निगम पर भार बढ़ेगा और स्थानीय विकास प्रभावित होगा।
                                            यावर हुसैन रेशू, नेता विरोधी पार्षद दल

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